बालोद: पूरे देश में चैत्र नवरात्र और राम नवमी हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. बालोद में नवरात्र पर महिला कमांडों ने नारी शक्ति को जागरुक करने का काम किया. महिला कमांडो ने अनोखा अभियान चलाया. इस अभियान के तहत देवी स्थलों और सार्वजनिक जगहों तक पहुंचकर बाल विवाह रोकने के लिए लोगों को संदेश दिया. शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी के लिए महिलाओं को प्रेरित किया.
नवजागरुकता की पाठशाला: महिला कमांडो ने बालोद में नव जागरुकता की पाठशाला चलाई. 9 दिनों तक अलग अलग कार्य कर समाज में लोगों को जागरुक करने का काम किया. महिला कमांडो की संयोजक और पद्मश्री शमशाद बेगम ने ईटीवी भारत से इस मुहिम पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकने के लिए महिलाओं की टीम घर-घर जाकर माता-पिता से संपर्क कर रही है.
हम बच्चों की उम्र पूछकर उन्हें यह समझा रही हैं कि बेटियों की शादी 18 साल और बेटों की शादी 21 साल की उम्र पूरी होने के बाद ही होनी चाहिए. महिला कमांडो बाल विवाह की रोकथाम के लिए पहले से ही सक्रिय है- शमशाद बेगम, महिला कमांडो की संयोजक, बालोद
महिला कमांडो की संयोजिका शमशाद बेगम ने बताया कि गांव-गांव में नशामुक्ति अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को शराब और अन्य नशे से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. इसके अलावा जल संरक्षण के लिए सोखता गड्ढों के निर्माण को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. जिससे भूजल स्तर को बनाए रखा जा सके.
छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प: महिला कमांडो की सदस्यों ने छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प लिया है. इसके तहत बालोद और उसके आस पास के क्षेत्रों में महिला कमांडो की टीम आगे बढ़ रही है.सदस्यों ने बताया कि वे लोगों को बता रही है कि बेटियों का विवाह सही उम्र में होगा तो उसके लालन पालन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, उस समय में शिक्षा स्वास्थ सभी चीजों का वो लाभ ले सकती है, बाल विवाह आज एक बड़ी समस्या है जिसे रोकना समाज के लिए ज्यादा जरूरी है.