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डेढ़ साल पहले धूमधाम से अस्पताल का शुभारंभ, न डॉक्टर्स का पता और न दवाओं का - MP HIGH COURT NOTICE

अनूपपुर जिला स्थित राजनगर अस्पताल में एक भी डॉक्टर नियुक्त नहीं होने पर हाई कोर्ट ने दिया सरकार को नोटिस.

MP high court Notice
डॉक्टरों के पदों की संख्या 15, नियुक्त एक भी नहीं, नोटिस जारी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 10, 2025 at 11:52 AM IST

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जबलपुर : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेढ़ साल से एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. हाई कोर्ट जस्टिस एके सिंह व जस्टिस अमित सेठ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामला अनूपपुर जिले के राजनगर क्षेत्र का है. याचिका पर अगली सुनवाई इसी माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की गई है.

डॉक्टरों के पदों की संख्या 15, नियुक्त एक भी नहीं

विकास प्रताप सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया "अनूपपुर जिले के राजनगर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेढ़ साल पूर्व शुरू हुआ. स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की निर्धारित पदों की संख्या 15 है. अस्पताल के स्थापना के बाद से यहां किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई. इस कारण क्षेत्र में रहने वाले 50 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है." याचिका में कहा गया कि ये लोगों के मौलिक व स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है.

अनूपपुर कलेक्टर व सीएमएचओ को भी नोटिस जारी

याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया "अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं होने कारण गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. नर्सों द्वारा महिलाओं की डिलीवरी कराई जाती है. स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज इंजेक्शन व आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं. स्वास्थ्य केंद्र में पैरा मेडिकल स्टाफ भी निर्धारित पदों से कम है. स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद लोगों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है." याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, अनूपपुर कलेक्टर तथा सीएमओ को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ गोटिया ने पैरवी की.

जबलपुर : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेढ़ साल से एक भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. हाई कोर्ट जस्टिस एके सिंह व जस्टिस अमित सेठ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामला अनूपपुर जिले के राजनगर क्षेत्र का है. याचिका पर अगली सुनवाई इसी माह के अंतिम सप्ताह में निर्धारित की गई है.

डॉक्टरों के पदों की संख्या 15, नियुक्त एक भी नहीं

विकास प्रताप सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया "अनूपपुर जिले के राजनगर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डेढ़ साल पूर्व शुरू हुआ. स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की निर्धारित पदों की संख्या 15 है. अस्पताल के स्थापना के बाद से यहां किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई. इस कारण क्षेत्र में रहने वाले 50 हजार लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है." याचिका में कहा गया कि ये लोगों के मौलिक व स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है.

अनूपपुर कलेक्टर व सीएमएचओ को भी नोटिस जारी

याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया "अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं होने कारण गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. नर्सों द्वारा महिलाओं की डिलीवरी कराई जाती है. स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज इंजेक्शन व आवश्यक दवाइयां भी उपलब्ध नहीं हैं. स्वास्थ्य केंद्र में पैरा मेडिकल स्टाफ भी निर्धारित पदों से कम है. स्वास्थ्य केंद्र होने के बावजूद लोगों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है." याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, अनूपपुर कलेक्टर तथा सीएमओ को नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ गोटिया ने पैरवी की.

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