दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मोहन नगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने दो महिलाओं सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से दो महिलाएं खुशबू बेगम और शनाया नूर को बांग्लादेशी नागरिक बताया गया, लेकिन इस मामले ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब खुशबू बेगम का मंगेतर विशाल कुमार चौधरी पश्चिम बंगाल से दुर्ग पहुंचा और दावा किया कि खुशबू भारतीय नागरिक है, बांग्लादेशी नहीं है.
पश्चिम बंगाल की निवासी हैं खुशबू: विशाल चौधरी ने बताया कि खुशबू उर्फ रानी, पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले की रहने वाली है.उसके माता पिता वहीं निवास करते हैं और खुशबू की पढ़ाई भी वहीं हुई है. दुर्ग पुलिस ने दिनाजपुर पुलिस से पुष्टि भी करवाई थी कि खुशबू वहीं की रहने वाली है, फिर भी उसे बांग्लादेशी घोषित कर विदेशी अधिनियम 1946 के तहत कार्रवाई की गई.
मेरा नाम विशाल चौधरी है. मैं आसनसोल का रहनेवाला हूं. मेरी मंगेतर की खोज में आया हूं. उसको बांग्लादेशी बताया जा रहा है. यह गलत है. मैंने सभी डॉक्यूमेंट जमा कर दिया है. वैरिफिकेशन भी पुलिस ने कराया है. आधार कार्ड, ग्राम पंचायत का दस्तावेज, स्कूल का सर्टिफिकेट भी दिया है. खुशबू बेगम ने राजन पासवान से शादी किया था. खुशबू ने उसको इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि राजन ने दो शादी किया था-विशाल चौधरी,मंगेतर
यह अन्याय पूर्ण कार्रवाई है: विशाल ने कहा कि यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है. विशाल कुमार ने इस संबंध में दुर्ग पुलिस, एसपी, आईजी, और यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश राजदूतावास को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करवाई है. विशाल ने कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई है.

खुशबू को पिछले 4-5 साल से जानता हूं. इंगेजमेंट हो गई है, शादी करने वाला हूं. सगाई की फोटो भी है. दुर्ग 15 दिन पहले आई थी. वह पार्लर का काम करने के लिए बोलकर आई थी. मुझे यहां आने के बाद पता चला कि वो संदिग्ध गतिविधि में पाई गई. मैं सभी डॉक्यूमेंट लेकर उसको छुड़ाने का प्रयास करने आया हूं-विशाल चौधरी,मंगेतर
विशाल ने पुलिस पर लगाए आरोप: विशाल का आरोप है कि पुलिस ने खुशबू और शनाया को 22 मई की रात गिरफ्तार करने के बाद बिना रिमांड लिए दो दिनों तक थाने में रखा और उनकी गिरफ्तारी का रिकॉर्ड नहीं दिखाया. 24 मई को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. वहीं अधिवक्ता सोनिया साहनी ने कहा कि उन्होंने खुद खुशबू के दस्तावेजों की जांच की है और वह स्पष्ट रूप से भारतीय नागरिक है. यदि वह बांग्लादेशी होती,तो वे उसका केस नहीं लेते.
विशाल चौधरी ने बताया कि 22 तारीख की रात दस बजे जयंती नगर से 7 लोगों को उठाया गया. दो लोगों को 24 तारीख को बांग्लादेशी बताकर कोर्ट में पेश किया गया. खुशबू उर्फ रानी का कक्षा चौथी का रिजल्ट है. वह दिनाजपुर का है. दूसरे दस्तावेज भी हैं-सोनिया साहनी, अधिवक्ता
दुर्ग पुलिस ने क्या कहा ?: दुर्ग पुलिस का कहना है कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद ही कार्रवाई की गई है. एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि महिलाएं फर्जी दस्तावेजों और नकली आधार कार्ड के जरिए भारत में रह रही थीं और उन्होंने फर्जी विवाह का सहारा लिया.
जांच में साक्ष्य मिले. उसने खुद स्वीकारोक्ति भी की थी कि वो बांग्लादेशी की रहनेवाली है. कांटेक्ट नंबर की एनालिसिस की कार्रवाई भी की जा रही है. अगर कोई दावा करता है तो उसके दावे की समीक्षा की जाएगी- विजय अग्रवाल, एसएसपी, दुर्ग
पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने इनकी मदद की. यह मामला संवेदनशील हो गया है और अब न्यायिक प्रक्रिया के तहत इसकी जांच और सुनवाई जारी है.