सरगुजा : भगवान श्रीराम की राजधानी अयोध्या से राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ को सुगम सड़क मार्ग जोड़ने पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. वाकई में सरकार ने ये पहल की तो एक बड़ा धार्मिक सर्किट बनेगा जिसका फायदा ना सिर्फ छतीसगढ़ बल्कि ओड़िशा और महाराष्ट्र के लोगों को भी मिलेगा. इस सड़क से अयोध्या से ना सिर्फ राम का ननिहाल जुड़ेगा बल्कि जगन्नाथ पुरी से बनारस होते हुए अयोध्या मतलब देश के तीन बड़े तीर्थ स्थल तक सुगम मार्ग होगा. ये बात और भी प्रसांगिग तब हो गई जब प्रयाग में महाकुम्भ लगा और इसी सड़क से लाखों लाख लोग रवाना हुए. इसी सड़क पर जाम लगा. इस सड़क से छत्तीसगढ़ सहित ओड़िशा और महाराष्ट्र की गाड़ियां जाती देखी गई.
चंद्रखुरी से जुड़ेगी अयोध्या, कम खर्चे में हो जाएगी पूरी : बड़ी बात ये है कि इस सर्किट के निर्माण में सरकार को बहुत अधिक खर्च नहीं करना होगा क्योंकि चंदखुरी से आपको रायपुर अम्बिकापुर मार्ग से आना होगा ये सड़क पहले ही रायपुर से कटघोरा तक फोर लेन बन चुकी है. कटघोरा से अंबिकापुर तक नई टू लेन सड़क बनी हुई है. लेकिन इस सड़क को भी फोर लेन करने की मंजूरी हाल ही में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने दी है. नेशनल हाइवे विभाग इस सड़क पर सर्वे का काम भी शुरू कर चुका है.
छत्तीसगढ़ के बाद कैसी है स्थिति : अंबिकापुर से आगे यूपी की सीमा धनवार बार्डर तक स्टेट हाइवे है. सड़क अच्छी है लेकिन फोर लेन नही है. साथ ही नेशनल हाइवे नही होने के कारण रास्ते में मोड़ ज्यादा है. अगर इस सड़क को नेशनल हाइवे में शामिल करके हाथी नाला तक इसे फोर लेन बना दिया गया तो मात्र 166 किलोमीटर की सड़क निर्माण से ये बड़ा सर्किट तैयार हो जाएगा. क्योंकि इसके बाद यूपी में फोर लेन सड़क बनारस तक बनी हुई है.अंबिकापुर में इस सड़क की जिम्मेदारी पीडब्लूडी विभाग के पास है. विभाग के एसडीओ एनएस ध्रुव ने बताया कि इसे एनएच किया जाना है लेकिन अब तक कोई अधिकारिक सूचना नही है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में इस सड़क पर आंबेडकर चौक से बनारस रोड में दस किलोमीटर तक सड़क को फोर लेन किया जाना है इसके लिये सर्वे का काम पूरा भी कर लिया गया है.

सरगुजावासियों के लिए सड़क बहुत जरुरी : सरगुजा में लगातार यातायात कनेक्टिविटी के लिए संघर्ष करने वाले रेलबोर्ड के ZRUCC सदस्य मुकेश तिवारी से हमने बात कि तो उन्होंने इस सड़क को बेहद उपयोगी बताया है. इस सड़क से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्यप्रदेश और ओडिशा के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा. पुराने आंकड़े को देखे तो प्रतिदिन यहां से 12-15 हजार लोग उत्तर प्रदेश जाते हैं. एक आश्चर्यजनक तथ्य ये देखने को मिला कि जब कोरोना काल में लॉकडाउन था तब छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा इंटर स्टेट पास बनारस के लिए बनाए गए थे. इसके अलावा नागपुर जो देश का सेंटर है वहां से रायपुर होते हुए बिलासपुर आकर सरगुजा आया जा सकता है.
पहले भी पूर्व केन्द्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने बिलासपुर से बनारस तक भारतमला प्रोजेक्ट में सड़क को जोड़ने के लिए केन्द्रीय मंत्री गडकरी जी से आग्रह किया था. उस समय चुनाव नजदीक था तो उन्होंने भविष्य के लिए प्राथमिकता में करने को कहा था. उत्तरी छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी चुनौती भी कनेक्टिविटी की है. ये सड़क अगर बनेगी तो जनजातीय लोगों की संस्कृति को बाजार आसानी से मिलेगा. राज्य सरकार ने इस सड़क को नेशनल हाइवे करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव दिया है. राज्य सरकार भी स्टेट हाइवे को शहरी क्षेत्र छोड़कर बाकी को फोरलेन बनाने की योजना बना रही है. जब तक नेशनल हाइवे नहीं बनता है तब तक स्टेट हाइवे भी चौड़ा हो गया तो बेहतर होगा. इस सड़क से ओड़िशा सरकार की भी एक मांग पूरी हो जाएगी. उन्होंने पुरी को बनारस से जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है तो इस सड़क से पुरी का जगन्नाथ धाम भी बनारस और अयोध्या से जुड़ जाएगा- मुकेश तिवारी, ZRUCC सदस्य रेलवे बोर्ड
सांसद ने भी कही सड़क निर्माण के लिए प्रयास की बात : इस मामले में सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने कहा है कि ये सड़क देश के धार्मिक सर्किट के लिये बहुत महत्वपूर्ण है. वो इस समय दिल्ली में ही हैं. वो केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर, प्रस्ताव भी देंगे कि चंदखुरी को अयोध्या से जोड़ने के लिए सरगुजा होते हुए सड़क निर्माण कराया जाए.
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