लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी मुख्यालय से बयान जारी किया है. मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में बिना नाम लिये आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद पर कड़ा प्रहार किया है.
#WATCH लखनऊ, उत्तर प्रदेश | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा, " इसमें कोई संदेह नहीं है कि बसपा देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के आंदोलन का प्रचार करती है और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के कल्याण के सिद्धांतों पर काम करती है। जब से बसपा के… pic.twitter.com/UjDxvHPrSi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2025
उन्होंने अपने वोट बैंक को समझाने का प्रयास किया है कि किसी बहकावे में न आएं. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि एक तरफ कार्यक्रमों में ऐसी पार्टियों के लोग यह कहते हुए पाए जाते हैं कि वह कांशीराम और मायावती के अंबेडकरवादी मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर यही करना होता तो वह अपनी खुद की पार्टी नहीं बनाते, बल्कि बीएसपी के साथ आते और इस मिशन को आगे बढ़ाते. बीएसपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि भले चाहे जातिवादी पार्टियों के सहयोग से ऐसे संगठनों या पार्टियों के लोग एमपी-एमएलए बन जाएं, लेकिन वह अपने समाज के लिए कुछ नहीं करेंगे.
वैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत : बीएसपी सुप्रीमो ने एक बार फिर ईवीएम की जगह वैलेट पेपर से सभी तरह के चुनाव कराने की वकालत की. उन्होंने कहा कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव होंगे तो निश्चित तौर पर बीएसपी के अच्छे दिन आएंगे. इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नेताओं की आपसी टिप्पणियों को लेकर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जाता. अपने दलित वोट बैंक को मायावती ने यह भी समझाने का प्रयास किया कि बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी जातिवादी पार्टियों के बहकावे में न आएं. यही पार्टियां हमारे ही समाज के लोगों को तोड़कर बीएसपी को खत्म करने में लगी हैं. इनसे हमेशा सतर्क रहना है.
बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं पार्टियां : बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि जबसे बसपा के सांसद व विधायक बने हैं और कई बार पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई है, तबसे केंद्र और राज्य सरकार की सत्ताधारी और अंबेडकर विरोधी जातिवादी पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद अनेकों हथकंडे इस्तेमाल कर बीएसपी को कमजोर करने में लगी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सत्ता व विपक्ष में बैठीं जातिवादी पार्टियों ने पर्दे के पीछे से विशेषकर दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों में से कुछ अवसरवादी व स्वार्थी किस्म के लोगों को मैनेज करके और उनके जरिए अनेकों संगठन व पार्टियां बनवाई हैं.
'सावधान रहने की आवश्यकता' : मायावती ने कहा कि ऐसे में दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों में से बने इस किस्म के पार्टी विरोधी संगठनों और पार्टियों से लोगों को जरूर सावधान रहने की आवश्यकता है. इन्हें ऐसे सभी स्वार्थियों और अवसरवादी पार्टियों और संगठनों से सदैव दूरी बनाकर रखना है, क्योंकि इस किस्म के संगठनों और पार्टियों से भीमराव आंबेडकर और बीएसपी के जन्मदाता कांशीराम की बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय के मूवमेंट से कुछ भी लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा कि वास्तव में इनके मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए बीएसपी पूरे जी जान से लगी हुई है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से जबसे बीएसपी फिर से मजबूत होनी शुरू हुई है, तबसे यह सभी विरोधी पार्टियां विशेषकर दलित वर्ग से जुड़े अवसरवादी व स्वार्थी किस्म के संगठनों और पार्टियों को विभिन्न स्तर पर इस्तेमाल करके और उनके जरिए आए दिन किस्म-किस्म के कार्यक्रम आयोजित करवाकर लोगों को गुमराह करने में लगी हैं. उनकी ताकत को भी बांटने व कमजोर करने में लगी हुई हैं, जिनके बहकावे में इन वर्गों के लोगों को बिल्कुल भी नहीं आना है.
'पार्टी के लोगों को बिल्कुल नहीं होना है निराश' : मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि हालांकि ईवीएम में धांधली को लेकर अब विपक्षी पार्टी भी काफी कुछ बोल रही हैं. ऐसे में अब हमारी पार्टी और अधिकांश विपक्षी पार्टियां भी यही चाहती हैं कि देश में सभी छोटे-बड़े चुनाव पूर्व की तरह ही बैलट पेपर से होने चाहिए. जो वर्तमान सरकार के रहते तो संभव नहीं हो सकता, लेकिन उम्मीद है कि सत्ता परिवर्तन होने के बाद यह सब संभव हो जाए, इसलिए ऐसी संभावनाओं के चलते अभी अपनी पार्टी के लोगों को बिल्कुल निराश नहीं होना है, बल्कि इनको अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनकर रहना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में चल रहे राजनीतिक हालातों में ईवीएम वाला सिस्टम कभी भी बदल सकता है, फिर यहां पर बैलेट पेपर से देश में हर चुनाव होंगे. ऐसा हो जाने पर फिर से बीएसपी के अच्छे दिन वापस लौट आएंगे. बीएसपी के जनाधार को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देना है, जिससे फिर अपनी यह पार्टी खासकर उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के आधार पर सत्ता में आसीन हो सके, जो सर्वजन के हित में होना बहुत जरूरी है, इसलिए कांग्रेस, बीजेपी और सपा के सहारे चलकर दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों की एकता और उनकी एकमात्र हितैषी अंबेडकरवादी पार्टी बीएसपी को कमजोर करने वाले ऐसे सभी अवसरवादी व स्वार्थी संगठनों और पार्टियों के नेता चाहे अपने निजी स्वार्थ में सांसद, विधायक व मंत्री क्यों न बन जाएं तो भी इससे इन लोगों का भला होने वाला नहीं है.
मायावती ने कहा कि देश में कोरोना का भी तेजी से प्रकोप बढ़ रहा है. इसके रोकथाम के लिए सभी राज्य सरकारों को विशेष ध्यान देना चाहिए. देश में लगातार बढ़ रही गरीबी महंगाई ने लोगों को तोड़कर रख दिया है. इसके साथ-साथ इस समय देश के कुछ भागों में भारी वर्षा और तूफान आने की वजह से लोग बहुत ज्यादा मुश्किल में हैं. इन सब मामलों में भी केंद्र और राज्य सरकारों को जरूर ध्यान देना चाहिए. सरकारी कार्यक्रमों के प्रति गंभीर व संवेदनशील न होने के कारण आए दिन मची भगदड़ में हो रही मौतें भी चिंता की बात है. इस ओर भी सरकारों को जरूर ध्यान देना चाहिए.
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