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अरुण योगीराज बोले- रामलला की मूर्ति बनाना प्रभु की कृपा थी, देश-दुनिया में मिली पहचान - ARUN YOGIRAJ IN BIKANER

शिल्पकार अरुण योगीराज कहते हैं कि अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने का काम भगवान की कृपा से हुआ. देखिए ईटीवी भारत से खास बातचीत...

Sculptor Arun Yogiraj
शिल्पकार अरुण योगीराज (ETV Bharat Bikaner)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 14, 2025 at 6:01 PM IST

4 Min Read

बीकानेर: रामलला की मूर्ति को बनाना एक नियति थी और प्रभु की कृपा के बिना यह संभव नहीं था. अंतिम समय में मेरा नाम का चयन हुआ और मूर्ति कैसे बनी, यह मुझे भी नहीं पता. यह कहना है अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार अरुण योगीराज का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अरुण योगीराज ने मूर्ति बनाने के दिनों और चयन के बारे में विस्तार से बात की.

दरअसल, बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को अरुण योगीराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे अरुण योगीराज को यह उपाधि प्रदान करेंगे.

अरुण योगीराज से खास बातचीत, सुनिए क्या कहा... (ETV Bharat Bikaner)

सब प्रभु की कृपा है : अरुण योगीराज कहते हैं कि यह प्रभु की कृपा से ही संभव हुआ है, क्योंकि शुरुआत में जिन लोगों का चयन हुआ, उस सूची में मेरा नाम नहीं था. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के चेयरमैन सच्चिदानंद जोशी को जब यह बात मालूम चली तो मुझसे संपर्क किया गया और बाद में मेरे को भी बुलाया गया और अंतिम समय में मेरा नाम चयन के लिए शामिल किया गया. वह कहते हैं कि जोशी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मेरे द्वारा बनाई मूर्ति के दौरान मेरे काम को नजदीक से देखा और उन्होंने ही राम मंदिर ट्रस्ट के चंपक राय और दूसरे लोगों को इस बात के लिए तैयार किया कि चयन में मुझे भी शामिल किया जाए.

Sculptor Arun Yogiraj
अरुण योगीराज के बारे में जानकारी (ETV Bharat GFX)

बिना मॉडल और स्केच के शुरू किया काम : वे कहते हैं कि जब 30 लोगों का चयन किया गया, तब सबसे मॉडल और स्केच बनाने को कहा गया, लेकिन मैंने इसके लिए मना कर दिया. इसके लिए समय लगता है और बिना मॉडल और स्केच के ही मैंने मूर्ति को बनाने का काम शुरू किया. मैं यह कह सकता हूं कि अंतिम समय में जब मेरा चयन हुआ. हालांकि, मेरी इच्छा मूर्ति को बनाने को लेकर शुरू में हुई थी, लेकिन मुझे जब कॉल नहीं आया, तब मैंने अपने मन को समझाने का प्रयास किया और कहीं ना कहीं यह इच्छा भी थी कि यह इतना बड़ा काम है, जो मुझे करना चाहिए. कमेटी वालों से जब मैं मिला और मैंने अपनी बात रखी तो मेरा चयन इस काम के लिए हुआ.

Sculptor Arun Yogiraj Honoured
अरुण योगीराज को पहली बार मानद उपाधि (ETV Bharat GFX)

पढ़ें : जयपुर में सज रहा है राम दरबार, अयोध्या में होगी प्राण प्रतिष्ठा - RAM TEMPLE AYODHYA

पहली बार मानद डॉक्टरेट : बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार दी जा रही मानद उपाधि के लिए खुद के चयन पर अरुण योगीराज कहते हैं कि निश्चित रूप से मेरे लिए भी यह बड़ा मौका है और मुझे भी पहली बार किसी विश्वविद्यालय के स्तर से मानद उपाधि मिल रही है. इसके लिए मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार और कुलपति का धन्यवाद करता हूं.

Arun Yogiraj in Bikaner
अरुण योगीराज को मिलेगी डॉक्टरेट की मानद उपाधि (ETV Bharat Bikaner)

राजस्थान कला संस्कृति की राजधानी : राजस्थान को लेकर अरुण योगीराज ने कहा कि देश में राजस्थान कला और संस्कृति की राजधानी है और यहां केवल राजा और किले ही नहीं, बल्कि यहां की कला और संस्कृति भी बहुत पुरानी है. इसलिए आज से राजस्थान को अगर कला और संस्कृति के मामले में देश की राजधानी कहा जाए तो गलत नहीं है. मैं यहां आकर बहुत खुश हूं.

Arun Yogiraj in Bikaner
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय करेगा सम्मानित (ETV Bharat Bikaner)

देश और दुनिया से मिल रहा सम्मान : भविष्य की कार्य योजना को लेकर वे कहते हैं कि रामलला के बाद उन्हें पूरे देश और दुनिया में पहचान मिली है. अब कहीं पर भी मंदिर बनता है तो लोग पूछने लगे हैं कि अरुण योगीराज से मूर्ति बनवाई जाए. यह सब प्रभु की कृपा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में साईं बाबा के मंदिर के लिए वह मूर्ति बना रहे हैं, लेकिन अब उनके पास बहुत कम है और भगवान से भी कहते हैं कि उन्हें इतनी शक्ति देना कि वह सब काम कर सकें.

बीकानेर: रामलला की मूर्ति को बनाना एक नियति थी और प्रभु की कृपा के बिना यह संभव नहीं था. अंतिम समय में मेरा नाम का चयन हुआ और मूर्ति कैसे बनी, यह मुझे भी नहीं पता. यह कहना है अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार अरुण योगीराज का. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अरुण योगीराज ने मूर्ति बनाने के दिनों और चयन के बारे में विस्तार से बात की.

दरअसल, बीकानेर की महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को अरुण योगीराज को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे अरुण योगीराज को यह उपाधि प्रदान करेंगे.

अरुण योगीराज से खास बातचीत, सुनिए क्या कहा... (ETV Bharat Bikaner)

सब प्रभु की कृपा है : अरुण योगीराज कहते हैं कि यह प्रभु की कृपा से ही संभव हुआ है, क्योंकि शुरुआत में जिन लोगों का चयन हुआ, उस सूची में मेरा नाम नहीं था. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के चेयरमैन सच्चिदानंद जोशी को जब यह बात मालूम चली तो मुझसे संपर्क किया गया और बाद में मेरे को भी बुलाया गया और अंतिम समय में मेरा नाम चयन के लिए शामिल किया गया. वह कहते हैं कि जोशी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मेरे द्वारा बनाई मूर्ति के दौरान मेरे काम को नजदीक से देखा और उन्होंने ही राम मंदिर ट्रस्ट के चंपक राय और दूसरे लोगों को इस बात के लिए तैयार किया कि चयन में मुझे भी शामिल किया जाए.

Sculptor Arun Yogiraj
अरुण योगीराज के बारे में जानकारी (ETV Bharat GFX)

बिना मॉडल और स्केच के शुरू किया काम : वे कहते हैं कि जब 30 लोगों का चयन किया गया, तब सबसे मॉडल और स्केच बनाने को कहा गया, लेकिन मैंने इसके लिए मना कर दिया. इसके लिए समय लगता है और बिना मॉडल और स्केच के ही मैंने मूर्ति को बनाने का काम शुरू किया. मैं यह कह सकता हूं कि अंतिम समय में जब मेरा चयन हुआ. हालांकि, मेरी इच्छा मूर्ति को बनाने को लेकर शुरू में हुई थी, लेकिन मुझे जब कॉल नहीं आया, तब मैंने अपने मन को समझाने का प्रयास किया और कहीं ना कहीं यह इच्छा भी थी कि यह इतना बड़ा काम है, जो मुझे करना चाहिए. कमेटी वालों से जब मैं मिला और मैंने अपनी बात रखी तो मेरा चयन इस काम के लिए हुआ.

Sculptor Arun Yogiraj Honoured
अरुण योगीराज को पहली बार मानद उपाधि (ETV Bharat GFX)

पढ़ें : जयपुर में सज रहा है राम दरबार, अयोध्या में होगी प्राण प्रतिष्ठा - RAM TEMPLE AYODHYA

पहली बार मानद डॉक्टरेट : बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की ओर से पहली बार दी जा रही मानद उपाधि के लिए खुद के चयन पर अरुण योगीराज कहते हैं कि निश्चित रूप से मेरे लिए भी यह बड़ा मौका है और मुझे भी पहली बार किसी विश्वविद्यालय के स्तर से मानद उपाधि मिल रही है. इसके लिए मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार और कुलपति का धन्यवाद करता हूं.

Arun Yogiraj in Bikaner
अरुण योगीराज को मिलेगी डॉक्टरेट की मानद उपाधि (ETV Bharat Bikaner)

राजस्थान कला संस्कृति की राजधानी : राजस्थान को लेकर अरुण योगीराज ने कहा कि देश में राजस्थान कला और संस्कृति की राजधानी है और यहां केवल राजा और किले ही नहीं, बल्कि यहां की कला और संस्कृति भी बहुत पुरानी है. इसलिए आज से राजस्थान को अगर कला और संस्कृति के मामले में देश की राजधानी कहा जाए तो गलत नहीं है. मैं यहां आकर बहुत खुश हूं.

Arun Yogiraj in Bikaner
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय करेगा सम्मानित (ETV Bharat Bikaner)

देश और दुनिया से मिल रहा सम्मान : भविष्य की कार्य योजना को लेकर वे कहते हैं कि रामलला के बाद उन्हें पूरे देश और दुनिया में पहचान मिली है. अब कहीं पर भी मंदिर बनता है तो लोग पूछने लगे हैं कि अरुण योगीराज से मूर्ति बनवाई जाए. यह सब प्रभु की कृपा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में साईं बाबा के मंदिर के लिए वह मूर्ति बना रहे हैं, लेकिन अब उनके पास बहुत कम है और भगवान से भी कहते हैं कि उन्हें इतनी शक्ति देना कि वह सब काम कर सकें.

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