बड़वानी : बड़वानी जिले की नहाली नदी पर 10 करोड़ से बनने वाले पुल का निर्माण कार्य बीते 3 साल से कछुआ चाल से चल रहा है. पुल के दोनों ओर कुछ निर्माण कार्य किया भी जा चुका है लेकिन डेडलाइन बीतने के बाद भी अभी तक लगभग 60 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है. आसपास गांवों के किसान परेशान हैं. किसानों को नाव के सहारे नदी पार करना पड़ रहा है.
पुल के निर्माण कार्य में लेटलतीफी से किसान परेशान
NVDA द्वारा बनवाए जा रहे इस पुल के नहीं बनने से ग्रामीणों में आक्रोश है. जल्द पूर्ण निर्माण करवाने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब पुल की स्वीकृति मिली और इसकी नींव की खुदाई हुई तो उम्मीद जगी कि अब नाव के सहारे नदी पार नहीं करना पड़ेगी. लेकिन पुल निर्माण में लापरवाही और धीमी गति से काम होने के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस पुल से 5 से 6 गांव जुड़ते हैं.
पुल बन जाए तो 5 गांवों के लोगों को मिलेगी राहत
अगर ये पुल बन जाए तो 5 गांवों के लोगों को नदी पार नहीं करनी पड़ेगी. जब बैकवॉटर भराव होता है तो नाव का सहारा लेना पड़ता है. किसानों का कहना है कि हमारी खेत की फसल को ले जाने में भी दिक्कत होती है. लगातार जनप्रतिनिधियों से शिकायतें करने के बाद भी विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहा है. बता दें कि बड़वानी जिले अंजड तहसील के ग्राम पान्या पिछोला ओर केशरपुरा मोहीपुरा के ग्रामीणों की कनेक्टिविटी के लिए ये पुल बन रहा है.

खेतों में काम करने जाने के लिए नाव का सहारा
सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल के गृहग्राम के लोगों सहित केशरपुरा मोहीपुरा व आसपास के गांवों के किसानों को बारिश के समय नदी में बैकवाटर होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के कारण बैकवाटर से निकलने के लिए नाव की व्यवस्था की जाती है, जिसमें किसानों को अपने खेतों में मजदूरों को लाने व ले जाने व अपने खेतों की फसलों को घर तक लाने में अभी भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा.

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निर्माण स्थल पर बैक वाटर से समस्या
इस मामले में साइट पर मौजूद फील्ड इंजीनियर रोहित पाटीदार से इस मामले में जब बात की उनका कहना है "बैकवॉटर के कारण काम करने में दिक्कत होती है. साल के 6 माह तो पानी भरा रहता है." लोगों का कहना है साल 2022 से शुरू हुए इस पुल का निर्माण कब तक पूरा होगा, इसको लेकर अब किसानों को कोई उम्मीद नहीं है.