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BBAU में इस साल से पैरामेडिकल और एग्रीकल्चर की होगी पढ़ाई, रोजगार के लिए इनक्यूबेशन सेंटर होगा स्थापित - BBU UNIVERSITY

BBAU के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने विश्वविद्यालय में नए विभाग और कोर्स शुरू करने की घोषणा की है.

BBU के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल.
BBU के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 16, 2025 at 12:16 PM IST

3 Min Read

लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में नए सत्र से फार्मास्यूटिकल साइंस और एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए विश्वविद्यालय पैरामेडिकल का नया संकाय खोलने की तैयारी कर रहा है. वहीं, एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए हॉर्टिकल्चर विभाग को मर्ज करके नया स्कूल बनाया जाएगा. साथ ही छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए जल्दी विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा. यह जानकारी विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने दी.

कुलपति प्रोफेसर मित्तल ने बताया कि इस इनक्यूबेशन केंद्र में स्टूडेंट्स को नए स्टार्टअप शुरू करने से लेकर उसमें उद्यमिता विकास करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. वीसी ने बताया कि विश्वविद्यालय में नई कार्ययोजना और अकादमिक को लेकर होने वाले बदलाव को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी आधारित पाठ्यक्रमों का ट्रेड है. इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय अब इन सभी विषयों में नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा. इसके लिए डीन एकेडमी स्कूल को निर्देश दिया गया है. वह इससे संबंधित विभागों के साथ मिलकर कोर्स और करिकुलम तैयार करेंगे.

विश्वविद्यालय में पहली बार बनेगा प्लेसमेंट सेंटर: वीसी प्रोफेसर मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोला जाएगा. छात्रों को इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक तैयार किया जाएगा. इसके लिए दोनों पर ही हमने काम शुरू किया है. पहले एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनेगा, जिसमें छात्रों को उनकी इंडस्ट्री के डिमांड के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद का प्लेसमेंट कराया जाएगा. विश्वविद्यालय में एक अलग से प्लेसमेंट से बनेगा, जो छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने के लिए विभिन्न कंपनियों से टाइअप करेगा और साल में कम से कम दो बार बड़े प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन विश्वविद्यालय में किया जाएगा.

अंडरग्रैजुएट कोर्सेज की संख्या बढ़ाने की कवायद: कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी लेवल के कोर्सेज संचालित करने का नियम है. विश्वविद्यालय परिसर में ग्रेजुएट कोर्सेस का संचालन न के बराबर है. ऐसे में बहुत से छात्र ग्रेजुएशन के कोर्सेज ना होने के कारण पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में प्रवेश लेने में रुचि कम दिखाते हैं. कुलपति ने बताया कि डिमांडिंग ग्रेजुएट कोर्सेज शुरू करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव जल्द ही भेजा जाएगा. सत्र 2026-27 से कम से कम तीन बड़े स्नातक कोर्सेज विश्वविद्यालय परिसर में ही शुरू किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें: बुढ़ापे में जवान रहने का फार्मूला खोजने वाले डॉ. मयंक सिंह डेंड्रीमर अनुसंधान केंद्र के बने डायरेक्टर, पहली बार भारतीय को मिली नियुक्ति

लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में नए सत्र से फार्मास्यूटिकल साइंस और एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए विश्वविद्यालय पैरामेडिकल का नया संकाय खोलने की तैयारी कर रहा है. वहीं, एग्रीकल्चर का पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए हॉर्टिकल्चर विभाग को मर्ज करके नया स्कूल बनाया जाएगा. साथ ही छात्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए जल्दी विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा. यह जानकारी विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल ने दी.

कुलपति प्रोफेसर मित्तल ने बताया कि इस इनक्यूबेशन केंद्र में स्टूडेंट्स को नए स्टार्टअप शुरू करने से लेकर उसमें उद्यमिता विकास करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. वीसी ने बताया कि विश्वविद्यालय में नई कार्ययोजना और अकादमिक को लेकर होने वाले बदलाव को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और वर्चुअल रियलिटी आधारित पाठ्यक्रमों का ट्रेड है. इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय अब इन सभी विषयों में नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा. इसके लिए डीन एकेडमी स्कूल को निर्देश दिया गया है. वह इससे संबंधित विभागों के साथ मिलकर कोर्स और करिकुलम तैयार करेंगे.

विश्वविद्यालय में पहली बार बनेगा प्लेसमेंट सेंटर: वीसी प्रोफेसर मित्तल ने बताया कि विश्वविद्यालय में स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोला जाएगा. छात्रों को इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक तैयार किया जाएगा. इसके लिए दोनों पर ही हमने काम शुरू किया है. पहले एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनेगा, जिसमें छात्रों को उनकी इंडस्ट्री के डिमांड के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद का प्लेसमेंट कराया जाएगा. विश्वविद्यालय में एक अलग से प्लेसमेंट से बनेगा, जो छात्रों को प्लेसमेंट दिलाने के लिए विभिन्न कंपनियों से टाइअप करेगा और साल में कम से कम दो बार बड़े प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन विश्वविद्यालय में किया जाएगा.

अंडरग्रैजुएट कोर्सेज की संख्या बढ़ाने की कवायद: कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी लेवल के कोर्सेज संचालित करने का नियम है. विश्वविद्यालय परिसर में ग्रेजुएट कोर्सेस का संचालन न के बराबर है. ऐसे में बहुत से छात्र ग्रेजुएशन के कोर्सेज ना होने के कारण पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में प्रवेश लेने में रुचि कम दिखाते हैं. कुलपति ने बताया कि डिमांडिंग ग्रेजुएट कोर्सेज शुरू करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव जल्द ही भेजा जाएगा. सत्र 2026-27 से कम से कम तीन बड़े स्नातक कोर्सेज विश्वविद्यालय परिसर में ही शुरू किए जाएंगे.

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