बिलासपुर: होली के मौके पर अज्ञात लोगों ने बंबर ठाकुर पर फायरिंग कर दी थी. इस गोलीकांड में बंबर ठाकुर और उनका पीएसओ घायल हो गया था. पीएसओ को दो और बंबर ठाकुर को एक गोली लगी थी. गोली लगने के बाद उनके पीएसओ को एम्स बिलासपुर रेफर किया गया था, जहां उनका उपचार अभी भी चल रहा है.
अब एम्स में उपचाराधीन बंबर ठाकुर के पीएसओ संजीव कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि कैसे मौके पर उन्होंने समझदारी से अपनी और बंबर ठाकुर की जान बचाई. उन्होंने बताया कि, 'मैं अपने विभाग का नाम कभी खराब नहीं होने देता. मेरा मेन मोटिव था साहब (बंबर ठाकुर) की सुरक्षा करना और उन्हें बचाना इसके लिए चाहे जान भी देनी पड़ती. मैं उन्हें मार भी देता और साहब की जान नहीं बचती तो ये मेरे लिए शर्मिंदगी हो जाती. इसलिए मैंने साहब को पहले साइड किया फिर उनपर फायर किया. मुझे पहले गोली लग चुकी थी, इसलिए मेरा निशाना सही से नहीं लगा, क्योंकि गोली लगने से मुझे दिखना बंद हो गया था. मैं साइड से फायर कर शूटरों को आसानी से मार सकता था, लेकिन शूट करने में मुझे समय लगता, क्योंकि पिस्टल को पहले लोड और फिर कॉक करना पड़ता, इतने में साहब को फायर लग जाते. मेरा मेन मोटिव साहब की सुरक्षा करना था. इसमें मैं कामयाब हुआ और मेरी और साहब की जान भी बच गई.'
डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से किया जाएगा सम्मानित
संजीव कुमार साल 2011 में हिमाचल प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे. अपनी कर्तव्यनिष्ठा और साहस के चलते उन्होंने पुलिस बल में विशेष पहचान बनाई. 2016 से वे बिलासपुर जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस गोलीकांड में बहादुरी दिखाने के लिए उन्हें डीजीपी डिस्क अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.
हरियाणा के रहने वाले हैं शूटर
बता दें कि बंबर ठाकुर पर फायरिंग करने वाले शूटर्स की पहचान कर ली गई है. इस मामले में गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम हरियाणा के रोहतक पहुंची थी. जहां एसआईटी ने हरियाणा पुलिस की मदद से संदिग्ध शूटरों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा था. इस गोलीकांड मामले में संदिग्ध अमन कुमार और सागर दोनों गांव रतोली, जिला रोहतक, हरियाणा के रहने वाले हैं.