वाराणसी: काशी के 84 घाटों की श्रृंखला में एक और घाट जुड़ने जा रहा है. योगी सरकार ने रामनगर को जोड़ने वाले ब्रिज के बगल स्थित कच्चे घाट का पुनर्विकास करके पक्का घाट का निर्माण करा दिया है. निर्माण में काशी के अन्य ऐतिहासिक घाटों के वास्तुशिल्प का विशेष ध्यान रखा गया है. आधुनिक रूप से बने इस पक्के घाट पर पर्यटकों की सुविधाओं का ख़ास ध्यान रखा गया है, जिससे धार्मिक कार्यों के साथ ही पर्यटकों को सभी सुविधा मिल सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को वाराणसी के प्रस्तावित दौरे पर इस नए घाट का उद्घाटन कर सकते हैं.
गंगा किनारे काशी के अर्धचन्द्राकार घाट पूरी दुनिया को हमेशा से आकर्षित करते आए हैं. उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि 1055.43 लाख की लागत से इस घाट का पुनर्विकास कराया जा रहा है. इस घाट की लम्बाई 110 मीटर है. घाट पर आरती और पूजा के लिए प्लेटफार्म, चुनार स्टोन की छतरी, गजिबो, चेंजिंग रूम, हाईमास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, साइनेज, पीने का पानी, पाथवे, पार्किंग, स्टोन पिचिंग, दिव्यांगजनों, बुजुर्गों के लिए रैंप आदि सुविधा होगी. हॉर्टिकल्चर से घाट की हरियाली और सुंदरता भी बढ़ेगी.
पुरातनता को ध्यान में रखते हुए काशी के घाटों के नवनिर्माण में चुनार के पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है. सामने घाट स्थित बने पक्के घाट पर स्थानीय लोगों को गंगा स्नान, धार्मिक,धार्मिक आयोजनो जैसे छठ और देव दीपावली आदि पर्व मनाने में काफी सहूलियत मिलेगी. काशी के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले घाटों की श्रृंखला से थोड़ा दूर कच्चे घाट के पुनर्विकास से घाट के पक्का होने से धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा. इस पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी कराने की योजना है.