नई दिल्ली: दिल्ली की आर्काइवल हेरिटेज को आम लोगों के करीब लाने के उद्देश्य से पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली आर्काइव विभाग जल्द ही एक सार्वजनिक प्रदर्शनी का आयोजन करेगा, जिसमें ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और पुराने सरकारी रिकॉर्ड को प्रदर्शित किया जाएगा. यह प्रदर्शनी दिल्ली के इतिहास को जानने-समझने में लोगों की रुचि बढ़ाएगी, साथ ही इसमें सिख धार्मिक संस्थाओं और साहित्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जो विभाग के पास संरक्षित है.
बीते दिनों दिल्ली सरकार के मंत्री ने कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया स्थित दिल्ली आर्काइव विभाग का निरीक्षण किया था, उस दौरान मंत्री ने दिल्ली आर्काइव विभाग को इससे संबंधित प्रदर्शनी लगाने पर जोर दिया था. उन्होंने विभाग की रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली और दस्तावेज़ों के संग्रह का गहन निरीक्षण किया. उन्होंने सरकारी फाइलों, ऐतिहासिक पत्राचार, पांडुलिपियों, पुराने नक्शों और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को देखा, इन दस्तावेजों को विभाग द्वारा अपनाई जा रही आधुनिक संरक्षण तकनीकों की जानकारी भी हासिल की, जिसमें रोकथाम और मरम्मत दोनों तरह की विधियां शामिल हैं. उन्होंने माइक्रोफिल्म रीडर का निरीक्षण किया और जर्मन तकनीक की सहायता से हो रहे 5 करोड़ से अधिक पृष्ठों के दीर्घकालिक संरक्षण की प्रक्रिया को समझा.
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने सिख विरासत से जुड़े पुराने दस्तावेजों और धार्मिक संस्थानों के ऐतिहासिक विकास से संबंधित पत्राचार भी देखा. इस दौरान विभागीय अधिकारियों ने ढांचे और संसाधनों से जुड़ी चुनौतियों को भी सामने रखा. इस पर मंत्री ने कहा, “दिल्ली अभिलेखागार हमारे राजधानी क्षेत्र के दस्तावेज़ी इतिहास की रक्षा में एक अहम भूमिका निभाता है.” यह प्रदर्शनी खासकर युवा पीढ़ी को दिल्ली की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से जोड़ने में सहायक होगी. इस दौरान मंत्री ने भगत सिंह अभिलेखागार और शोध केंद्र का भी दौरा किया, जहां उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े पत्राचार और राजनीतिक लेखन देखे.
बता दें कि दिल्ली अभिलेखागार 1972 में स्थापित हुआ है. दिल्ली अभिलेखागार दिल्ली सरकार की आधिकारिक अभिलेखीय संस्था है. यह पुराने सरकारी रिकॉर्ड के वैज्ञानिक संरक्षण, प्रबंधन और उपयोग के लिए जिम्मेदार है. 1986 से एक समर्पित भवन में स्थित यह विभाग फाइलों, पुस्तकों, पांडुलिपियों, नक्शों और तस्वीरों सहित अनेक ऐतिहासिक सामग्री को संरक्षित करता है, जो दिल्ली के प्रशासनिक और सांस्कृतिक विकास को समझने में सहायक हैं.
यह भी पढ़ें-