प्रयागराज: प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों राज्य में व्याप्त बुनियादी ढांचे को लेकर दी गई जानकारी से हाईकोर्ट असंतुष्ट है. कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने डॉ. अरविंद गुप्ता बनाम की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल किए गए व्यक्तिगत हलफनामे पर असंतोष व्यक्त किया.
इसमें केवल मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों की सूची और बिस्तरों की संख्या का उल्लेख था. कोर्ट ने कहा कि सूची में मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों के बुनियादी ढांचे और संकाय का विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है.
इस पर नाराजगी जताते हुए, न्यायमूर्ति अग्रवाल ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा को एक बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में मौजूद बुनियादी ढांचे और संकाय का पूरा विवरण शामिल हो. अदालत ने प्रयागराज और कानपुर के मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल को भी नोटिस जारी किया है.
उन्हें अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों में बुनियादी ढांचे और संकाय का विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया है. हलफनामे में संकाय सदस्यों की रिक्तियों की संख्या और आवश्यक बुनियादी ढांचे का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 मई, 2025 की तारीख तय की है.
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