ETV Bharat / state

बालाघाट जिला जल अभावग्रस्त घोषित, अगले 3 माह बूंद-बूंद का हिसाब, कलेक्टर की गाइडलाइन जारी - BALAGHAT DISTRICT WATER SCARCE

बालाघाट में गहराया जल संकट, फसलें सूखने की कगार पर, जल स्त्रोतों में तेजी से घट रहा स्तर. पानी के दुरुपयोग पर सख्ती.

BALAGHAT DISTRICT WATER SCARCE
बालाघाट जिला जल अभावग्रस्त घोषित (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : March 31, 2025 at 1:29 PM IST

2 Min Read

बालाघाट: अप्रैल शुरू होने से पहले ही पूरे बालाघाट जिले में जलसंकट से हाहाकार है. खेतों में फसलें सूखने की कगार पर हैं. जल स्त्रोतों ने जवाब देना शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों के सामने बड़ा संकट मंडराने लगा है. निकट भविष्य में गहराते जल संकट से विषम परिस्थिति निर्मित न हो, इसको लेकर बालाघाट कलेक्टर में सख्त आदेश पारित किया है. बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीणा ने 01 अप्रैल से 31 जुलाई तक पूरे जिले को जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है.

बालाघाट जिले में भूजल का अत्यधिक दोहन

बता दें कि बालाघाट से जिले से वैनगंगा नदी गुजरती है. इसके बाद भी अभी से यहां जलसंकट गहराने लगा है. भूजल के अधिक उपयोग के चलते तेजी से जलस्तर नीचे जा रहा है. नदी-नाले सूखने की कगार पर हैं, जिसके चलते रबी की फसलों में पानी की किल्लत शुरू हो गई है. शहरों के अलावा अब गांवों में भी पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है. कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कहा "किसी भी व्यक्ति या संगठन को सार्वजनिक स्त्रोतों से सिंचाई या औद्योगिक कार्यों के लिए बिना परिमिशन जल का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा."

नलकूप खनन और पंप से पानी खींचने पर रोक

कलेक्टर ने आदेश में कहा है "नए नलकूप खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. पेयजल आपूर्ति के दौरान मोटर पंप से पानी खींचने पर रोक लगाई गई है. ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों को ऐसे मोटर पंप जब्त करने के आदेश हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों को 2 साल की सजा और 2 हजार रुपये के जुर्माने के साथ दंडित किया जा सकता है."

गहराते जल संकट के लिए जिम्मेदार कौन

बालाघाट जिले के आधे से अधिक भूभाग पर जंगल है. इसके अलावा यहां से वैनगंगा सहित अन्य छोटी नदियां भी होकर गुजरती हैं. बावजूद इसके गहराते जल संकट के लिए कई परिस्थितियां जिम्मेदार हैं. जिले के जंगलों से छेड़छाड़ करते हुए अवैध रूप से हो रही अंधाधुंध कटाई भी एक कारण है. नदी-नालों का सीना छलनी कर अवैध रेत के उत्खनन के चलते भी जल स्तर प्रभावित हुआ है. साथ ही वर्तमान समय में रबी की फसल का रकबा अब बढ़ने लगा है, जिसमे अत्यधिक सिंचाई के चलते जल संकट जैसी स्थिति निर्मित होने लगी है.

बालाघाट: अप्रैल शुरू होने से पहले ही पूरे बालाघाट जिले में जलसंकट से हाहाकार है. खेतों में फसलें सूखने की कगार पर हैं. जल स्त्रोतों ने जवाब देना शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों के सामने बड़ा संकट मंडराने लगा है. निकट भविष्य में गहराते जल संकट से विषम परिस्थिति निर्मित न हो, इसको लेकर बालाघाट कलेक्टर में सख्त आदेश पारित किया है. बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीणा ने 01 अप्रैल से 31 जुलाई तक पूरे जिले को जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है.

बालाघाट जिले में भूजल का अत्यधिक दोहन

बता दें कि बालाघाट से जिले से वैनगंगा नदी गुजरती है. इसके बाद भी अभी से यहां जलसंकट गहराने लगा है. भूजल के अधिक उपयोग के चलते तेजी से जलस्तर नीचे जा रहा है. नदी-नाले सूखने की कगार पर हैं, जिसके चलते रबी की फसलों में पानी की किल्लत शुरू हो गई है. शहरों के अलावा अब गांवों में भी पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है. कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कहा "किसी भी व्यक्ति या संगठन को सार्वजनिक स्त्रोतों से सिंचाई या औद्योगिक कार्यों के लिए बिना परिमिशन जल का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा."

नलकूप खनन और पंप से पानी खींचने पर रोक

कलेक्टर ने आदेश में कहा है "नए नलकूप खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. पेयजल आपूर्ति के दौरान मोटर पंप से पानी खींचने पर रोक लगाई गई है. ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों को ऐसे मोटर पंप जब्त करने के आदेश हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों को 2 साल की सजा और 2 हजार रुपये के जुर्माने के साथ दंडित किया जा सकता है."

गहराते जल संकट के लिए जिम्मेदार कौन

बालाघाट जिले के आधे से अधिक भूभाग पर जंगल है. इसके अलावा यहां से वैनगंगा सहित अन्य छोटी नदियां भी होकर गुजरती हैं. बावजूद इसके गहराते जल संकट के लिए कई परिस्थितियां जिम्मेदार हैं. जिले के जंगलों से छेड़छाड़ करते हुए अवैध रूप से हो रही अंधाधुंध कटाई भी एक कारण है. नदी-नालों का सीना छलनी कर अवैध रेत के उत्खनन के चलते भी जल स्तर प्रभावित हुआ है. साथ ही वर्तमान समय में रबी की फसल का रकबा अब बढ़ने लगा है, जिसमे अत्यधिक सिंचाई के चलते जल संकट जैसी स्थिति निर्मित होने लगी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.