बड़वानी: प्री मानसून की बारिश के बाद किसानों ने खरीफ की बुआई की तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए किसान खाद के इंतजाम में लगे हैं, लेकिन किसानों को डीएपी खाद के लिए खाद बिक्री केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, इसके बाद भी उनको खाद मिलनी मुश्किल हो रही है. जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर तलून स्थित सोसायटी के नकदी खाद केंद्र पर प्रतिदिन सैकड़ों किसानों की कतार लग रही है. 50 से 70 किमी की दूरी तय करके किसान सुबह सबेरे ही यहां पहुंच रहे हैं.
खाद के लिए परेशान हैं किसान
ग्राम तलून के पास स्थित नकदी केंद्र पर किसानों की खाद के लिए लंबी-लंबी लाइन लगी है. किसानों का कहना है कि यहां न कोई छायादार जगह है और न शीतल जल की कोई व्यवस्था है. किसानों को खाद के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. यहां आसपास खाने-पीने की भी कोई दुकान नहीं है, जिससे हमें तलून और बड़वानी जाना पड़ता है. किसान नंबर लगाने के लिए सुबह 3-4 बजे ही यहां पहुंच जाते हैं. किसानों का कहना है कि केंद्र आबादी क्षेत्र से दूर है, जिस वजह से किसानों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
सुबह 4 बजे से ही लाइन में लग जाते हैं किसान
किसान तुकाराम ने बताया कि "हमारे गांव के आसपास नकदी खाद नहीं मिलती. बाजार में खाद बहुत महंगी मिलती है, ऐसे में यहां सुबह 4 बजे से आकर लाइन में लगे हैं. दोपहर में तेज धूप में भी लाइन में लगे रहते हैं." उनकी मांग है कि प्रशासन को पंचायत स्तर पर नकद में खाद उपलब्ध करानी चाहिए.
मेणीमाता क्षेत्र के किसान मालसिंह ने बताया कि "5 एकड़ खेत है, उसके लिए 25 बोरी खाद की जरूरत है. यहां 1 पावती पर 2 बोरी खाद मिलता है. रात 3 बजे से घर से बाइक से यहां आए हैं. सुबह से नंबर लगाकर बैठे हैं. इसके चक्कर में खेत और घर के कामकाज नहीं हो पा रहा है. यहां पूरा दिन लग जाता है तब जाकर खाद मिल पाती है."

केंद्र पर बैठने के लिए नहीं कोई छायादार जगह
ग्राम मोरानी के राजाराम ने बताया कि "9 एकड़ खेत है. 40-50 बोरी खाद की जरूरत है. बाइक से सुबह 3 बजे ही केंद्र पर आए हैं. अगर खाद मिल जाएगी तो पिकअप से ले जाएंगे. यहां पर पेयजल के लिए हैंडपंप का पानी हैं, जो कि गरम आता है. बैठने के लिए कोई छायादार जगह नहीं हैं. सुबह से खाली पेट आए हैं, आसपास नाश्ते तक की दुकान नहीं है."
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'प्रतिदिन 150 से अधिक किसानों को खाद वितरण'
खाद केंद्र प्रभारी जागृति सांवले ने बताया कि "स्टॉक पर्याप्त है. प्रतिदिन 150 से अधिक संख्या में किसानों को खाद वितरण हो रही है. किसान एक ही वाहन में अपनी खाद लेकर जाते हैं, ऐसे में उठाव में देरी करते हैं. यूरिया खाद पर्याप्त है. डीएपी में कुछ कमी है. उसके विकल्प के रूप में 5 से 6 तरह की खाद उपलब्ध है, जो किसानों को बता रहे हैं. प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खाद वितरण किया जाता है."