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रोहतक सिविल अस्पताल में लापरवाही: गर्भवती महिला की एंबुलेंस 20 मिनट तक फंसी, प्रसव पीड़ा में चलना पड़ा पैदल - AMBULANCE STUCK IN ROHTAK HOSPITAL

रोहतक सिविल अस्पताल में ही जाम लगने के कारण प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला की एंबुलेंस आगे नहीं बढ़ सकी.

AMBULANCE STUCK IN ROHTAK HOSPITAL
रोहतक अस्पताल में फंसी एंबुलेंस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : April 15, 2025 at 8:23 PM IST

2 Min Read

रोहतक: शहर के सिविल अस्पताल में शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला की एंबुलेंस करीबन 20 मिनट तक अस्पताल परिसर में ही फंसी रही. महिला की एंबुलेंस के आगे पुलिस की गाड़ी और एक अन्य एंबुलेंस बीच रास्ते में खड़ी थी. महिला हाथ में ग्लूकोज की बोतल उठाकर करीबन सौ मीटर तक पैदल अस्पताल परिसर से बाहर आई और ऑटो में बैठकर पीजीआई में पहुंची. अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी लापरवाही का वीडियो सामने आया है.

दरअसल, झज्जर की रहने वाली गर्भवती महिला को सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पीजीआई में रेफर किया था. ऐसे में अस्पताल परिसर से बाहर निकलने का महिला की एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला.

रोहतक अस्पताल में फंसी एंबुलेंस (Etv Bharat)

एंबुलेंस चालक बोला- डॉक्टरों ने भी नहीं ली सुध : वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिला की एंबुलेंस के ड्राइवर अमित शर्मा ने बताया कि करीबन 20 मिनट तक एंबुलेंस फंसी रही. आगे रास्ता नहीं था, क्योंकि सामने कई गाड़ियां खड़ी हुई थी. जिसके चलते हमारी एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला और इस दौरान पेशेंट को कुछ भी हो सकता था. इसके बाद सिविल हस्पताल के गार्ड के माध्यम से डॉक्टर को इसके बारे में सूचित भी किया गया, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली.

वहीं गर्भवती महिला के पति कुलदीप ने बताया कि वह आज झज्जर जिले के एक गांव से आए हैं. उसकी पत्नी को बच्चा होना था, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया. इस बीच एंबुलेंस करीबन 20 मिनट तक अस्पताल परिसर में ही फंसी रही.

भारी पड़ सकती थी लापरवाही : बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाले डॉक्टर इस मामले में अब कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन तस्वीर साफ-साफ कह रही हैं कि यह बड़ी लापरवाही गर्भवती महिला व उसके होने वाले बच्चों पर भारी पड़ सकती थी. वहीं गर्भवती महिला ने हिम्मत दिखाई और हाथ में ग्लूकोज की बोतल को साथ लेकर 100 मीटर तक पैदल चली और बाहर ऑटो में बैठकर गई.

इसे भी पढ़ें - हरियाणा में ऑटो ड्राइवर ने प्रसव पीड़ी से तड़पती महिला को बीच सड़क उतारा, खुले आसमान के नीचे हो गई डिलीवरी

रोहतक: शहर के सिविल अस्पताल में शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला की एंबुलेंस करीबन 20 मिनट तक अस्पताल परिसर में ही फंसी रही. महिला की एंबुलेंस के आगे पुलिस की गाड़ी और एक अन्य एंबुलेंस बीच रास्ते में खड़ी थी. महिला हाथ में ग्लूकोज की बोतल उठाकर करीबन सौ मीटर तक पैदल अस्पताल परिसर से बाहर आई और ऑटो में बैठकर पीजीआई में पहुंची. अस्पताल प्रबंधन की इस बड़ी लापरवाही का वीडियो सामने आया है.

दरअसल, झज्जर की रहने वाली गर्भवती महिला को सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पीजीआई में रेफर किया था. ऐसे में अस्पताल परिसर से बाहर निकलने का महिला की एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला.

रोहतक अस्पताल में फंसी एंबुलेंस (Etv Bharat)

एंबुलेंस चालक बोला- डॉक्टरों ने भी नहीं ली सुध : वहीं दूसरी ओर गर्भवती महिला की एंबुलेंस के ड्राइवर अमित शर्मा ने बताया कि करीबन 20 मिनट तक एंबुलेंस फंसी रही. आगे रास्ता नहीं था, क्योंकि सामने कई गाड़ियां खड़ी हुई थी. जिसके चलते हमारी एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिला और इस दौरान पेशेंट को कुछ भी हो सकता था. इसके बाद सिविल हस्पताल के गार्ड के माध्यम से डॉक्टर को इसके बारे में सूचित भी किया गया, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली.

वहीं गर्भवती महिला के पति कुलदीप ने बताया कि वह आज झज्जर जिले के एक गांव से आए हैं. उसकी पत्नी को बच्चा होना था, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया. इस बीच एंबुलेंस करीबन 20 मिनट तक अस्पताल परिसर में ही फंसी रही.

भारी पड़ सकती थी लापरवाही : बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाले डॉक्टर इस मामले में अब कुछ भी बोलने से बचते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन तस्वीर साफ-साफ कह रही हैं कि यह बड़ी लापरवाही गर्भवती महिला व उसके होने वाले बच्चों पर भारी पड़ सकती थी. वहीं गर्भवती महिला ने हिम्मत दिखाई और हाथ में ग्लूकोज की बोतल को साथ लेकर 100 मीटर तक पैदल चली और बाहर ऑटो में बैठकर गई.

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