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अपहृत की हत्या होने पर जिले के पुलिस अधिकारी की तय हो जवाबदेही : हाईकोर्ट - ALLAHABAD HIGH COURT

कोर्ट ने एक मामले में नोटिस जारी कर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से तलब किया हलफनामा.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 10, 2025 at 10:35 PM IST

Updated : June 10, 2025 at 10:43 PM IST

2 Min Read

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपहरण से जुड़े मामलों में पुलिस की उदासीनता पर कहा है कि 'यदि समय पर पता न लगने के कारण अपहृत व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो प्रथमदृष्टया जिम्मेदारी उस पुलिस प्रमुख पर तय की जानी चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में केस दर्ज हुआ है.'

कोर्ट ने कहा कि 'पुलिस अधिकारी हमेशा बड़ी छवि बनाने की कोशिश में दिखते हैं, लेकिन शिकायतों को लेकर संजीदा नहीं रहते.' अपहृत व्यक्ति का पता नहीं लगने पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति अनिल कुमार दशम की खंडपीठ ने ऐसे ही एक मामले में नोटिस जारी कर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से अगली सुनवाई पर हलफनामा तलब किया है.

नितेश कुमार की याचिका पर गत चार जून को खंडपीठ ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देशित करने का आदेश सीजेएम के माध्यम से पुलिस आयुक्त, वाराणसी को प्रेषित करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा कि 'यह पहला मामला नहीं है, जब लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है. हमने देखा है कि पुलिस खुद को सार्वजनिक शिकायतें प्राप्त करने और उन पर ध्यान देने से बचने के लिए खुद को बचाती रही है.' याची का भाई 31 मार्च 2025 से लापता है.

आरोप है कि उसका अपहरण कर लिया गया है. गत तीन अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस उदासीन है, क्योंकि अधिकारियों पर कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है. ऐसी ही उदासीनता का नतीजा यह होता है कि कई बार अपहृत व्यक्ति की हत्या हो जाती है.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट के जज पर वकील ने लगाया पक्षपाती और बेईमान होने का आरोप, अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपहरण से जुड़े मामलों में पुलिस की उदासीनता पर कहा है कि 'यदि समय पर पता न लगने के कारण अपहृत व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो प्रथमदृष्टया जिम्मेदारी उस पुलिस प्रमुख पर तय की जानी चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में केस दर्ज हुआ है.'

कोर्ट ने कहा कि 'पुलिस अधिकारी हमेशा बड़ी छवि बनाने की कोशिश में दिखते हैं, लेकिन शिकायतों को लेकर संजीदा नहीं रहते.' अपहृत व्यक्ति का पता नहीं लगने पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति अनिल कुमार दशम की खंडपीठ ने ऐसे ही एक मामले में नोटिस जारी कर वाराणसी के पुलिस आयुक्त से अगली सुनवाई पर हलफनामा तलब किया है.

नितेश कुमार की याचिका पर गत चार जून को खंडपीठ ने रजिस्ट्रार अनुपालन को निर्देशित करने का आदेश सीजेएम के माध्यम से पुलिस आयुक्त, वाराणसी को प्रेषित करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा कि 'यह पहला मामला नहीं है, जब लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है. हमने देखा है कि पुलिस खुद को सार्वजनिक शिकायतें प्राप्त करने और उन पर ध्यान देने से बचने के लिए खुद को बचाती रही है.' याची का भाई 31 मार्च 2025 से लापता है.

आरोप है कि उसका अपहरण कर लिया गया है. गत तीन अप्रैल को एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन पुलिस उदासीन है, क्योंकि अधिकारियों पर कोई व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है. ऐसी ही उदासीनता का नतीजा यह होता है कि कई बार अपहृत व्यक्ति की हत्या हो जाती है.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट के जज पर वकील ने लगाया पक्षपाती और बेईमान होने का आरोप, अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश

Last Updated : June 10, 2025 at 10:43 PM IST
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