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बड़वानी के गांवों में पानी बना सोना! गंदे पानी की खोज में रोज मीलों पदयात्रा - BARWANI WATER SHORTAGE

मध्य प्रदेश के बड़वानी में पानी हुआ बेशकीमती. गांवों में पीने का पानी इतना दुर्लभ कि लोग मीलों का सफर कर लाते हैं गंदला जल.

BARWANI WATER SHORTAGE
ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है पानी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 7, 2025 at 8:03 AM IST

Updated : April 7, 2025 at 10:45 AM IST

4 Min Read

बड़वानी: गर्मी की शुरुआत होते ही मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है. बड़वानी के पानसेमल तहसील के कई गांवों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे यहां पानी का संकट गहरा गया है. इस वजह से ग्रामीणों को इस चिलचिलाती धूप में पानी के लिए कई किलोमीटर तक भटकना पड़ता है. तब जाकर उन्हें पीने का पानी नसीब होता है. इससे न सिर्फ उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. ग्रामीण को इंतजार है कि कोई तो होगा जो उनकी सुनेगा और उनकी इस समस्या का समाधान करेगा.

कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

पानसेमल तहसील के मोहलियापानी और बंधारा बुजुर्ग गांव में पानी की किल्लत हो गई है. मोहलियापानी गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है. जलस्तर नीचे चले जाने की वजह से उससे भी पानी आना बंद हो गया है. मोहलियापानी निवासी लालसिंह ने बताया कि "गांव में 60 परिवार रहता है. गांव में एक हैंडपंप है, जिसका जलस्तर नीचे चला गया है. हमें पानी के लिए कई किलोमीटर जाना पड़ता है तब जाकर कुएं का पानी मिलता है. वो पानी भी गंदा रहता है. पूरी तरह से पीने लायक नहीं रहता. फिर में हम उस पानी को पीने के लिए मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक कोई भी सरकारी योजना पूरी तरह से नहीं पहुंची है.

कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

जिम्मेदारों को स्थिति से अवगत करा चुके हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय विधायक को स्थिति से अवगत भी कराया. उन्होंने पंचायत के अधिकारियों को भी पानी के किल्लत की जानकारी दी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है. ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादातर समय पानी ढोने में बीत जाता है. जिससे वो न कहीं मजदूरी कर पाते न तो सही से खेती कर पाते हैं. बच्चे भी पानी की व्यवस्था में लगे रहने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते.

Barwani Nal Jal Yojana not reach
नल जल योजना की पाइप तो पहुंची, लेकिन पानी नहीं पहुंचा (ETV Bharat)

नल जल योजना की पाइप तो पहुंची, लेकिन पानी नहीं पहुंचा

ग्रामीण दिनेश ने बताया कि "गांव की पक्की सड़क के किनारे बसे होने के बावजूद यहां नल जल योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. गांव में पाइपलाइन तो डाल दी गई है, लेकिन सप्लाई अभी तक नहीं चालू की गई. जिस वजह से कुएं से पानी लाना पड़ रहा है." ग्रामीणों का कहना है कि कुछ कुआं मालिक अच्छे होते हैं तो अपने कुएं से पानी लेने देते हैं नहीं तो कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. उनका कहना है कि जिम्मेदार लोगों से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी हमारी सुध नहीं ली. इस वजह से 1200 की जनसंख्या वाला यह गांव प्रभावित हो रहा है.

'कई गांव में पानी पहुंचाने का अभी चल रहा है काम'

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आईएस बामनिया ने इस बारे में बताया कि "कई गांवों में पाइपलाइन का काम पूरा हो चुका है. जहां शुद्ध पानी मिल रहा है. कुछ गांवों में काम अभी चल रहा है. गांवों और छोटे फल्यों को जोड़ने के लिए 3 करोड़ 28 लाख रुपए लागत की नई योजना बनाई गई है." क्षेत्रीय विधायक राजन मंडलोई ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा था कि बड़वानी विधानसभा में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर गधों और खच्चरों से पानी ढोया जाता है. कई इलाके के लोगों का पानी भरते-भरते ही सारा दिन निकल जाता है. फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

बड़वानी: गर्मी की शुरुआत होते ही मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है. बड़वानी के पानसेमल तहसील के कई गांवों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे यहां पानी का संकट गहरा गया है. इस वजह से ग्रामीणों को इस चिलचिलाती धूप में पानी के लिए कई किलोमीटर तक भटकना पड़ता है. तब जाकर उन्हें पीने का पानी नसीब होता है. इससे न सिर्फ उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है. ग्रामीण को इंतजार है कि कोई तो होगा जो उनकी सुनेगा और उनकी इस समस्या का समाधान करेगा.

कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

पानसेमल तहसील के मोहलियापानी और बंधारा बुजुर्ग गांव में पानी की किल्लत हो गई है. मोहलियापानी गांव में सिर्फ एक हैंडपंप है. जलस्तर नीचे चले जाने की वजह से उससे भी पानी आना बंद हो गया है. मोहलियापानी निवासी लालसिंह ने बताया कि "गांव में 60 परिवार रहता है. गांव में एक हैंडपंप है, जिसका जलस्तर नीचे चला गया है. हमें पानी के लिए कई किलोमीटर जाना पड़ता है तब जाकर कुएं का पानी मिलता है. वो पानी भी गंदा रहता है. पूरी तरह से पीने लायक नहीं रहता. फिर में हम उस पानी को पीने के लिए मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक कोई भी सरकारी योजना पूरी तरह से नहीं पहुंची है.

कुएं का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण (ETV Bharat)

जिम्मेदारों को स्थिति से अवगत करा चुके हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्थानीय विधायक को स्थिति से अवगत भी कराया. उन्होंने पंचायत के अधिकारियों को भी पानी के किल्लत की जानकारी दी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है. ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादातर समय पानी ढोने में बीत जाता है. जिससे वो न कहीं मजदूरी कर पाते न तो सही से खेती कर पाते हैं. बच्चे भी पानी की व्यवस्था में लगे रहने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते.

Barwani Nal Jal Yojana not reach
नल जल योजना की पाइप तो पहुंची, लेकिन पानी नहीं पहुंचा (ETV Bharat)

नल जल योजना की पाइप तो पहुंची, लेकिन पानी नहीं पहुंचा

ग्रामीण दिनेश ने बताया कि "गांव की पक्की सड़क के किनारे बसे होने के बावजूद यहां नल जल योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है. गांव में पाइपलाइन तो डाल दी गई है, लेकिन सप्लाई अभी तक नहीं चालू की गई. जिस वजह से कुएं से पानी लाना पड़ रहा है." ग्रामीणों का कहना है कि कुछ कुआं मालिक अच्छे होते हैं तो अपने कुएं से पानी लेने देते हैं नहीं तो कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. उनका कहना है कि जिम्मेदार लोगों से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी हमारी सुध नहीं ली. इस वजह से 1200 की जनसंख्या वाला यह गांव प्रभावित हो रहा है.

'कई गांव में पानी पहुंचाने का अभी चल रहा है काम'

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आईएस बामनिया ने इस बारे में बताया कि "कई गांवों में पाइपलाइन का काम पूरा हो चुका है. जहां शुद्ध पानी मिल रहा है. कुछ गांवों में काम अभी चल रहा है. गांवों और छोटे फल्यों को जोड़ने के लिए 3 करोड़ 28 लाख रुपए लागत की नई योजना बनाई गई है." क्षेत्रीय विधायक राजन मंडलोई ने विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा था कि बड़वानी विधानसभा में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर गधों और खच्चरों से पानी ढोया जाता है. कई इलाके के लोगों का पानी भरते-भरते ही सारा दिन निकल जाता है. फिर भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

Last Updated : April 7, 2025 at 10:45 AM IST
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