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गाजीपुर के बाद बनारस में आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जीवाड़ा; 8 अमीर महिलाओं की मिली नियुक्ति - ANGANWADI RECRUITMENT FRAUD

शिकायत पर 8 महिलाओं की ज्वाइनिंग पर लगाई गई रोक, सभी को 26 मार्च को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिए थे प्रमाण पत्र.

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बनारस में आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जीवाड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 16, 2025 at 1:29 PM IST

2 Min Read

वाराणसी: हाल ही में गाजीपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया था. यहां सरकारी नौकरी करने वालों की पत्नी, बहन, बेटियां फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हो गई थीं. अब ऐसा ही फर्जीवाड़ा बनारस में भी सामने आया है.

वाराणसी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं की जगह गलत तरीके से दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाली 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ज्वाइनिंग को रोक दिया गया है. उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.

साथ सदर तहसील और पिंडरा तहसील को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आय व निवास से संबंधित प्रमाण पत्र की जांच शुरू करने के लिए कहा गया है. इनका स्थलीय सत्यापन भी किया जा रहा है.

दरअसल, प्रकरण कुछ दिन पहले ही संज्ञान में आया था. वाराणसी में 26 मार्च 2025 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमाण पत्र बांटे थे. 8 महिलाओं को लेकर आईजीआरएस और दफ्तर में शिकायत की गई थी. प्रकरण की जांच में तहसील से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका की संदिग्ध मिली.

बता दें कि पड़ोस के जनपद गाजीपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के बाद फर्जी दस्तावेज के आरोप लगे थे. जिस पर जांच के बाद 10 लेखपाल सस्पेंड किए जा चुके हैं. अब वाराणसी में नौकरी के लिए फर्जी आय जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के खुलासे के बाद तहसील स्तर पर हड़कंप मचा है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि नियुक्ति के बाद 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर शिकायत आई थी. इन्होंने तहसील कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाई है. पांच निवास से जुड़े और तीन आय से संबंधित प्रमाण पत्रों को चैलेंज किया गया है. सभी की जांच करवाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए रिक्त 199 पदों के सापेक्ष 194 पदों पर भर्ती की गई है. चयन में प्रथम वरीयता बीपीएल कार्ड धारकों को दी गई थी. शहरी क्षेत्र में बीपीएल कार्ड धारकों की वार्षिक आय 56000 और ग्रामीण में 46000 रुपए रखा गया था.

जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि वाराणसी में ग्रामीण शहरी क्षेत्र में मिलाकर 3914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. वर्तमान में 3869 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां तैनात हैं. जो भी प्रकरण सामने आया है उसकी जांच की जा रही है. दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः सरकारी कर्मचारियों की बीवी-बेटियां गरीबी का प्रमाण पत्र देकर बनीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता; 14 लेखपालों ने दिया साथ

वाराणसी: हाल ही में गाजीपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया था. यहां सरकारी नौकरी करने वालों की पत्नी, बहन, बेटियां फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हो गई थीं. अब ऐसा ही फर्जीवाड़ा बनारस में भी सामने आया है.

वाराणसी में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं की जगह गलत तरीके से दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाली 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ज्वाइनिंग को रोक दिया गया है. उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.

साथ सदर तहसील और पिंडरा तहसील को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आय व निवास से संबंधित प्रमाण पत्र की जांच शुरू करने के लिए कहा गया है. इनका स्थलीय सत्यापन भी किया जा रहा है.

दरअसल, प्रकरण कुछ दिन पहले ही संज्ञान में आया था. वाराणसी में 26 मार्च 2025 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रमाण पत्र बांटे थे. 8 महिलाओं को लेकर आईजीआरएस और दफ्तर में शिकायत की गई थी. प्रकरण की जांच में तहसील से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका की संदिग्ध मिली.

बता दें कि पड़ोस के जनपद गाजीपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के बाद फर्जी दस्तावेज के आरोप लगे थे. जिस पर जांच के बाद 10 लेखपाल सस्पेंड किए जा चुके हैं. अब वाराणसी में नौकरी के लिए फर्जी आय जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के खुलासे के बाद तहसील स्तर पर हड़कंप मचा है.

जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि नियुक्ति के बाद 8 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लेकर शिकायत आई थी. इन्होंने तहसील कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाई है. पांच निवास से जुड़े और तीन आय से संबंधित प्रमाण पत्रों को चैलेंज किया गया है. सभी की जांच करवाई जा रही है.

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए रिक्त 199 पदों के सापेक्ष 194 पदों पर भर्ती की गई है. चयन में प्रथम वरीयता बीपीएल कार्ड धारकों को दी गई थी. शहरी क्षेत्र में बीपीएल कार्ड धारकों की वार्षिक आय 56000 और ग्रामीण में 46000 रुपए रखा गया था.

जिला कार्यक्रम अधिकारी का कहना है कि वाराणसी में ग्रामीण शहरी क्षेत्र में मिलाकर 3914 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. वर्तमान में 3869 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यहां तैनात हैं. जो भी प्रकरण सामने आया है उसकी जांच की जा रही है. दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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