नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के आरटीजीएस चैनल को हैक करके 16 करोड़ से ज्यादा की ठगी मामले में साइबर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया. इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है. गिरफ्तार आरोपी के खातों में 1.97 करोड़ रुपए ठगी के आए थे. साइबर पुलिस इस गिरोह के अन्य जालसाजों के बारे में पता लगा रही है.
एडीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव का कहना है कि 16 जुलाई को नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने साइबर थाने में शिकायत की थी कि बैंक में जून में बैलेंस शीट का मिलान किया जा रहा था. 17 जून को आरबीआई सेटलमेंट आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस सीट में 3 करोड़ 60 लाख 94 हजार 20 रुपए का अंतर पाया गया था.
इसके बाद बैंक की आंतरिक जांच में बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिली और पता चला कि 16 करोड़ एक लाख 83 हजार 261 रुपए की धोखाधड़ी हुई. यह रकम बैंक से 84 बार में अलग अलग खातों में भेजी गई है. इस मामले में साइबर थाने की पुलिस ने गाजियाबाद के कविनगर निवासी कुलदीप को गिरफ्तार किया. पुलिस की जांच में पता चला कि इस ठगी की रकम में से कुलदीप के खातों में 1 करोड़ 97 लाख रुपये आए थे. इनमें से पांच लाख रुपये कुलदीप को मिले. कुलदीप ने इस मामले में पहले से गिरफ्तार शुभम बंसल से ही खाते लिए थे.
अब तक 4.10 करोड़ की रकम कराई गई फ्रीज: साइबर थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार का कहना है कि इस मामले में दो लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. साइबर थाने की टीम ने अब तक 4 करोड़ 10 लाख की रकम फ्रीज कराई है. जांच में पता चला है कि धोखाधड़ी की धनराशि को निकाल कर अन्य सह आरोपियों के खातों तक पहुंचाया गया है. इसमें करीब सौ खातों का इस्तेमाल किया गया है. सभी खातों की पड़ताल की जा रही है.
गाजियाबाद से हुई थी पहली गिरफ्तारी: इससे पहले साइबर थाने की पुलिस ने गाजियाबाद से शुभम बंसल को इस मामले में गिरफ्तार किया था. शुभम एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था. वह गाजियाबाद में एक फर्म चलाता था. आरोप है कि काले धन को सफेद करने में शामिल है. इनकी एक फर्जी फर्म में नैनीताल बैंक फ्रॉड के 99 लाख रुपये आए थे. हालांकि, गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही इसे जमानत मिल गई थी.
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