सिरमौर: सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर हिमाचल प्रदेश का एक किसान करोड़पति बन गया. ये प्रगतिशील किसान कृषि, बागवानी, मुर्गी और मत्स्य पालन जैसे कई काम कर रहा है, लेकिन खास बात यह है कि अकेले मशरूम और शहद को बेचकर ये किसान लाखों रुपए कमा रहा है. मेहनत से इस किसान ने अपना सालाना टर्न ओवर एक करोड़ रुपये से पार कर लिया है. वहीं, किसान 10 से 12 लोगों को रोजगार भी दे रहा है.
इस किसान का नाम आशीष गौतम है. सिरमौर की पच्छाद तहसील की सराहां पंचायत के चमोड़ा गांव से आशीष गौतम संबंध रखते हैं. उनका मानना है कि जज्बा, जुनून, दृढ़ इच्छा शक्ति और सरकारी योजनाओं पर मिलने वाले उपदान से सफलता जरूर हाथ लगती है. ऐसे में बेरोजगारों को सरकारी नौकरी के पीछे भागने के बजाए प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए.
खेतों में लगाए लेवेंडर प्रजाति के 500 पौधे
आशीष ने बताया कि, 'प्रदेश सरकार की उद्यान विभाग के माध्यम से चलाई जा रही पुष्प क्रांति योजना के तहत भी मैंने आवेदन किया है, जिस पर मुझे 30 हजार रुपये का उपदान मिलना है. मेरे खेतों में इस समय लेवेंडर प्रजाति के 500 पौधे हैं, जिसकी स्टिक और तेल की बाजार में बहुत मांग है. प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं, जिसका बेरोजगार युवाओं को लाभ उठाना चाहिए. इससे युवाओं के साथ साथ प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी.'
आशीष एक प्रगतिशील किसान-बागवान बनकर उभरे हैं. जिस तरीके से आशीष ने सरकारी योजनाओं के अनुरूप खेतीबाड़ी और बागवानी की है, वो दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत है. आशीष गौतम ने दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए हैं. आशीष को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की गई है, जिसका उन्होंने भरपूर लाभ उठाकर अपनी आर्थिकी को काफी मजबूत किया है. : एसएमएस डॉ. विनोद धोल्टा, उद्यान विभाग राजगढ़
मशरूम से कमाए 30 लाख रुपये
आशीष गौतम को वर्ष 2024 में खुम्ब विकास योजना के तहत शेड निर्माण, वातानुकूलित कक्ष और कम्पोस्ट खाद खरीद के लिए 8 लाख रुपए का अनुदान मिला. इससे करीब एक साल के भीतर 30 टन मशरूम उत्पादित कर 30 लाख रुपए की आय अर्जित की. इसी प्रकार उन्हें 1200 वर्ग फीट के कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए 2 लाख 50 हजार और एक बोरवेल स्थापित करने के लिए 1 लाख 3 हजार का उपदान भी स्वीकृत हुआ है. इसके अलावा उन्हें कृषि विभाग से 3 लाख लीटर की क्षमता वाले जल भंडारण टैंक निर्माण के लिए 5 लाख रुपए की राशि अनुदान के रूप में मिली है. इससे वो कृषि और बागवानी व्यवसाय का कार्य सुचारू रूप से कर रहे हैं.
लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए कृषि विभाग ने कई योजनाएं चलाई हैं. आशीष गौतम ने विभागीय योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आमदनी को बढ़ाया है. अन्य युवाओं को भी सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए. विभाग आवेदनकर्ता की हर संभव मदद करेगा.: डॉ. राजकुमार, उपनिदेशक कृषि विभाग
5 लाख रुपए का बेचा शहद
आशीष गौतम ने बताया कि, 'साल 2023 में प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 48 मधुमक्खी बॉक्स पर 1.36 लाख रुपए का अनुदान मिला, जिसके तहत वर्ष 2024 में उन्होंने 1.50 टन शहद का उत्पादन कर 5 लाख रुपए की आय अर्जित की, जिसे उन्होंने क्वागधार स्थित शी-हाट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचा.'
मुर्गी और मत्स्य पालन से कमाए डेढ़ लाख
आशीष गौतम यहीं नहीं रुके. उन्होंने 2024 में मुर्गी और मछली पालन व्यवसाय में हाथ आजमाने का सोचा. इसके लिए आशीष गौतम को पशुपालन विभाग से मुर्गी पालन के व्यवसाय के लिए 10 रुपए के हिसाब से 50 चूजे 2024 में मिले. इसके तहत उन्होंने करीब 30 हजार रुपए के अंडे और 20 हजार रुपए के मुर्गे बेचे. मुर्गे का वेस्ट वो मत्स्य पालन में उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कोरोना काल के दौरान मत्स्य पालन के लिए 1.50 लाख लीटर और 60 हजार लीटर के वाटर स्टोरेज टैंक का निर्माण किया. इसके लिए उन्हें प्रदेश सरकार ने 5 हजार मत्स्य बीज 1 रुपए प्रति बीज के हिसाब से उपलब्ध करवाए. इससे गत जून-जुलाई माह में एक टन मछली का उत्पादन हुआ, जिससे करीब एक लाख रुपए की आय हुई.

9 लाख रुपये की बेची शिमला मिर्च और खीरे
आशीष गौतम ने बताया कि, 'मुझे वर्ष 2023 में उद्यान विभाग से 500 वर्ग मीटर ग्रीन हाउस के निर्माण के लिए 8.42 लाख रुपए का उपदान मिला, जिसमें मार्च माह में 2500 पौधे पीली और लाल शिमला मिर्च के पौधे रोपित किए. इससे करीब 7 लाख रुपए की आय अर्जित हुई. इसके अतिरिक्त उन्होंने इसी ग्रीन हाउस में खीरे भी लगाए, जो उन्होंने 20 रुपए प्रति किलो बेचे, जिससे उन्हें 2 लाख रुपए की आमदनी हुई.'
सेब से भी करीब 19-20 लाख रुपये की आय
आशीष ने बागवानी में हाथ आजमाया. आशीष गौतम ने बताया, 'उनके पास सेब के गाला प्रजाति के जेरोमाइन और स्कारलेट-2 के 2500 फलदायक पौधे हैं. 2024 में मेरे बगीचे में 200 पेटी सेब का उत्पादन हुआ, जिसे परमाणु मंडी में बेचा और चार लाख रुपये की कमाई हुई. इस बगीचे के लिए प्रदेश सरकार ने एंटी हेलनेट लगाने के लिए 36 हजार रुपए का अनुदान भी दिया. आज मेरी 5 हजार सेब के पौधों की नर्सरी है, जिसे प्रतिवर्ष तैयार किया जाता है. सेब के पौधे की एक स्टिक 300 रुपए के हिसाब से बेचते हैं, इससे प्रतिवर्ष करीब 15 लाख रुपए की आय होती है.'
20 टन कीवी से 19 लाख की आमदनी
आशीष गौतम के पास 400 पौधे का कीवी का बगीचा भी है, जिसमें औसतन एक पौधे से 60 किलो फल मिलते हैं. इस साल कीवी के बगीचे से 20 टन कीवी का उत्पादन हुआ, जिससे उन्हें करीब 19 लाख रुपये की आय हुई. उन्हें कीवी प्रोत्साहन योजना के तहत कीवी का बगीचा लगाने के लिए 5 लाख 50 हजार का उपदान भी मिला है. इस साल आशीष गौतम का 1 लाख कीवी के पौधे तैयार करने का लक्ष्य है और आगामी दिसम्बर माह में उनकी कीवी की नर्सरी तैयार हो जाएगी. इससे वो कीवी का एक पौधा 150 रुपए की दर से विक्रय करेंगे. इससे करीब 1 करोड़ 50 लाख की अनुमानित आय होगी.
12 लोगों को भी रोजगार
आशीष ने बताया, "मुझे कृषि, 'बागवानी, मशरूम उत्पादन, मत्स्य, मुर्गी और मधुमक्खी पालन का शौक है. इसके अतिरिक्त इन व्यवसायों से सालाना टर्नओवर एक करोड़ के आस-पास पहुंच गया है. इन व्यवसायों में काम करने के लिए 10 से 12 मजदूर रखे हैं, जिन्हें 16 से 18 हजार रुपए प्रतिमाह मजदूरी देते हैं.'
घर द्वार पर ही मिला रोजगार
आशीष गौतम के पास काम करने वाले सुनील, अमन, रंजन ने बताया कि उन्हें आशीष गौतम ने घर द्वार पर ही रोजगार उपलब्ध करवाया है. महीने के 15 से 18 हजार रुपए मिल जाते हैं, जिससे वे अपने परिवारों का पालन पोषण कर रहे हैं.
आशीष एक प्रगतिशील किसान-बागवान हैं. इनके द्वारा जिस तरीके से सरकारी योजनाओं के अनुरूप खेती बाड़ी, बागवानी इत्यादि की गई है, वह अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत है. बड़ी बात तो यह है कि आशीष अन्यों को रोजगार का अवसर भी प्रदान कर रहे हैं. रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं को इनसे सीख लेनी चाहिए. नौकरी के पीछे भागने की जगह अपने व्यवसाय में हाथ आजमाना चाहिए. : सुरति चौहान, ग्राम पंचायत प्रधान सराहां
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