बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी में एनजीटी और हाईकोर्ट के आदेश का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. नर्मदा नदी से अवैध रेत का खनन बेरोकटोक जारी है. वहीं जिला प्रशासन अवैध रेत का गोरख धंधा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करता है. नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता राहुल यादव का आरोप है कि पीपलूद, बगूद और खेड़ी गांव में दिनदहाड़े नर्मदा नदी से अवैध रेत का खनन हो रहा है. रोजाना लगभग 55 से 60 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत निकाली जा रही है." साथ ही उनका कहना है,"रेत का यह गोरख धंधा खनिज और जिला प्रशासन की शह पर किया जा रहा है."
हाई कोर्ट के आदेश का खुलेआम उल्लंघन
राहुल यादव ने कहा, "रेत माफिया खनिज विभाग की निष्क्रियता का फायदा उठाकर दिनदहाड़े नदियों का सीना चीर रहे हैं. यह खनन सरासर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन है. एनजीटी भोपाल 2017, एनजीटी दिल्ली 2013 और एमपी उच्च न्यायालय द्वारा 2015 में दिए गए निर्देश का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है." वहीं इस मामले में नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जिला कलेक्टर और एसपी को लीगल नोटिस भेजा गया है. बावजूद इसके रेत खनन का अवैध कारोबार जारी है.
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खनिज विभाग करता रहता है कार्रवाई
इस मामले में खनिज अधिकारी दिनेश सिंह डुडवे ने बताया, "अप्रैल में सरदार सरोवर का बैकवाटर कम होता है, तो नर्मदा नदी का पानी भी कम होता है. ऐसे में कुछ टैक्टर वाले अवैध रेत उत्खनन करते हैं. साथ ही खनिज विभाग उन पर समय समय पर कार्रवाई करता रहता है. पूर्व में भी खनिज विभाग द्वारा कई कारवाई की गई थी. अभी पीपलूद, बगूद, और खेड़ी में अवैध खनन की शिकायत मिली है. इस पर भी कार्रवाई की जाएगी."