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बालाघाट के रेंजर कॉलेज की विधानसभा में गूंज, नेताओं ने कहा कहीं नहीं जाने देंगे - BALAGHAT RANGER COLLEGE ISSUE

बालाघाट में ब्रिटिश काल के रेंजर कॉलेज के विस्थापन का मुद्दा तूल पकड़ चुका है. नेताओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है.

BALAGHAT RANGER COLLEGE DISPLACEMENT ISSUE
रेंजर कॉलेज बालाघाट के विस्थापन का मुद्दा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 28, 2025 at 9:25 PM IST

2 Min Read

बालाघाट: ब्रिटिश काल का रेंजर कॉलेज कभी बालाघाट की एक पहचान हुआ करता था लेकिन अब महज यादों में सिमटकर रह गया है. इस रेंजर कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात सामने आते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है. इसे बचाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित शहर के गणमान्य लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है. बता दें कि इस रेंजर कॉलेज को बालाघाट से जबलपुर स्थानांतरित करने की सुगबुगाहट हो रही है.

विधानसभा तक पहुंचा रेंजर कॉलेज का मुद्दा

लोगों का मानना है कि यह ब्रिटिशकालीन रेंजर कॉलेज बालाघाट की एक पहचान है, जिसे वे यहां से जाने नहीं देंगे. नेताओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर कहा कि यह हमारे लिए चुनौती है कि हम इसे यहां यथावत बनाए रखें. इसे लेकर बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे के अलावा वारासिवनी विधायक विक्की पटेल ने भी इसका विरोध किया है. इतना ही नहीं सांसद भारती पारधी ने भी इसे बालाघाट में ही रखे जाने की बात कही है. एक कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव के बालाघाट आगमन के दौरान भी इस मुद्दे को उनके सामने रखा गया था. इसके अलावा रेंजर कॉलेज का मुद्दा विधानसभा तक पहुंच गया, जहां विधायक विक्की पटेल ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए इस मुद्दे को सदन में उठाया था.

Balaghat Ranger College
बालाघाट का रेंजर कॉलेज (ETV Bharat)

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान साल 1907 में हुई थी स्थापना

बता दें कि बालाघाट में रेंजर कॉलेज की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1907 में की गई थी. अपार वानिकी संपदा से भरपूर बालाघाट में 1979 से रेंजरों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है लेकिन 2014 के बाद से यहां पर प्रशिक्षण दिया जाना बंद कर दिया गया. इस अंतिम बैच के बाद से अब तक यह रेंजर कॉलेज स्वयं के अस्तित्व को बचाए रखने की जद्दोजहद करता नजर आ रहा है. विभागीय तौर पर मिली जानकारी अनुसार कॉलेज के बंद होने का मुख्य कारण स्टाफ की कमी होना बताया जा रहा है. साथ ही बालाघाट में आवागमन की समस्या का हवाला देते हुए स्टाफ के यहां आने से कतराने की बातें सामने आ रही हैं.

बालाघाट: ब्रिटिश काल का रेंजर कॉलेज कभी बालाघाट की एक पहचान हुआ करता था लेकिन अब महज यादों में सिमटकर रह गया है. इस रेंजर कॉलेज को अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात सामने आते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है. इसे बचाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित शहर के गणमान्य लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है. बता दें कि इस रेंजर कॉलेज को बालाघाट से जबलपुर स्थानांतरित करने की सुगबुगाहट हो रही है.

विधानसभा तक पहुंचा रेंजर कॉलेज का मुद्दा

लोगों का मानना है कि यह ब्रिटिशकालीन रेंजर कॉलेज बालाघाट की एक पहचान है, जिसे वे यहां से जाने नहीं देंगे. नेताओं ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर कहा कि यह हमारे लिए चुनौती है कि हम इसे यहां यथावत बनाए रखें. इसे लेकर बालाघाट विधायक अनुभा मुंजारे के अलावा वारासिवनी विधायक विक्की पटेल ने भी इसका विरोध किया है. इतना ही नहीं सांसद भारती पारधी ने भी इसे बालाघाट में ही रखे जाने की बात कही है. एक कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव के बालाघाट आगमन के दौरान भी इस मुद्दे को उनके सामने रखा गया था. इसके अलावा रेंजर कॉलेज का मुद्दा विधानसभा तक पहुंच गया, जहां विधायक विक्की पटेल ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए इस मुद्दे को सदन में उठाया था.

Balaghat Ranger College
बालाघाट का रेंजर कॉलेज (ETV Bharat)

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान साल 1907 में हुई थी स्थापना

बता दें कि बालाघाट में रेंजर कॉलेज की स्थापना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1907 में की गई थी. अपार वानिकी संपदा से भरपूर बालाघाट में 1979 से रेंजरों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है लेकिन 2014 के बाद से यहां पर प्रशिक्षण दिया जाना बंद कर दिया गया. इस अंतिम बैच के बाद से अब तक यह रेंजर कॉलेज स्वयं के अस्तित्व को बचाए रखने की जद्दोजहद करता नजर आ रहा है. विभागीय तौर पर मिली जानकारी अनुसार कॉलेज के बंद होने का मुख्य कारण स्टाफ की कमी होना बताया जा रहा है. साथ ही बालाघाट में आवागमन की समस्या का हवाला देते हुए स्टाफ के यहां आने से कतराने की बातें सामने आ रही हैं.

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