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मां दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम , कवि कुमार विश्वास सुनाएंगे बस्तर के राम - BASTAR PANDUM IN DANTEWADA

बस्तर की पहचान पूरे देश दुनिया में और मजबूत होने जा रही है. दंतेवाड़ा में बुधवार से बस्तर पंडुम का आयोजन होगा.

BASTAR PANDUM IN DANTEWADA
बस्तर पंडुम का आयोजन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 1, 2025 at 9:37 PM IST

5 Min Read

दंतेवाड़ा: बस्तर में मां दंतेश्वरी माई की नगरी से प्रसिद्ध दंतेवाड़ा शहर में बस्तर पंडुम का आयोजन होने जा रहा है. 2 अप्रैल से बस्तर पंडुम की शुरुआत होगी. इस समारोह में ओडिशा,तेलंगाना,असम,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के कलाकार शामिल होंगे. इन राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुति लोगों को देखने को मिलेगी. बस्तर पंडुम में प्रसिद्ध कवि डॉक्टर कुमार विश्वास राम कथा से जुड़ी काव्यात्मक प्रस्तुति देंगे. इस आयोजन में डिप्टी सीएम विजय शर्मा शामिल होंगे.

क्यों किया गया बस्तर पंडुम का आयोजन?: बस्तर पंडुम का आयोजन छत्तीसगढ़ की आदिवासी खूबसूरती और संस्कृति से भरे क्षेत्र बस्तर के लोगों की सांस्कृतिक विशेषता को दिखाने के लिए किया गया है. कैसे बस्तर में रहने वाला आदिवासी समाज प्रकृति के साथ जीता है. कैसे बस्तर के लोग संस्कृति और सभ्यता को साथ साथ आज भी लेकर चल रहे हैं. इसे दर्शाने के लिए इसका आयोजन किया गया है. इस आयोजन का दूसरा मकसद बस्तर की अमूर्त संस्कृति को सहेजना और संवारना भी है.

Preparations For Bastar Pandum
बस्तर पंडुम की तैयारी पूरी (ETV BHARAT)

बस्तर पंडुम में 2 अप्रैल के आयोजन पर नजर: बस्तर पंडुम में दो अप्रैल को सुबह 10 बजे से दंतेवाड़ा हाई स्कूल ग्राउंड में खास आयोजन होगा. इसमें बस्तर के सातों जिले कांकेर, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर और दंतेवाड़ा के जनजाति कला की प्रदर्शनी प्रतियोगिता होगी. इसके साथ ही बस्तर संभाग के सभी जिलों की टीमें इसमें हिस्सा लेगी. इसी दिन शाम 6 बजे ओडिशा,तेलंगाना,असम,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक दल विशेष प्रस्तुति देंगे.

कुमार विश्वास सुनाएंगे बस्तर के राम : 3 अप्रैल 2025 को देश के मशहूर कवि और राम कथा वाचक डॉक्टर कुमार विश्वास की प्रस्तुति होगी. वे बस्तर के राम पर आधारित काव्यात्मक प्रस्तुति प्रस्तुत करेंगे. 4 अप्रैल को देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी. इसमें विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा.

Poet Kumar Vishwas
कवि कुमार विश्वास बस्तर पंडुम में होंगे शामिल (ETV BHARAT)

सीएम साय ने दी जानकारी: बस्तर पंडुम पर सीएम विष्णुदेव साय ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि “बस्तर पंडुम 2025” बस्तर की आत्मा से जुड़ा एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है. यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बस्तर की अस्मिता, आस्था और आकांक्षाओं का उत्सव है.

बस्तर के राम जैसे कार्यक्रम बस्तर की धरती को आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ते हैं और यह सिद्ध करते हैं कि विकास का सबसे सशक्त मार्ग संस्कृति और परंपरा से होकर जाता है. यह उत्सव बस्तर को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा और हमारी जनजातीय परंपराएं आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेंगी- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

बस्तर पण्डुम और बस्तर के राम जैसे आयोजन बस्तर क्षेत्र को भारत और विश्व से जोड़ते एक सांस्कृतिक सेतु की तरह हैं. यह हमारे सीएम विष्णुदेव साय के बस्तर क्षेत्र के समेकित विकास के संकल्प का परिचायक है.बस्तर क्षेत्र आज गर्व से साक्षी बन रहा है कि हिंसा का अंत संभव है और शांति का मार्ग संस्कृति से होकर गुजरता है- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

बस्तर संभाग के नृत्यों के बारे में जानिए: बस्तर संभाग के कई सारे नृत्यों को यहां प्रस्तुत किया जाएगा. जिसमें गेड़ी नृत्य, गौर नृत्य, ककसार, मादरी, दडामी, एबालतोर, दोरला और हुलकी पाटा शामिल है.

Musical Instruments Of Bastar
बस्तर के वाद्य यंत्र (ETV BHARAT)

अन्य नृत्यों की जानकारी

  1. हुलकी पाटा
  2. परब नाच
  3. घोटुल पाटा
  4. कोलांग पाटा
  5. डंडारी

जनजातिय लोक गीत भी किए जाएंगे प्रस्तुत

  1. लिंगों पेन
  2. रिलो गीत
  3. कोटनी
  4. जगार
  5. मरम पाटा

इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा.

जनजातीय लोक नाट्य की होगी प्रस्तुति: बस्तर पंडुम में जनजातीय लोक नाट्य की प्रस्तुति होगी. इसमें माओपाटा और भतरा नाट्य शामिल है. इसके अलावा प्रमुख जनजाति वाद्ययंत्र के तहत धनकुल,ढोल,चिटकुल,तोड़ी,अकूम,बावांसी,तिरडुडी, झाब और मांदर का संगीत सुनने को मिलेगा. बस्तर के मृदंग, बिरिया ढोल,सारंगी,गुदुग,मोहरी,सुलुड, मुंडा बाजा और चिकारा जैसे वाद्य यंत्रों का संगीत भी लोग सुन सकेंगे.

बस्तर की शिल्प कला और चित्रकला का होगा प्रदर्शन: इस आयोजन में बस्तर की शिल्पकला और चित्रकला का भी प्रदर्शन देखने को मिलेगा. घड़वा कला, मिट्टी कला,काष्ठ कला,पत्ता शिल्प,ढोकरा कला,लौह शिल्प,प्रस्तर शिल्प,गोदना शिल्प,भित्तिचित्र कला,शिसल शिल्प और कोड़ी शिल्प दिखाया जाएगा. इस चार दिवसीय आयोजन में जनजातीय पारंपरिक आभूषणों जैसे लुरकी,करधन,सुतिया,पैरी,बांहूटा,बिछियां,ऐंठी,बन्धा और फुली कला से जुड़े आभूषण दिखाए जाएंगे.

बस्तर के पर्व के बारे में भी बताया जाएगा: बस्तर पंडुम में बस्तर के पर्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. जिसमें करसाड़ भीमा जतरा,बाली परब,दियारी तिहार, लक्ष्मी जगार,नवाखानी,माटी तिहार,लारूकाज,धनकुल,गोंचा पर्व,बीज बोहनी और छेरता पर्व शामिल है. बस्तर के पेय पदार्थों को भी बस्तर पंडुम में दिखाया जाएगा. इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. जिसमें सल्फी,ताड़ी,छिन्द रस,हाडि़या,पेज और कोसमा शामिल है.

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार, सीएम साय बोले लगातार हार से बौखला गई है कांग्रेस

पोटा केबिन में पढ़ने वाले छात्र की रहस्यमयी मौत, अधीक्षक पर लगे गंभीर आरोप

बड़े नक्सल ऑपरेशन में शामिल कमांडो से अमित शाह करेंगे मुलाकात, बस्तर पंडुम में होंगे शामिल: गृह मंत्री विजय शर्मा

दंतेवाड़ा: बस्तर में मां दंतेश्वरी माई की नगरी से प्रसिद्ध दंतेवाड़ा शहर में बस्तर पंडुम का आयोजन होने जा रहा है. 2 अप्रैल से बस्तर पंडुम की शुरुआत होगी. इस समारोह में ओडिशा,तेलंगाना,असम,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के कलाकार शामिल होंगे. इन राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुति लोगों को देखने को मिलेगी. बस्तर पंडुम में प्रसिद्ध कवि डॉक्टर कुमार विश्वास राम कथा से जुड़ी काव्यात्मक प्रस्तुति देंगे. इस आयोजन में डिप्टी सीएम विजय शर्मा शामिल होंगे.

क्यों किया गया बस्तर पंडुम का आयोजन?: बस्तर पंडुम का आयोजन छत्तीसगढ़ की आदिवासी खूबसूरती और संस्कृति से भरे क्षेत्र बस्तर के लोगों की सांस्कृतिक विशेषता को दिखाने के लिए किया गया है. कैसे बस्तर में रहने वाला आदिवासी समाज प्रकृति के साथ जीता है. कैसे बस्तर के लोग संस्कृति और सभ्यता को साथ साथ आज भी लेकर चल रहे हैं. इसे दर्शाने के लिए इसका आयोजन किया गया है. इस आयोजन का दूसरा मकसद बस्तर की अमूर्त संस्कृति को सहेजना और संवारना भी है.

Preparations For Bastar Pandum
बस्तर पंडुम की तैयारी पूरी (ETV BHARAT)

बस्तर पंडुम में 2 अप्रैल के आयोजन पर नजर: बस्तर पंडुम में दो अप्रैल को सुबह 10 बजे से दंतेवाड़ा हाई स्कूल ग्राउंड में खास आयोजन होगा. इसमें बस्तर के सातों जिले कांकेर, सुकमा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर और दंतेवाड़ा के जनजाति कला की प्रदर्शनी प्रतियोगिता होगी. इसके साथ ही बस्तर संभाग के सभी जिलों की टीमें इसमें हिस्सा लेगी. इसी दिन शाम 6 बजे ओडिशा,तेलंगाना,असम,कर्नाटक,आंध्र प्रदेश और मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक दल विशेष प्रस्तुति देंगे.

कुमार विश्वास सुनाएंगे बस्तर के राम : 3 अप्रैल 2025 को देश के मशहूर कवि और राम कथा वाचक डॉक्टर कुमार विश्वास की प्रस्तुति होगी. वे बस्तर के राम पर आधारित काव्यात्मक प्रस्तुति प्रस्तुत करेंगे. 4 अप्रैल को देश के विभिन्न राज्यों से आए जनजातीय कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी. इसमें विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा.

Poet Kumar Vishwas
कवि कुमार विश्वास बस्तर पंडुम में होंगे शामिल (ETV BHARAT)

सीएम साय ने दी जानकारी: बस्तर पंडुम पर सीएम विष्णुदेव साय ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि “बस्तर पंडुम 2025” बस्तर की आत्मा से जुड़ा एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है. यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बस्तर की अस्मिता, आस्था और आकांक्षाओं का उत्सव है.

बस्तर के राम जैसे कार्यक्रम बस्तर की धरती को आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ते हैं और यह सिद्ध करते हैं कि विकास का सबसे सशक्त मार्ग संस्कृति और परंपरा से होकर जाता है. यह उत्सव बस्तर को वैश्विक सांस्कृतिक मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाएगा और हमारी जनजातीय परंपराएं आने वाली पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बनेंगी- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़

बस्तर पण्डुम और बस्तर के राम जैसे आयोजन बस्तर क्षेत्र को भारत और विश्व से जोड़ते एक सांस्कृतिक सेतु की तरह हैं. यह हमारे सीएम विष्णुदेव साय के बस्तर क्षेत्र के समेकित विकास के संकल्प का परिचायक है.बस्तर क्षेत्र आज गर्व से साक्षी बन रहा है कि हिंसा का अंत संभव है और शांति का मार्ग संस्कृति से होकर गुजरता है- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम, छत्तीसगढ़

बस्तर संभाग के नृत्यों के बारे में जानिए: बस्तर संभाग के कई सारे नृत्यों को यहां प्रस्तुत किया जाएगा. जिसमें गेड़ी नृत्य, गौर नृत्य, ककसार, मादरी, दडामी, एबालतोर, दोरला और हुलकी पाटा शामिल है.

Musical Instruments Of Bastar
बस्तर के वाद्य यंत्र (ETV BHARAT)

अन्य नृत्यों की जानकारी

  1. हुलकी पाटा
  2. परब नाच
  3. घोटुल पाटा
  4. कोलांग पाटा
  5. डंडारी

जनजातिय लोक गीत भी किए जाएंगे प्रस्तुत

  1. लिंगों पेन
  2. रिलो गीत
  3. कोटनी
  4. जगार
  5. मरम पाटा

इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कार दिया जाएगा.

जनजातीय लोक नाट्य की होगी प्रस्तुति: बस्तर पंडुम में जनजातीय लोक नाट्य की प्रस्तुति होगी. इसमें माओपाटा और भतरा नाट्य शामिल है. इसके अलावा प्रमुख जनजाति वाद्ययंत्र के तहत धनकुल,ढोल,चिटकुल,तोड़ी,अकूम,बावांसी,तिरडुडी, झाब और मांदर का संगीत सुनने को मिलेगा. बस्तर के मृदंग, बिरिया ढोल,सारंगी,गुदुग,मोहरी,सुलुड, मुंडा बाजा और चिकारा जैसे वाद्य यंत्रों का संगीत भी लोग सुन सकेंगे.

बस्तर की शिल्प कला और चित्रकला का होगा प्रदर्शन: इस आयोजन में बस्तर की शिल्पकला और चित्रकला का भी प्रदर्शन देखने को मिलेगा. घड़वा कला, मिट्टी कला,काष्ठ कला,पत्ता शिल्प,ढोकरा कला,लौह शिल्प,प्रस्तर शिल्प,गोदना शिल्प,भित्तिचित्र कला,शिसल शिल्प और कोड़ी शिल्प दिखाया जाएगा. इस चार दिवसीय आयोजन में जनजातीय पारंपरिक आभूषणों जैसे लुरकी,करधन,सुतिया,पैरी,बांहूटा,बिछियां,ऐंठी,बन्धा और फुली कला से जुड़े आभूषण दिखाए जाएंगे.

बस्तर के पर्व के बारे में भी बताया जाएगा: बस्तर पंडुम में बस्तर के पर्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. जिसमें करसाड़ भीमा जतरा,बाली परब,दियारी तिहार, लक्ष्मी जगार,नवाखानी,माटी तिहार,लारूकाज,धनकुल,गोंचा पर्व,बीज बोहनी और छेरता पर्व शामिल है. बस्तर के पेय पदार्थों को भी बस्तर पंडुम में दिखाया जाएगा. इसकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. जिसमें सल्फी,ताड़ी,छिन्द रस,हाडि़या,पेज और कोसमा शामिल है.

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