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आरक्षी प्रोन्नति का लिफाफा खोलने का निर्देश, हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड से विचार करने को कहा - ALLAHABAD HIGH COURT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड को याची के आवेदन पर विचार करने का आदेश दिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 4, 2025 at 8:39 PM IST

2 Min Read

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षी के प्रोन्नति से संबंधित सील बंद लिफाफे को खोलने पर पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया है. आरक्षी के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमे के कारण उसका लिफाफा खोला नहीं गया था, जिसे उसने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी.

कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट के आदेश कि सत्यापित प्रति और अपना आवेदन सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें और सक्षम प्राधिकारी दो महीने में याचिकाकर्ता के प्रोन्नति पर निर्णय लें. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात आरक्षी रवि कुमार की याचिका पर दिया.

आरक्षी रवि कुमार पर दर्ज दो आपरा​धिक मुकदमों के कारण पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, विभागीय चयन समिति ने प्रोन्नति चयन परिणाम को बंद लिफाफे में रख दिया था. आरक्षी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. याची के अधिवक्ता ने गृह विभाग 28 मई 1994 और 28 मई 1997 की अधिसूचना और हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश का हवाला दिया.

कहा कि प्रोन्नति परिणाम को बंद लिफाफे में रखने के एक वर्ष बीतने के बाद लिफाफे को खोलकर याची को प्रोन्नति दिया जाना चाहिए. अगर याची के विरुद्ध दर्ज केस के निपटारे में याची का कोई दोष न हो तो. दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षी के प्रोन्नति से संबंधित सील बंद लिफाफे को खोलने पर पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें- मोदी सरकार के 11 साल; यूपी में हवाई कनेक्टिविटी से लेकर एक्सप्रेस-वे को मिली 'रफ्तार', रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े कदम

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षी के प्रोन्नति से संबंधित सील बंद लिफाफे को खोलने पर पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया है. आरक्षी के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मुकदमे के कारण उसका लिफाफा खोला नहीं गया था, जिसे उसने याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी.

कोर्ट ने याची को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट के आदेश कि सत्यापित प्रति और अपना आवेदन सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें और सक्षम प्राधिकारी दो महीने में याचिकाकर्ता के प्रोन्नति पर निर्णय लें. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात आरक्षी रवि कुमार की याचिका पर दिया.

आरक्षी रवि कुमार पर दर्ज दो आपरा​धिक मुकदमों के कारण पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, विभागीय चयन समिति ने प्रोन्नति चयन परिणाम को बंद लिफाफे में रख दिया था. आरक्षी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. याची के अधिवक्ता ने गृह विभाग 28 मई 1994 और 28 मई 1997 की अधिसूचना और हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश का हवाला दिया.

कहा कि प्रोन्नति परिणाम को बंद लिफाफे में रखने के एक वर्ष बीतने के बाद लिफाफे को खोलकर याची को प्रोन्नति दिया जाना चाहिए. अगर याची के विरुद्ध दर्ज केस के निपटारे में याची का कोई दोष न हो तो. दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस आरक्षी के प्रोन्नति से संबंधित सील बंद लिफाफे को खोलने पर पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड को विचार करने का निर्देश दिया.

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