जयपुर: राजस्थान में नौकरशाहों के तबादलों को लेकर लगातार इंतजार बना हुआ है. न केवल ब्यूरोक्रेसी, बल्कि सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के नेता भी इन तबादलों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. विधानसभा के बजट सत्र की समाप्ति के बाद से ही आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बड़े स्तर पर तबादलों की चर्चाएं जोरों पर थीं, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक तबादला सूची जारी नहीं हुई है. राज्य में 40 से अधिक आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जो एक साथ कई विभागों का कार्यभार संभाल रहे हैं. ऐसे में लंबे समय से तबादलों के लटके रहने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "राजस्थान में लगभग हर सरकारी विभाग की स्थिति खराब है. जनवरी 2025 में पदोन्नति पा चुके कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी अपनी नई पोस्टिंग के लिए छह महीने से इंतजार कर रहे हैं. तहसीलदार के पद पर पदोन्नत 250 अधिकारी भी मजबूरी में अब तक अपने कनिष्ठ पदों पर कार्य कर रहे हैं. इसका सीधा असर प्रशासनिक कार्यों और आमजन पर पड़ रहा है." गहलोत ने सवाल उठाया कि जब ऐसी रूटीन प्रक्रियाओं में ही छह-छह महीने लग रहे हैं, तो सरकार बड़े निर्णय कैसे ले पाएगी.
राजस्थान में लगभग हर सरकारी विभाग का हाल खराब चल रहा है। जनवरी, 2025 में प्रमोशन पा चुके तमाम IAS, IPS अधिकारी भी अपनी नई पोस्टिंग के छह महीने से इंतजार में हैं। तहसीलदार में प्रमोशन के बावजूद 250 तहसीलदार मजबूरी में अपने कनिष्ठ पद पर ही आसीन हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 9, 2025
इसका असर सरकार एवं प्रशासन के…
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मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान दे सरकार: गहलोत ने कहा कि "रविवार को मैंने प्रदेश की बिजली की समस्या उठाई तो सरकार की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपलब्धियों का बखान किया, लेकिन बिजली कटौती की समस्या जारी है. बिजली के साथ राजधानी जयपुर में स्थित मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र सांगानेर सहित प्रदेशभर में पेयजल के लिए हाहाकार मचा है एवं आमजन प्रदर्शन करने के लिए जनता मजबूर है. सरकार को प्रेस वार्ता कर उपलब्धियां गिनाने की बजाय बिजली-पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति पर देना चाहिए जिससे जनता को राहत मिल सके."
गहलोत ने बिजली संकट पर उठाए थे सवाल: दरअसल, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में भीषण गर्मी के दौरान बिजली संकट पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि गांव में लोगों को बिजली नहीं मिल रही है, और अघोषित कटौती से लोग परेशान हैं, जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गहलोत पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि जितना काम उन्होंने 5 साल में किया था उतना हमने डेढ़ साल में कर दिया है, साथ ही दावा भी किया था कि राजस्थान में कहीं भी बिजली कटौती नहीं हो रही है.
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