अयोध्या : राम मंदिर परिसर में मंगलवार को रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण किया गया. यह प्रतिमा यात्री सुविधा केंद्र में स्थापित की गई है. सफेद संगमरमर की बनी यह प्रतिमा लगभग साढ़े तीन फीट ऊंची है. इसे चारों तरफ से शीशे से सुरक्षित किया गया है. मंदिर के शिखर का निर्माण पूरा होने के बाद अब ऋषि-मुनियों की प्रतिमाओं को भी स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 161 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर पर सोमवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर 3500 किलो वजनी कलश को विधि-विधान से स्थापित किया गया था. मंदिर परिसर में रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास का भी मंदिर स्थापित किया गया है. यह यात्री सुविधा केंद्र के प्रवेश द्वार के पूर्व दिशा में है. मंगलवार को ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रतिमा का अनावरण किया.
महासचिव ने बताया कि राम मंदिर परिसर अपनी पूर्णता की ओर बढ़ रहा है. इसे लेकर तेजी से काम चल रहा है. परिसर में अन्य ऋषि-मुनियों की प्रतिमाएं भी स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रामलला के दर्शन के लिए आने वाले भक्त पहले इन्हीं के दर्शन करेंगे. इसके बाद रामलला के दर्शन के लिए पहुंचेंगे.

महासचिव ने बताया कि आधुनिक काल में तुलसीदास ने भगवान राम की लीलाओं को लोक भाषा में घर-घर तक पहुंचाया है. इससे समाज को भगवान राम के बार में जानने की प्रेरणा मिली.
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