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हाईकोर्ट की हायर ज्यूडिशियल सर्विस सीधी भर्ती परीक्षा में सभी अभ्यर्थी फेल, इंटरव्यू के लिए कोई नहीं हुआ क्वालीफाई - HIGHER JUDICIAL SERVICE EXAM RESULT

लिखित परीक्षा के लिए 64 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए, 42 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में बैठे, एक भी पास नहीं कर पाया एग्जाम

HIGHER JUDICIAL SERVICE EXAM RESULT
नैनीताल हाईकोर्ट (File Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 12, 2025 at 3:43 PM IST

2 Min Read

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 11 और 12 फरवरी 2025 को कराई गई हायर ज्यूडिशियल सर्विस के 3 पदों पर कराई गई सीधी भर्ती का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. लिखित परीक्षा में कोई भी परीक्षार्थी साक्षत्कार हेतु योग्य नहीं पाया गया. ये पद अधिवक्ताओं से सीधी भर्ती करके भरे जाने थे. इसकी लिखित परीक्षा इसी साल 11 व 12 फरवरी को सम्पन्न हुई थी. लिखित परीक्षा के लिए 64 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए और उन्होंने ही फार्म भरा था. लेकिन परीक्षा में 42 ही अभ्यर्थी बैठे और 22 अनुपस्थित रहे.

हायर ज्यूडिशियल सर्विस भर्ती परीक्षा में कोई अभ्यर्थी नहीं हुआ सफल: लिखित परीक्षा का परिणाम जब देखा तो चौंकाने वाला था. परीक्षा देने वाले कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी थे कि जिनके 100 में से 0 नम्ब , 100 में से 1 नम्बर और पूरी परीक्षा के 300 में से 4 नम्बर थे. कोई भी परीक्षार्थी न्यूनतम अंक तक नहीं ला पाया. इस कारण कोई भी परीक्षार्थी साक्षत्कार हेतु योग्य नहीं पाया गया.

लिखित परीक्षा में सभी अभ्यर्थी हुए फेल: हायर ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा 600 अंकों की होती है. इसमें चार पेपर पेपर होते हैं. अभियर्थियों को मुख्य परीक्षा पास करने के लिए सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग को 45 प्रतिशत अंक लाने आवश्यक होते हैं. तभी सफल अभ्यर्थियों को साक्षत्कार हेतु बुलाया जाता है. परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सम्पन्न होती है. परीक्षार्थियों को हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना भी आवश्यक है. प्रश्न पत्रों सभी तरह के कानून से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. यह प्रदेश की हायर ज्यूडिशियल सर्विस की सीधी भर्ती है. अब इस परीक्षा के लिए फिर से आवेदन मांगे गए हैं.

इसलिए होती है हायर ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा: हायर ज्यूडिशियल सर्विस (HJS) की सीधी भर्ती से अभ्यर्थी अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में पद पर नियुक्त होते हैं. यह पद एक प्रवेश-स्तर का पद है. इसके लिए न्यूनतम 7 साल की कानूनी प्रैक्टिस या अनुभव की आवश्यकता होती है. यह परीक्षा राज्य उच्च न्यायालयों या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है.
ये भी पढ़ें: अगस्त्यमुनि के ऋषभ भट्ट ने पास की गेट परीक्षा, जानें क्या है ये एंट्रेंस एग्जाम

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 11 और 12 फरवरी 2025 को कराई गई हायर ज्यूडिशियल सर्विस के 3 पदों पर कराई गई सीधी भर्ती का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है. लिखित परीक्षा में कोई भी परीक्षार्थी साक्षत्कार हेतु योग्य नहीं पाया गया. ये पद अधिवक्ताओं से सीधी भर्ती करके भरे जाने थे. इसकी लिखित परीक्षा इसी साल 11 व 12 फरवरी को सम्पन्न हुई थी. लिखित परीक्षा के लिए 64 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए और उन्होंने ही फार्म भरा था. लेकिन परीक्षा में 42 ही अभ्यर्थी बैठे और 22 अनुपस्थित रहे.

हायर ज्यूडिशियल सर्विस भर्ती परीक्षा में कोई अभ्यर्थी नहीं हुआ सफल: लिखित परीक्षा का परिणाम जब देखा तो चौंकाने वाला था. परीक्षा देने वाले कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी थे कि जिनके 100 में से 0 नम्ब , 100 में से 1 नम्बर और पूरी परीक्षा के 300 में से 4 नम्बर थे. कोई भी परीक्षार्थी न्यूनतम अंक तक नहीं ला पाया. इस कारण कोई भी परीक्षार्थी साक्षत्कार हेतु योग्य नहीं पाया गया.

लिखित परीक्षा में सभी अभ्यर्थी हुए फेल: हायर ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा 600 अंकों की होती है. इसमें चार पेपर पेपर होते हैं. अभियर्थियों को मुख्य परीक्षा पास करने के लिए सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग को 45 प्रतिशत अंक लाने आवश्यक होते हैं. तभी सफल अभ्यर्थियों को साक्षत्कार हेतु बुलाया जाता है. परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सम्पन्न होती है. परीक्षार्थियों को हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना भी आवश्यक है. प्रश्न पत्रों सभी तरह के कानून से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. यह प्रदेश की हायर ज्यूडिशियल सर्विस की सीधी भर्ती है. अब इस परीक्षा के लिए फिर से आवेदन मांगे गए हैं.

इसलिए होती है हायर ज्यूडिशियल सर्विस परीक्षा: हायर ज्यूडिशियल सर्विस (HJS) की सीधी भर्ती से अभ्यर्थी अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के रूप में पद पर नियुक्त होते हैं. यह पद एक प्रवेश-स्तर का पद है. इसके लिए न्यूनतम 7 साल की कानूनी प्रैक्टिस या अनुभव की आवश्यकता होती है. यह परीक्षा राज्य उच्च न्यायालयों या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है.
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