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पुराने वकील पर झूठे आरोप लगाने पर कोर्ट ने तीन याचियों पर लगाया दो-दो लाख रुपये का जुर्माना - Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले वाले वकील से बिना संपर्क किए उसके खिलाफ झूठा आरोप लगाने और झूठा हलफनामा दायर करने के मामले को गंभीरता से लिया है. याचियों ने दूसरा वकील रख लिया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 8, 2024, 6:46 AM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका. (Photo Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले वकील से संपर्क किए बगैर उसके बारे में झूठा हलफनामा देकर दूसरा वकील करने के मामले को गंभीरत से लिया है. इसके लिए तीनों लोगों पर दो-दो लाख रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने आजमगढ़ निवासी मोहम्मद परवेज व दो अन्य की याचिका पर दिया. कोर्ट ने नए अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह को आदेश की कॉपी याचियों को देने के लिए कहा. इसके अलावा 4 सप्ताह में हर्जाना राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा कराने के आदेश दिए. यह भी कहा कि हर्जाना जमा न करने पर जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाए.

यह भी पढ़ें : योगी सरकार ने IAS राजेश सिंह से छीने सभी विभाग, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उठाया कदम, तीन अफसरों को अतिरिक्त चार्ज

याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता श्याम सुंदर त्रिपाठी ने कहा कि याची ने उनसे संपर्क नहीं किया, न ही फाइल वापस मांगी और न ही अनापत्ति मांगी, इसलिए दूसरे वकील द्वारा दाखिल याची के हलफनामे के झूठे आरोप पर आपत्ति है. नए वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हैं और पुराने वकील काफी वरिष्ठ हैं. उनकी बात में सच्चाई लग रही है. कोर्ट ने कहा कि याचियों का आचरण ठीक नहीं है. उन्होंने गलत बयानी कर हलफनामा दाखिल किया है. इसलिए हर्जाना लगाया जाता है. मामले में पहले अधिवक्ता श्याम सुंदर त्रिपाठी ने बहस की थी.

यह भी पढ़ें : यूपी की 7वीं मेट्रो की दिखी पहली झलक; 2025 से मेरठ में रैपिड रेल के ट्रैक पर दौड़ेगी ट्रेन, मिलेंगी खास सुविधाएं

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले वकील से संपर्क किए बगैर उसके बारे में झूठा हलफनामा देकर दूसरा वकील करने के मामले को गंभीरत से लिया है. इसके लिए तीनों लोगों पर दो-दो लाख रुपये हर्जाना लगाते हुए याचिका खारिज कर दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने आजमगढ़ निवासी मोहम्मद परवेज व दो अन्य की याचिका पर दिया. कोर्ट ने नए अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह को आदेश की कॉपी याचियों को देने के लिए कहा. इसके अलावा 4 सप्ताह में हर्जाना राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा कराने के आदेश दिए. यह भी कहा कि हर्जाना जमा न करने पर जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाए.

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याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता श्याम सुंदर त्रिपाठी ने कहा कि याची ने उनसे संपर्क नहीं किया, न ही फाइल वापस मांगी और न ही अनापत्ति मांगी, इसलिए दूसरे वकील द्वारा दाखिल याची के हलफनामे के झूठे आरोप पर आपत्ति है. नए वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हैं और पुराने वकील काफी वरिष्ठ हैं. उनकी बात में सच्चाई लग रही है. कोर्ट ने कहा कि याचियों का आचरण ठीक नहीं है. उन्होंने गलत बयानी कर हलफनामा दाखिल किया है. इसलिए हर्जाना लगाया जाता है. मामले में पहले अधिवक्ता श्याम सुंदर त्रिपाठी ने बहस की थी.

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