बड़वानी: विश्व सिकल सेल दिवस पर बड़वानी के ग्राम तलून में राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन 2047 के तहत गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन हुआ था. जिसमें महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल शामिल हुए. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पहुंचा था, लेकिन बारिश और खराब मौसम के कारण उनको अपना दौरा निरस्त करना पड़ा. वहीं, मुख्यमंत्री इंदौर से ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़े.
सिकेल सेल कार्यक्रम के लिए बड़वानी को क्यों चुना?
प्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा, "पूरे विश्व में जहां पर भी सिकल सेल के रोगी हैं, वहां पर कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. बड़ी संख्या में बड़वानी जिले को सिकल सेल के रोगी होने कारण बड़वानी जिले को कार्यक्रम के लिए चुना गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि जिलेवासी जागरूक होकर इस बीमारी से स्वयं को और आने वाली पीढ़ी को बचाएं. रोगी और वाहक दोनों ही अपनी जांच कराकर सही उपचार लें."
कुंडली के साथ मिलाएं सिकल सेल के जेनेटिक कार्ड
कार्यक्रम स्थल पर जनसभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा, "बच्चों की शादी के पूर्व कुंडली मिलाने के साथ साथ सिकल सेल के जेनेटिक कार्ड को भी मिलाए. उन्होंने कहा, "सही समय पर सही उपचार से काफी हद तक सिकेल सेल बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है." इस दौरान राज्यपाल ने गर्भवती महिलाओं के लिए सिकल सेल रोग के संपूर्ण प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया.

वर्चुअली कार्यक्रम में जुडे़ मुख्यमंत्री
इंदौर से वर्चुअल कार्यक्रम में जुड़े मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा,"प्रदेश के 33 जिले सिकल सेल से प्रभावित हैं. इनमें मरीजों के उपचार के लिए परामर्श, स्क्रीनिंग और दवा वितरण के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे. इन शिविरों में मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा,"सिकल सेल के प्रति जागरूकता लाने का श्रेय महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल को जाता है. प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में इस अभियान को पूरे देश में चलाया जा रहा है."

'पीड़ा का दर्द शब्दों में बयां भी नहीं कर सकते'
सीएम ने कहा, "सिकलसेल बीमारी में रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने के कारण छल्ला बनने से लाल रक्त कणिकाएं अर्द्ध चंन्द्राकार या हासिये के आकार की हो जाती है. जिससे आक्सीजन प्रवाह बाधित होता है और मरीजों को भयंकर पीड़ा होती है. जिसे यह बीमारी होती है, वह ही इस बीमारी की पीड़ा को समझ सकता है. आप और हम तो शब्दों में बयां भी नहीं कर सकते हैं. सही समय पर और सही उपचार से इस बीमारी से होने वाली पीड़ा से बचा जा सकता है."
1 करोड़ से अधिक लोगों की हुई स्क्रीनिंग
उन्होंने कहा, "बड़वानी में सबसे ज्यादा सिकल सेल के पीड़ित मरीज हैं. सरकार ने सिकल सेल पोर्टल बनाया है. इसके जरिए 1 करोड़ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. प्रदेश के कई अस्पतालों में नवजात बच्चों की जांच की जा रही है. मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड में भी इस बीमारी के पीड़ित मरीज हैं. आगे मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए भी कई योजनाएं घोषित की.

सीएम ने कहा, "महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती नदी से सिंचाई का लाभ दिया जाएगा. केन-बेतवा से भी सहायता मिलेगी. फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में काम किया जा रहा है. मिट्टी परीक्षण कर खेती में लाभ दिया जा रहा है. गर्मी के मौसम में मूंग और उड़द की खरीदी सरकार कर रही है. युवाओं के लिए एक लाख पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. गरीबों के लिए मकान का सर्वे फिर से शुरू किया जा रहे हैं. पुराने अधिकारियों को प्रमोशन सहित कई लाभ दिए गए हैं.
राज्यपाल कार्यालय से हो रही निगरानी
राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन 2047 कार्यक्रम में शिरकत कर रहीं केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा, "राज्य में सिकल सेल उन्मूलन कार्यक्रम राज्यपाल कार्यालय की निगरानी में चलाया जा रही है. राज्यपाल मंगूभाई पटेल के निर्देश पर आदिवासी बहुल जिलों में इसकी स्क्रीनिंग भी कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए स्क्रीनिंग के बाद जेनेटिक काउंसलिंग पर विशेष जोर दिया जा रहा है."

सावित्री ठाकुर ने बताया, "सिकल सेल बीमारी में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो जाती है. 15 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के पहले चरण की शुरुआत की थी. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1912 में सिकल सेल को घातक अनुवांशिक रोग घोषित कर दिया था.
राष्ट्रपति के संदेश का किया वाचन
कार्यक्रम के मौजूद उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदेश का वाचन किया. उन्होने कहा, "सिकल सेल की स्क्रीनिंग को बढ़ाने के लिए 01 जुलाई से प्रदेश में 100 दिन का विशेष स्क्रीनिंग अभियान प्रारंभ किया जाएगा. जिसमें स्क्रीनिंग, जेनेटिक कार्ड, सिकल मित्र बनाए जाएंगे. डिप्टी सीएम ने बताया," बड़वानी जिले में 1 करोड़ 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिसमें 2 लाख से ज्यादा सिकेलसेल वाहक और 29,277 लोग बीमारी से ग्रसित मिले हैं. इस बीच 80 लाख से अधिक सिकेल सेल कार्ड वितरित किए गए हैं.
सिकलसेल रोगियों ने सांझा किया अनुभव
मंच से अलीराजपुर निवासी एमडी डाॅ. आशा बघेल ने बताया, "वे सिकलसेल बीमारी से ग्रसित है. एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान उन्हें पता चला कि वे सिकेल सेल की रोगी है. परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और एमबीबीएस तथा एमडी की पढ़ाई पूरी की और अपना समस्त उपचार लिया, जिससे कि वे एक सामान्य जीवन जी पा रही हैं."
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सिकल मित्र योजना का शुभारंभ
महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मंच पर 3 सिकल मित्रों को सम्मानित किया. साथ ही उन्होंने सिकल मित्र योजना का शुभारंभ किया. इस दौरान राज्यपाल ने सेंधवा के लक्ष्य जगताप, धार की अर्पिता जोशी और डिंडोरी के शारदा प्रसाद सिकल मित्रों को सम्मानित करते हुए योजना का शुभारंभ किया. बनाये गए सिकल मित्र ग्राम-ग्राम जाकर लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए उनकी स्क्रीनिंग और उपचार में सहयोग करेंगे.