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ओटेबंद बगीचा गांव में क्षीरसागर मुद्रा में विराजमान भगवान विष्णु, कदंब के पेड़ में नारियल बांधने की परंपरा - BALOD FALGUN MELA

बालोद में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर काफी दूर दूर तक प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि यहां मांगी हुई मन्नत जरूर पूरी होती है.

Balod Vishnu Temple
बालोद विष्णु मंदिर (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : March 12, 2025 at 2:30 PM IST

3 Min Read

बालोद: बालोद व दुर्ग जिले की सीमा पर बसा ओटेबंद बगीचा गांव गुंडरदेही ब्लॉक में आता है. इस गांव के मंदिरों की अपनी विशेष पहचान है. इस क्षेत्र में भगवान विष्णु का काफी प्रसिद्ध मंदिर है. जिसमें विष्णु क्षीरसागर की मुद्रा में विराजमान है. साथ ही माता लक्ष्मी उनके पैर दबाते हुए नजर आ रही है. हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष पर यहां 11 दिनों का मेला लगता है. जिसे देखने दूर दूर से लोग आते हैं. 11 मार्च को मेले का समापन हुआ.

फाल्गुन शुक्ल पक्ष में हर साल लगता है मेला: ओटेबंद बगीचा गांव के विष्णुमंदिर में मेला लगने की परंपरा साल 1961 से शुरू हुई. तब से हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष में मेला लगता आया है. इस मेले में शामिल होने भक्तों के साथ ही देश भर के साधु संत आते हैं. इस मंदिर में एक ऐसी मूर्तियों की श्रृंखला है जो देव उठनी पर केंद्रित है. इस मंदिर में भगवान विष्णु लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवता भी विराजित है.

बालोद विष्णु मंदिर (ETV Bharat Chhattisgarh)

1 मार्च को फाल्गुन द्वितीय से मेला शुरू हुआ. 11 फरवरी को रामलीला के साथ समापन हुआ. शनिवार और रविवार को मंदिर में काफी भीड़ रहती है.- पुरुषोत्तम चंद्राकर, अध्यक्ष, जनपद पंचायत

मंदिर समिति के संस्थापक सदस्य वीरेंद्र कुमार दिल्लीवार बताते हैं कि 1961 से हमारे पूर्वजों ने फाल्गुन शुक्ल पक्ष पर मेला शुरू किया. मंदिर की स्थापना 1994 में शुरू हुई जो 1996 में पूरी हुई. सनातन हिन्दू महर्षि करपात्री महराज यहां आए और इस तीर्थ को तपोभूमि की संज्ञा दी. इस मंदिर में चार शंकराचार्य का आगमन भी हो चुका है.

Balod Vishnu Temple
क्षीरसागर मुद्रा में विराजमान विष्णु (ETV Bharat Chhattisgarh)

कदंब के वृक्ष की अनोखी लीला: मंदिर समिति के संस्थापक बताते हैं कि इस मंदिर में एक कदंब का वृक्ष है. इस कदंब के वृक्ष से मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. बताया जाता है कि कदंब के वृक्ष में राधा रानी और श्री कृष्ण विराजमान है. मन्नत पूरी करने के लिए यहां नारियल बांधा जाता है.

Balod Vishnu Temple
बालोद के विष्णु मंदिर में फाल्गुन मेला (ETV Bharat Chhattisgarh)

इंदौर का एक परिवार जिनके कोई संतान नहीं थे. उन्होंने यहां मन्नत मांगी और एक वर्ष के भीतर उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई. एक व्यक्ति का ट्रक 15 महीने से खो गया. मंदिर में स्थित कदंब वृक्ष की मान्यता के बारे में पता चलने पर यहां आकर मन्नत मांगी. दूसरे ही दिन ट्रक मिल गया-वीरेंद्र कुमार दिल्लीवार, संस्थापक सदस्य, मंदिर समिति

वृन्दावन से पहुंचे प्रमोद कृष्ण दास बताते हैं कि लक्षमी नारायण महायज्ञ का आयोजन इस मंदिर में किया गया. इसके अंतर्गत रासलीला और कथा का आयोजन किया गया. घर में धन धान्य की समस्या आने पर लक्ष्मी नारायण यज्ञ का आयोजन किया गया. बहुत आनंद आया. पहली बार यहां पहुंचे. मंदिर पहुंची शिल्फा चंद्राकर बताती है कि पिछले 64 सालों से इस मंदिर में फाल्गुन मेला लगता आया है. हर साल मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है.

Balod Vishnu Temple
बालोद का प्रसिद्ध विष्णु मंदिर (ETV Bharat Chhattisgarh)
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फाल्गुन शुक्ल पक्ष में हर साल लगता है मेला: ओटेबंद बगीचा गांव के विष्णुमंदिर में मेला लगने की परंपरा साल 1961 से शुरू हुई. तब से हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष में मेला लगता आया है. इस मेले में शामिल होने भक्तों के साथ ही देश भर के साधु संत आते हैं. इस मंदिर में एक ऐसी मूर्तियों की श्रृंखला है जो देव उठनी पर केंद्रित है. इस मंदिर में भगवान विष्णु लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवता भी विराजित है.

बालोद विष्णु मंदिर (ETV Bharat Chhattisgarh)

1 मार्च को फाल्गुन द्वितीय से मेला शुरू हुआ. 11 फरवरी को रामलीला के साथ समापन हुआ. शनिवार और रविवार को मंदिर में काफी भीड़ रहती है.- पुरुषोत्तम चंद्राकर, अध्यक्ष, जनपद पंचायत

मंदिर समिति के संस्थापक सदस्य वीरेंद्र कुमार दिल्लीवार बताते हैं कि 1961 से हमारे पूर्वजों ने फाल्गुन शुक्ल पक्ष पर मेला शुरू किया. मंदिर की स्थापना 1994 में शुरू हुई जो 1996 में पूरी हुई. सनातन हिन्दू महर्षि करपात्री महराज यहां आए और इस तीर्थ को तपोभूमि की संज्ञा दी. इस मंदिर में चार शंकराचार्य का आगमन भी हो चुका है.

Balod Vishnu Temple
क्षीरसागर मुद्रा में विराजमान विष्णु (ETV Bharat Chhattisgarh)

कदंब के वृक्ष की अनोखी लीला: मंदिर समिति के संस्थापक बताते हैं कि इस मंदिर में एक कदंब का वृक्ष है. इस कदंब के वृक्ष से मांगी गई मन्नत जरूर पूरी होती है. बताया जाता है कि कदंब के वृक्ष में राधा रानी और श्री कृष्ण विराजमान है. मन्नत पूरी करने के लिए यहां नारियल बांधा जाता है.

Balod Vishnu Temple
बालोद के विष्णु मंदिर में फाल्गुन मेला (ETV Bharat Chhattisgarh)

इंदौर का एक परिवार जिनके कोई संतान नहीं थे. उन्होंने यहां मन्नत मांगी और एक वर्ष के भीतर उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई. एक व्यक्ति का ट्रक 15 महीने से खो गया. मंदिर में स्थित कदंब वृक्ष की मान्यता के बारे में पता चलने पर यहां आकर मन्नत मांगी. दूसरे ही दिन ट्रक मिल गया-वीरेंद्र कुमार दिल्लीवार, संस्थापक सदस्य, मंदिर समिति

वृन्दावन से पहुंचे प्रमोद कृष्ण दास बताते हैं कि लक्षमी नारायण महायज्ञ का आयोजन इस मंदिर में किया गया. इसके अंतर्गत रासलीला और कथा का आयोजन किया गया. घर में धन धान्य की समस्या आने पर लक्ष्मी नारायण यज्ञ का आयोजन किया गया. बहुत आनंद आया. पहली बार यहां पहुंचे. मंदिर पहुंची शिल्फा चंद्राकर बताती है कि पिछले 64 सालों से इस मंदिर में फाल्गुन मेला लगता आया है. हर साल मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है.

Balod Vishnu Temple
बालोद का प्रसिद्ध विष्णु मंदिर (ETV Bharat Chhattisgarh)
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