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'राजमाता' का इतिहास जान सकेंगे पर्यटक, स्टैच्यू तैयार करवा रहा सरिस्का प्रशासन - SARISKA TIGER RESERVE

सरिस्का को फिर से आबाद करने वाली बाघिन एसटी-2 का इतिहास जान सकेंगे पर्यटक. सरिस्का प्रशासन कर रहा ये खास काम. देखिए रिपोर्ट...

Alwar Sariska Tiger Reserve
सरिस्का में बाघिन एसटी-2 (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : March 19, 2025 at 6:31 AM IST

3 Min Read

अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने वाली बाघिन एसटी-2 भले ही अब इतिहास बन चुकी हो, लेकिन राजमाता के नाम से विख्यात इस बाघिन की विशेषताओं से पर्यटकों को रूबरू कराने के लिए सरिस्का प्रशासन अब राजमाता बाघिन का स्टैच्यू लगाने की तैयारी कर रहा है. वैसे तो सरिस्का में और भी कई बाघिन हैं, लेकिन एसटी-2 सरिस्का के लिए खास रही है.

सरिस्का में वर्तमान 42 बाघों में आधे से ज्यादातर इसी बाघिन के वंश के हैं. यही कारण है कि बाघिन एसटी-2 को सरिस्का में राजमाता का दर्जा दिया गया है. करीब 19 साल की लंबी आयु के बाद वर्ष 2024 में राजमाता ने लंबी बीमारी के बाद सरिस्का को अलविदा कहा. सरिस्का को आबाद करने के कारण राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा इस बाघिन की मौत पर श्रद्धांजली अर्पित करने एवं अंतिम संस्कार में शामिल होने सरिस्का पहुंचे थे.

'राजमाता' का इतिहास, सुनिए सरिस्का डीएफओ ने क्या कहा... (ETV Bharat Alwar)

बाघिन एसटी-2 रणथंभौर की चर्चित बाघिन मछली की संतान थी. 4 जुलाई 2008 को रणथंभौर से मछली की बेटी बाघिन एसटी-2 को सरिस्का शिफ्ट किया गया, तभी से इस बाघिन ने सरिस्का को आबाद किया है. रणथंभौर से आई इस बाघिन ने सरिस्का में शावकों को जन्म दिया.

Sariska Tiger Reserve
'राजमाता' ने किया था सरिस्का को फिर से आबाद (ETV Bharat Alwar)

बाघिन एसटी-2 सरिस्का में दादी व नानी का रोल भी निभा चुकी है. सरिस्का के ज्यादातर युवा बाघ इसी बाघिन की संतान रहे हैं. वर्ष 2005 में बाघ विहिन घोषित होने के बाद सरिस्का को बाघों से फिर से आबाद करने में बाघिन एसटी-2 का बड़ा रोल रहा है.

पढ़ें : बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान, बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक, आय में रिकॉर्ड वृद्धि - TOURIST IN SARISKA TIGER RESERVE

राजमाता बाघिन ने यूं किया सरिस्का को आबाद : राजमाता बाघिन एसटी-2 ने सरिस्का में शिफट होने के बाद बाघिन एसटी-7 व एसटी-8, बाघ एसटी-13, बाघिन एसटी-14 को जन्म दिया. सरिस्का में बाघिन एसटी-14 की सात संतानें हैं. इनमें बाघिन एसटी-17 व बाघ एसटी-18, बाघिन एसटी-26, बाघिन एसटी-27, बाघिन एसटी-28 एवं दो शावक शामिल हैं. इसी तरह बाघिन एसटी-17 के पांच शावक हैं. वहीं, बाघिन एसटी-27 के दो शावक हैं. इसके अलावा बाघ एसटी-13 भी सरिस्का में करीब 10 शावकों का जन्मदाता रहा है.

Sariska Tiger Reserve
राजमाता का इतिहास जान सकेंगे पर्यटक (ETV Bharat Alwar)

स्टैच्यू से पता लगेगी राजमाता की खूबियां : सरिस्का को आबाद करने में बड़ी भूमिका निभाने के कारण खास रही राजमाता बाघिन के इतिहास से पर्यटकों को अवगत कराया जाएगा. इसके लिए सरिस्का में स्वागत कक्ष के पास राजमाता बाघिन का स्टैच्यू बनाया जा रहा है. इस स्टैच्यू पर राजमाता की ओर से सरिस्का को आबाद करने की पूरी जानकारी अंकित होगी. बाघिन एसटी-2 की संतानों का विवरण अंकित होगा.

ST 2 Status of Rajmata
बाघिन एसटी-2 का अंतिम संस्कार (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि बाघिन एसटी-2 को राजमाता के नाम से जाना जाता है. सरिस्का में बाघों की वृद्धि में राजमाता की अहम भूमिका रही है. राजमाता को सरिस्का के प्रति यादगार व पर्यटकों को इनकी जानकारी मिले, इसके लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से राजमाता बाघिन एसटी-2 का स्टैच्यू बनवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्टैच्यू को सरिस्का के टिकट विंडो व स्वागत कक्ष के पास लगाया जाएगा, जिससे यहां आने वाले पर्यटक इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी ले सकें.

अलवर: सरिस्का टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने वाली बाघिन एसटी-2 भले ही अब इतिहास बन चुकी हो, लेकिन राजमाता के नाम से विख्यात इस बाघिन की विशेषताओं से पर्यटकों को रूबरू कराने के लिए सरिस्का प्रशासन अब राजमाता बाघिन का स्टैच्यू लगाने की तैयारी कर रहा है. वैसे तो सरिस्का में और भी कई बाघिन हैं, लेकिन एसटी-2 सरिस्का के लिए खास रही है.

सरिस्का में वर्तमान 42 बाघों में आधे से ज्यादातर इसी बाघिन के वंश के हैं. यही कारण है कि बाघिन एसटी-2 को सरिस्का में राजमाता का दर्जा दिया गया है. करीब 19 साल की लंबी आयु के बाद वर्ष 2024 में राजमाता ने लंबी बीमारी के बाद सरिस्का को अलविदा कहा. सरिस्का को आबाद करने के कारण राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा इस बाघिन की मौत पर श्रद्धांजली अर्पित करने एवं अंतिम संस्कार में शामिल होने सरिस्का पहुंचे थे.

'राजमाता' का इतिहास, सुनिए सरिस्का डीएफओ ने क्या कहा... (ETV Bharat Alwar)

बाघिन एसटी-2 रणथंभौर की चर्चित बाघिन मछली की संतान थी. 4 जुलाई 2008 को रणथंभौर से मछली की बेटी बाघिन एसटी-2 को सरिस्का शिफ्ट किया गया, तभी से इस बाघिन ने सरिस्का को आबाद किया है. रणथंभौर से आई इस बाघिन ने सरिस्का में शावकों को जन्म दिया.

Sariska Tiger Reserve
'राजमाता' ने किया था सरिस्का को फिर से आबाद (ETV Bharat Alwar)

बाघिन एसटी-2 सरिस्का में दादी व नानी का रोल भी निभा चुकी है. सरिस्का के ज्यादातर युवा बाघ इसी बाघिन की संतान रहे हैं. वर्ष 2005 में बाघ विहिन घोषित होने के बाद सरिस्का को बाघों से फिर से आबाद करने में बाघिन एसटी-2 का बड़ा रोल रहा है.

पढ़ें : बाघों की संख्या बढ़ने से सरिस्का को मिली नई पहचान, बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक, आय में रिकॉर्ड वृद्धि - TOURIST IN SARISKA TIGER RESERVE

राजमाता बाघिन ने यूं किया सरिस्का को आबाद : राजमाता बाघिन एसटी-2 ने सरिस्का में शिफट होने के बाद बाघिन एसटी-7 व एसटी-8, बाघ एसटी-13, बाघिन एसटी-14 को जन्म दिया. सरिस्का में बाघिन एसटी-14 की सात संतानें हैं. इनमें बाघिन एसटी-17 व बाघ एसटी-18, बाघिन एसटी-26, बाघिन एसटी-27, बाघिन एसटी-28 एवं दो शावक शामिल हैं. इसी तरह बाघिन एसटी-17 के पांच शावक हैं. वहीं, बाघिन एसटी-27 के दो शावक हैं. इसके अलावा बाघ एसटी-13 भी सरिस्का में करीब 10 शावकों का जन्मदाता रहा है.

Sariska Tiger Reserve
राजमाता का इतिहास जान सकेंगे पर्यटक (ETV Bharat Alwar)

स्टैच्यू से पता लगेगी राजमाता की खूबियां : सरिस्का को आबाद करने में बड़ी भूमिका निभाने के कारण खास रही राजमाता बाघिन के इतिहास से पर्यटकों को अवगत कराया जाएगा. इसके लिए सरिस्का में स्वागत कक्ष के पास राजमाता बाघिन का स्टैच्यू बनाया जा रहा है. इस स्टैच्यू पर राजमाता की ओर से सरिस्का को आबाद करने की पूरी जानकारी अंकित होगी. बाघिन एसटी-2 की संतानों का विवरण अंकित होगा.

ST 2 Status of Rajmata
बाघिन एसटी-2 का अंतिम संस्कार (ETV Bharat Alwar)

सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि बाघिन एसटी-2 को राजमाता के नाम से जाना जाता है. सरिस्का में बाघों की वृद्धि में राजमाता की अहम भूमिका रही है. राजमाता को सरिस्का के प्रति यादगार व पर्यटकों को इनकी जानकारी मिले, इसके लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से राजमाता बाघिन एसटी-2 का स्टैच्यू बनवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि स्टैच्यू को सरिस्का के टिकट विंडो व स्वागत कक्ष के पास लगाया जाएगा, जिससे यहां आने वाले पर्यटक इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी ले सकें.

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