नई दिल्ली: अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली (एयूडी) में बढ़ती अशांति के बीच, 21 अप्रैल को परिसर में कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान किया गया है और प्रशासन से मौजूदा मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया है.
छात्रों की ओर से कहा गया है कि इस बहिष्कार को "एकजुटता के सांस्कृतिक दिवस" के रूप में मनाया जाएगा. परिषद ने पांच छात्रों के निलंबन, छात्र प्रतिनिधियों के खिलाफ कथित हिंसा, परिसर में बैरिकेडिंग, प्रतिबंधात्मक कर्फ्यू समय, मुख्य द्वार को बंद करने, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कौस्तव बनर्जी को कारण बताओ नोटिस और छात्र मेल चेन को अक्षम करने सहित कई मुद्दों को उठाया.
बता दें 12 अप्रैल को कुलपति अनु सिंह लाठर से मिलने का प्रयास करने के आरोप में पांच छात्रों - जिनमें निर्वाचित छात्र संघ सदस्य भी शामिल हैं - को निलंबित किए जाने के बाद परिसर में तनाव पैदा हो गया. प्रशासन ने उन पर सरकारी काम में बाधा डालने और हमला करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था. छात्रों ने इन आरोपों का खंडन किया.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में आरोप लगाया कि टकराव के दौरान सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने महिला छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया. कथित तौर पर एक छात्रा को घुटने से गर्दन पर दबाकर जमीन पर गिरा दिया गया, जबकि एक अन्य छात्र रजिस्ट्रार कार्यालय से कथित रूप से जुड़े वाहन की चपेट में आने से बाल-बाल बच गया.
रजिस्ट्रार नवलेंद्र कुमार सिंह ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने उनकी कार और कुलपति के वाहन को रोक दिया और तोड़फोड़ की. उन्होंने कहा कि एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है. छात्रों ने डॉ. कौस्तव बनर्जी का भी समर्थन किया है, जिन्हें 24 मार्च को विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर अव्यवस्था फैलाने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था. प्रशासन ने दावा किया कि बनर्जी के भाषण के कारण व्यवधान उत्पन्न हुआ और पुलिस शामिल हुई, लेकिन छात्रों ने इस आरोप को खारिज किया है.
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