टिहरी: जाखणीधार तहसील कार्यालय को शिफ्ट करने का मामला तूल पकड़ गया है. बताया जा रहा है कि तहसील कार्यालय को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में शिफ्ट किए जाने की कवायद की जा रही है. ग्रामीण इसके विरोध में उतर आए हैं. ग्रामीण धरना प्रदर्शन के साथ ही अनशन पर बैठ गए हैं. इसी कड़ी में ग्रामीणों को समझाने के लिए टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें ग्रामीणों का तीखा विरोध झेलना पड़ा. ऐसे में उन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा.
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में तहसील कार्यालय लाने का विरोध: जानकारी के मुताबिक, टिहरी जिले के जाखणीधार तहसील कार्यालय को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में स्थानांतरित करने की सुगबुगाहट मिलते ही ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं. इतना ही नहीं पेटब के ग्रामीणों ने धरना देते हुए आत्मदाह तक चेतावनी दे डाली. वहीं, ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए टिहरी से बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय धरनास्थल पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीण मामले को लेकर भड़क गए.
ग्रामीणों और विधायक के बीच तीखी नोकझोंक: इस दौरान विधायक और ग्रामीणों की तीखी नोकझोंक भी हुई. जिससे मामला गरमा गया. काफी देर तक नोकझोंक होती रही. विधायक समझाते रहे, लेकिन गुस्साए ग्रामीण नहीं माने. ग्रामीणों ने एक ही सुर में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में तहसील कार्यालय न ले जाने की मांग की. साथ ही ग्रामीणों ने विधायक के चुनाव के दौरान किए गए वादों को भी याद दिलाया. आखिरकार विधायक किशोर उपाध्याय ने धरना स्थल से वापस लौटना ही उचित समझा. इसके बाद विधायक अपनी गाड़ी में बैठकर चलते बने.

ग्रामीण बोले- अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की बजाय लाया जा रहा तहसील: ग्रामीणों का कहना था अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटब में तहसील चलाए जाने को लेकर लोगों में रोष है. यदि तहसील को यहां से हटाया नहीं गया तो स्थानीय जनता उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी. उनका साफ कहना था कि विधायक किशोर उपाध्याय को पहले तो अस्पताल में डॉक्टर समेत अन्य स्वास्थ्य व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन उसे सुधारने की बजाय तहसील कार्यालय शिफ्ट किया जा रहा है. जिसे किसी भी सूरत में होने नहीं दिया जाएगा.
धरने को कांग्रेस का समर्थन: जाखणीधार तहसील को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटव में शिफ्ट किए जाने के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों का धरना पांचवे दिन भी जारी है. ग्रामीणों द्वारा दिये जा रहे धरने को कांग्रेस पार्टी ने समर्थन देते हुए सरकार से तत्काल निर्णय वापस लेने और तहसील जाने वाले मार्ग के सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग की है.
बताते चलें कि 2 अप्रैल को टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कोशियार तोक में संचालित जाखणीधार तहसील को जनता की मांग पर ए पीएसचसी पेटब में शिफ्ट कर दिया था. लेकिन विधायक द्वारा लिए गये निर्णय को लेअर ए पीएचसी के लिए जमीन दान देने वाले पेटब गांव के लोगों ने धरने पर बैठकर आंदोलन शुरू कर दिया. विधायक द्वारा लिए गये इस निर्णय को आंदोलनकारियों और कांग्रेस पदाधिकारियों ने तुगलकी फरमान बताते हुए वापस लेने की मांग की.

इस मौके पर ग्रामीणों द्वारा दिये जा रहे धरने को समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा, प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट ने अस्पताल को अस्पताल रहने देने और तहसील को वापस कोशियार में ले जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि 21 वर्षों से तहसील सुचारू रूप से चल रही है. इसे शिफ्ट करना गलत है. अच्छा होता अगर विधायक जी अपने प्रयास से पेटब-कोशियार-अखोडीसैण मार्ग का चौड़ीकरण व डामरीकरण कर मार्ग को सुधारीकरण करवाते और ए पीएचसी पेटब को उच्चीकृत कर पीएचसी बनाने का काम करते. लेकिन खेद है कि भाजपा सरकार विधायक द्वारा तहसील को अस्पताल में भर्ती करवा कर स्थापित संस्थाओं को खत्म करने का काम कर रही है.

किशोर उपाध्याय ने आरोपों को गलत बताया: इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत के द्वारा दूरभाष पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय से उनका पक्ष जाना गया तो उनका कहना है कि तहसील शिफ्टिंग का निर्णय जनभावनाओं के अनुरूप ही लिया गया. मुझ पर जो धक्का मारने आरोप लगाया जा रहा है ओ निराधार है. मेरे लिए जनता व जनभावना सर्वोपरि है. जिस जनता के आशीर्वाद से मैं विधायक बना हूं उसके साथ मैं भला ऐसा बर्ताव क्यों करूंगा. जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें कहीं भी मेरे द्वारा कुछ भी जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है नहीं दिखाई दे रहा है. कुछ लोग इस मामले पर राजनीति कर रहे हैं. इस पर मैं क्या कर सकता हूं.

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