प्रयागराज : निवेशकों से 400 करोड़ की ठगी करने वाली निहारिका वेंचर्स लिमिटेड पर एक और फर्जीवाड़ा करने का केस दर्ज हुआ है. यह केस प्रयागराज की झूंसी की रहने वाली मंजू सिंह ने दर्ज कराया है. मंजू सिंह को उनके निवेश पर 6 परसेंट हर महीने देने का झांसा देकर 20 लाख रुपए ठग लिए. बाद में जो चेक दिया वो भी बाउंस हो गया. जब मूलधन भी चला गया तो मंजू सिंह ने निहारिका वेंचर्स के मालिक अभिषेक द्विवेदी, उनकी पत्नी निहारिका द्विवेदी, अन्वेश मिश्रा, अभिषेक के पिता व पूर्व सीएमओ डॉ. ओपी द्विवेदी, निरुपमा मिश्रा व कुछ अज्ञात एजेंट्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
एजेंट अन्वेश मिश्रा ने 6 परसेंट हर महीने इनकम का दिया था झांसा : सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में मंजू सिंह ने बताया कि अन्वेश मिश्रा पुत्र त्रिभुवन मिश्रा निवासी फैजाबाद ने मुझसे संपर्क किया और खुद को निहारिका वेंचर्स एंड डेवलपर्स कंपनी का एजेंट बताया.अन्वेश मिश्रा ने दावा किया कि कंपनी के मालिक अभिषेक द्विवेदी रियल एस्टेट में निवेश करते हैं और व्यवसाय करते हैं. समाज में उनकी बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है. मंजू सिंह से कहा गया कि वो जितनी राशि निवेश करेंगी, उस पर हर महीने 6 प्रतिशत के हिसाब से उन्हें ब्याज मिलेगा. मूलधन जब वो चाहेंगी मिल जाएगा. अन्वेश मिश्रा ने भरोसा जीतने के लिए यह भी दावा किया है कि इलाहाबाद के विभिन्न वकीलों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने कंपनी में निवेश किया है और अच्छा लाभ कमा रहे हैं.
भरोसा दिलाने के लिए निवेशकों के कागज, नैनी में प्लॉट दिखाए : मंजू सिंह ने इंस्पेक्टर सिविल लाइंस को बताया कि अन्वेश मिश्रा के कहने पर मैं कंपनी के सिविल लाइंस स्थित ऑफिस गई. ऑफिस में अभिषेक द्विवेदी के अलावा उनके पिता डॉ. ओपी द्विवेदी, निहारिका द्विवेदी (अभिषेक द्विवेदी की पत्नी), निरुपमा मिश्रा (अभिषेक द्विवेदी की सास) और कंपनी के कुछ एजेंट्स मौजूद थे. अभिषेक द्विवेदी ने बताया कि कंपनी अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है. इलाहाबाद, अयोध्या व नोएडा में 100 एकड़ से अधिक जमीन पर काम चल रहा है. जिस पर प्लटिंग व निर्माण कार्य किया जाना है. इसके लिए उसे धन की आवश्यकता है. यदि निवेशक अभिषेक द्विवेदी के पास धन निवेश करेंगे तो वह कंपनी के लाभ में मासिक आधार पर हिस्सा देंगे. कंपनी के घाटे से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यदि किसी को भूमि में रुचि है तो वह कंपनी से उपयुक्त भूमि खरीदकर अपने लाभ को लाभ में बदल सकता है. उन्होंने हजारों निवेशकों की सूची भी दिखाई है, जिनके नाम पर लाभ का उल्लेख किया गया है. प्लाटों के कागज भी दिखाए. सीएमओ के पद से रिटायर अभिषेक के पिता डॉ. ओपी द्विवेदी ने भी कंपनी की प्लानिंग और ग्रोथ के बारे में भरोसा दिलाया.
20 लाख रुपए का जो चेक दिया उसपर सभी के दस्तखत फर्जी थे: पुलिस को बताया कि नैनी स्थित जमीन का दौरा भी करवाया. अभिषेक द्विवेदी ने मुझे सरस्वती हाई-टेक सिटी के पास नैनी में लगभग 50 एकड़ जमीन के पंजीकृत बिक्री के कागज दिखाए. इन कागजों पर अभिषेक द्विवेदी, उनकी पत्नी निहारिका द्विवेदी और उनके पिता डॉ. ओपी द्विवेदी के नाम पर थे. जमीन पर निहारिका वेंचर्स के नाम से पत्थर लगा हुआ था. अब मुझे पता चला है कि सब कुछ फर्जी था. मैंने अलग-अलग बैंक खातों से 10 मार्च 2023 को कुल बीस लाख रुपये नकद अभिषेक द्विवेदी को दिए. उसने चेक से पैसे लेने से मना कर दिया था.
मुझे भरोसा दिलाने के लिए 25 मार्च 2025 की डेट का कोटक महिंद्रा बैंक का एक चेक भी दिया. बाद में वो चेक भी बाउंस हो गया. उस पर सभी ने फर्जी दस्तखत कर रखे थे.
प्रापर्टी और शेयर में निवेश के नाम पर की थी 400 करोड़ की धोखाधड़ी : प्रॉपर्टी-शेयर में निवेश के नाम पर 400 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी समेत छह आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. करीब 450 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने सभी को आरोपी बनाया है. 6 जून 2024 को शिवकुटी थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया था. मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अभिषेक द्विवेदी, उसके पिता डॉ. ओम प्रकाश, सास निरुपमा, ड्राइवर शैलेंद्र, मददगार टीकम चंद्र जायसवाल, पार्टनर नरेन्द्र सिंह नेगी को गिरफ्तार किया था. अभिषेक की पत्नी और इस मामले में नटवरलाल निकली निहारिका द्विवेदी काफी दिन तक फरार रही पर पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. आरोपी अभिषेक ने पार्टनर के साथ मिलकर अयोध्या, नोएडा समेत अन्य जगहों पर करोड़ों रुपये की जमीन की डील की थी. अब जल्द ही कोर्ट में केस का ट्रायल चलेगा.