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अनूपपुर का एक गांव झिरिया पानी पर जिंदा, बूंद-बूंद से घंटों में भरता है मटका - ANUPPUR NO DRINKING WATER FACILITY

अनूपपुर में झिरिया से पानी निकालते हुए ग्रामीणों का वीडियो वायरल, पेयजल के लिए तरस रहे ग्रामीण.

ANUPPUR NO DRINKING WATER FACILITY
अनूपपुर गांव में पानी की समस्या (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 16, 2025 at 8:06 AM IST

Updated : April 16, 2025 at 10:51 AM IST

3 Min Read

अनूपपुर: जिले में पेयजल व्यवस्था बनाने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई है. बावजूद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में आज भी बैगा बाहुल्य ग्राम में पेयजल व्यवस्था नहीं बन पाई है. जिसके कारण लगभग 500 की आबादी वाले इस गांव के लोगों को गंदे झिरिया का पानी 2 किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है. ऐसे में ज्यादा गर्मी बढ़ने पर यह झिरिया भी धीरे-धीरे सूखने लग जाता है, जिससें ग्रामीणों को गर्मियों में काफी परेशानी का सामना में करना पड़ता है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने झिरिया से पानी निकालने का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में पानी की समस्या को अवगत कराते हुए वायरल कर दिया.

2 किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी
पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत केकरिया के ग्राम तनाजा, जहां बैगा ग्रामीणों की संख्या सर्वाधिक है. इसके बावजूद गांव में अब तक पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है. जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर झिरिया से पानी लाना पड़ता है. लंबे समय से यहां पेयजल की समस्या बनी हुई है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत, जनपद तथा जनसुनवाई में भी जिले के अधिकारियों से की. लेकिन आज तक यहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं बन पाई.

झिरिया से पानी भरते हुए ग्रामीणों का वीडियो वायरल (ETV Bharat)

गर्मी का मौसम आते ही सताने लगती है चिंता
ग्रामीणों ने बताया कि, "'गर्मियों का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आता है वैसे-वैसे गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लग जाती है, जिसका कारण यहां की पेयजल समस्या है. सिर्फ एक झिरिया के भरोसे ही यहां के ग्रामीणों का गुजारा होता है. मई-जून की गर्मियों में इससे भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में सुबह से शाम तक ग्रामीण इसके पास बैठकर पानी भरने का इंतजार करते हैं.''

कई बार शिकायत की, नहीं होती है सुनवाई
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, '''गांव में होने वाली पानी की समस्या की जानकारी कई बार ग्राम पंचायत जनपद पंचायत और जिले के अधिकारियों को दी गई. विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान विधायक और संसद को भी अपनी समस्या हमने बताई, लेकिन कोई भी हमारी परेशानी को आज तक दूर नहीं कर पाया.''

गंदे पानी के सेवन से बीमार हो जाते हैं बच्चे
ग्रामीणों ने कहा कि, ''झिरिया का मजबूरी में पीना पड़ता है क्योंकि यह गंदा होता है. इसकी वजह से बच्चे बीमार भी हो जाते हैं. यदि हमारे गांव में कोई अन्य व्यवस्था बना दी जाए तो गांव के लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी. नल जल योजना और हैंड पंप की सुविधा यहां दिए जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी लेकिन अधिकारी इस पर सुन ही नहीं रहे हैं.''

2 दिन में हो जाएगी पेयजल की व्यवस्था
वायरल वीडियो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ दीपक साहू तक भी पहुंचा है. इस मामले पर उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि, ''मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एक-दो दिन के अंदर ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी.''

अनूपपुर: जिले में पेयजल व्यवस्था बनाने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई है. बावजूद आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में आज भी बैगा बाहुल्य ग्राम में पेयजल व्यवस्था नहीं बन पाई है. जिसके कारण लगभग 500 की आबादी वाले इस गांव के लोगों को गंदे झिरिया का पानी 2 किलोमीटर दूर से लाना पड़ता है. ऐसे में ज्यादा गर्मी बढ़ने पर यह झिरिया भी धीरे-धीरे सूखने लग जाता है, जिससें ग्रामीणों को गर्मियों में काफी परेशानी का सामना में करना पड़ता है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने झिरिया से पानी निकालने का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में पानी की समस्या को अवगत कराते हुए वायरल कर दिया.

2 किलोमीटर दूर से लाते हैं पानी
पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत केकरिया के ग्राम तनाजा, जहां बैगा ग्रामीणों की संख्या सर्वाधिक है. इसके बावजूद गांव में अब तक पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं बन पाई है. जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर झिरिया से पानी लाना पड़ता है. लंबे समय से यहां पेयजल की समस्या बनी हुई है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत, जनपद तथा जनसुनवाई में भी जिले के अधिकारियों से की. लेकिन आज तक यहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं बन पाई.

झिरिया से पानी भरते हुए ग्रामीणों का वीडियो वायरल (ETV Bharat)

गर्मी का मौसम आते ही सताने लगती है चिंता
ग्रामीणों ने बताया कि, "'गर्मियों का मौसम जैसे-जैसे नजदीक आता है वैसे-वैसे गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लग जाती है, जिसका कारण यहां की पेयजल समस्या है. सिर्फ एक झिरिया के भरोसे ही यहां के ग्रामीणों का गुजारा होता है. मई-जून की गर्मियों में इससे भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में सुबह से शाम तक ग्रामीण इसके पास बैठकर पानी भरने का इंतजार करते हैं.''

कई बार शिकायत की, नहीं होती है सुनवाई
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि, '''गांव में होने वाली पानी की समस्या की जानकारी कई बार ग्राम पंचायत जनपद पंचायत और जिले के अधिकारियों को दी गई. विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान विधायक और संसद को भी अपनी समस्या हमने बताई, लेकिन कोई भी हमारी परेशानी को आज तक दूर नहीं कर पाया.''

गंदे पानी के सेवन से बीमार हो जाते हैं बच्चे
ग्रामीणों ने कहा कि, ''झिरिया का मजबूरी में पीना पड़ता है क्योंकि यह गंदा होता है. इसकी वजह से बच्चे बीमार भी हो जाते हैं. यदि हमारे गांव में कोई अन्य व्यवस्था बना दी जाए तो गांव के लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी. नल जल योजना और हैंड पंप की सुविधा यहां दिए जाने से यह समस्या दूर हो जाएगी लेकिन अधिकारी इस पर सुन ही नहीं रहे हैं.''

2 दिन में हो जाएगी पेयजल की व्यवस्था
वायरल वीडियो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के एसडीओ दीपक साहू तक भी पहुंचा है. इस मामले पर उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि, ''मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए एक-दो दिन के अंदर ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था कराई जाएगी.''

Last Updated : April 16, 2025 at 10:51 AM IST
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