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अमरवाड़ा की जीत का जश्न, भाजपा हेडक्वार्टर पर डांस करते दिखे डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा - Bjp Win Amarwara By Election 2024

अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की है. भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह की जीत की घोषणा होते ही प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है. कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ा बजाकर व एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. वहीं भाजपा प्रदेश कार्यालय भोपाल में भी जश्न का माहौल है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 6:49 PM IST

BJP WIN AMARWARA BY ELECTION 2024
बीजेपी कार्यालय भोपाल में दोनों डिप्टी सीएम ने किया डांस (ETV Bharat)

भोपाल। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए वर्चस्व की लड़ाई बन गया था. हालांकि शनिवार को आए चुनाव परिणाम में भाजपा के कमलेश शाह ने कांग्रेस के धीरनशा इवनाती को 3,252 वोटों से हरा दिया. जीत की घोषणा होते ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस मौके पर एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा भी पहुंचे. सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की शुभकामनाएं दी.

अमरवाड़ा उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद जश्न में डूबे नेता (ETV Bharat)

डिप्टी सीएम ने बताई सुशासन की जीत

एमपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने अमरवाड़ा में भाजपा की जीत पर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और प्रदेश संगठन को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि "कांग्रेस शासनकाल में एमपी एक बीमारु राज्य बन गया था. जिसे भाजपा ने अग्रणी प्रदेश की लाइन में लाकर खड़ा किया है. इसकी का नतीजा है कि आज मध्य प्रदेश में चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, यहां तक कि उपचुनाव में भी जनता भाजपा सरकार पर अपना समर्थन जता रही है."

जल्द ही कांग्रेस मुक्त होगा मध्यप्रदेश

डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि "लोग छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ कहते थे, लेकिन अब यह कमल का गढ़ बन गया है. भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए यह बहुत खुशी का दिन है. अमरवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी का जीतना भाजपा संगठन और सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का असर है. जनता के लिए प्रदेश में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जीत है. अब एमपी में कांग्रेस साफ हो गई है. पहले लोकसभा हारे.. विधानसभा हारे और अब उपचुनाव भी हार गए."

17वें राउंड तक कांग्रेस के पास थी लीड

अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए 20 राउंड तय किए गए थे. इसमें पहले चार राउंड में भाजपा लीड पर रही, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में वोटों की गिनती शुरू होते ही कांग्रेस ने 5वें राउंड से बढ़त बना ली. मतगणना के 17वें राउंड में कांग्रेस के पास 2075 वोटों की लीड थी, लेकिन आखिरी तीन राउंड में परिणाम उलटा हो गया और भाजपा के कमलेश शाह 3252 वोटों से आगे निकल गए. कांग्रेस ने भाजपा की जीत के बाद रिकाउंटिंग की मांग की थी. जिसे कलेक्टर ने खारिज कर दिया.

16 साल बाद अमरवाड़ा में भाजपा को मिली जीत

बता दें कि अमरवाड़ा में भाजपा को 16 साल बाद जीत नसीब हुई है. इसके पहले 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कमलेश शाह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. तब उन्होंने भाजपा की मोनिका बट्टी को हराया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कमलेश शाह ने भाजपा का दामन थाम लिया और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए.

यहां पढ़ें...

अमरवाड़ा की जीत का निवाला कांग्रेस के मुंह तक आते-आते छिना, बीजेपी में शामिल कमलेश शाह ने फिर जीती बाजी

'शाह' केवल कांग्रेस बीजेपी के नहीं, जानिए किसकी सियासी सेहत पर असर डालेंगे अमरवाड़ा के नतीजे

कमलेश शाह बनेंगे केबिनेट मंत्री

बता दें कि भाजपा पहले ही कमलेश शाह को मंत्री बनाने का आफर दे चुकी है. इसलिए वो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. सूत्रों के अनुसार बीते 10 जुलाई को ही राम निवास रावत के साथ कमलेश शाह को मंत्री बनाने की तैयारी थी, लेकिन भाजपा संगठन का मानना था कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा. इसलिए राम निवास रावत को अकेले शपथ दिलाई गई. संभवतः 14 जुलाई को कमलेश शाह भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसके बाद राम निवास रावत और कमलेश शाह को विभाग सौंपे जाएंगे.

भोपाल। छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा का उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए वर्चस्व की लड़ाई बन गया था. हालांकि शनिवार को आए चुनाव परिणाम में भाजपा के कमलेश शाह ने कांग्रेस के धीरनशा इवनाती को 3,252 वोटों से हरा दिया. जीत की घोषणा होते ही प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठा हो गई. इस मौके पर एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा भी पहुंचे. सभी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की शुभकामनाएं दी.

अमरवाड़ा उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद जश्न में डूबे नेता (ETV Bharat)

डिप्टी सीएम ने बताई सुशासन की जीत

एमपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने अमरवाड़ा में भाजपा की जीत पर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और प्रदेश संगठन को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि "कांग्रेस शासनकाल में एमपी एक बीमारु राज्य बन गया था. जिसे भाजपा ने अग्रणी प्रदेश की लाइन में लाकर खड़ा किया है. इसकी का नतीजा है कि आज मध्य प्रदेश में चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, यहां तक कि उपचुनाव में भी जनता भाजपा सरकार पर अपना समर्थन जता रही है."

जल्द ही कांग्रेस मुक्त होगा मध्यप्रदेश

डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि "लोग छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ कहते थे, लेकिन अब यह कमल का गढ़ बन गया है. भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए यह बहुत खुशी का दिन है. अमरवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी का जीतना भाजपा संगठन और सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का असर है. जनता के लिए प्रदेश में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जीत है. अब एमपी में कांग्रेस साफ हो गई है. पहले लोकसभा हारे.. विधानसभा हारे और अब उपचुनाव भी हार गए."

17वें राउंड तक कांग्रेस के पास थी लीड

अमरवाड़ा विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए 20 राउंड तय किए गए थे. इसमें पहले चार राउंड में भाजपा लीड पर रही, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में वोटों की गिनती शुरू होते ही कांग्रेस ने 5वें राउंड से बढ़त बना ली. मतगणना के 17वें राउंड में कांग्रेस के पास 2075 वोटों की लीड थी, लेकिन आखिरी तीन राउंड में परिणाम उलटा हो गया और भाजपा के कमलेश शाह 3252 वोटों से आगे निकल गए. कांग्रेस ने भाजपा की जीत के बाद रिकाउंटिंग की मांग की थी. जिसे कलेक्टर ने खारिज कर दिया.

16 साल बाद अमरवाड़ा में भाजपा को मिली जीत

बता दें कि अमरवाड़ा में भाजपा को 16 साल बाद जीत नसीब हुई है. इसके पहले 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कमलेश शाह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. तब उन्होंने भाजपा की मोनिका बट्टी को हराया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कमलेश शाह ने भाजपा का दामन थाम लिया और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए.

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बता दें कि भाजपा पहले ही कमलेश शाह को मंत्री बनाने का आफर दे चुकी है. इसलिए वो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. सूत्रों के अनुसार बीते 10 जुलाई को ही राम निवास रावत के साथ कमलेश शाह को मंत्री बनाने की तैयारी थी, लेकिन भाजपा संगठन का मानना था कि इससे जनता के बीच गलत संदेश जाएगा. इसलिए राम निवास रावत को अकेले शपथ दिलाई गई. संभवतः 14 जुलाई को कमलेश शाह भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसके बाद राम निवास रावत और कमलेश शाह को विभाग सौंपे जाएंगे.

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