मथुरा: अक्षय तृतीया पर वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही ठाकुर जी का मनोहारी श्रृंगार भी होगा. मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर ठाकुर जी के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. जो लाभ बद्रीनाथ के दर्शन से मिलता है, वही बांके बिहारी मंदिर के दर्शन से मिलता है. इस बार अक्षय तृतीया पर कई संयोग बन रहे हैं. बताया जाता है कि जिस दिन भगवान शिव की जटा से गंगा धरती पर अवतरित हुईं, उस दिन भी अक्षय तृतीया थी. वहीं, द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण से मिलने उनके मित्र सुदामा द्वारका पहुंचे, उस दिन भी अक्षय तृतीया थी. आइए जानते हैं, अक्षय तृतीया पर बांके बिहारी मंदिर में क्या रहेगी व्यवस्था और किन मार्गों पर रहेगा रूट डायवर्जन.
साल में एक दिन होते हैं ठाकुर जी के विशेष दर्शन: वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. इस दिन ठाकुर जी को विशेष वस्त्र धारण कराया जाता है. ठाकुर जी के चरण के दर्शन वर्ष में एक दिन ही होते हैं. साथ ही ठाकुर जी को पीले रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं. चंदन केसर युक्त लेप ठाकुर जी को लगाया जाता है. पेय पदार्थ में सतुआ का भोग लगाया जाता है. पूरा मंदिर प्रांगण रंग-बिरंगे गुब्बारों और फूलों से सजाया जाता है.
अक्षय तृतीया का विशेष महत्व : कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. मान्यता है कि जो श्रेय बद्रीनाथ के दर्शन करने से मिलता है, वही फल बांके बिहारी जी के दर्शन से मिल जाता है. इस बार अद्भुत सहयोग बन रहा है. अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म उत्सव भी मनाया जा रहा है. धरती पर गंगा का अवतरण भगवान शिव की जटा से हुआ, उस दिन भी अक्षय तृतीया थी. द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण से मिलने के लिए जब उनके प्रिय मित्र सुदामा द्वारका पहुंचे, उस दिन भी अक्षय तृतीया थी.
सुरक्षा के बेहद खास इंतजाम : वृंदावन में अक्षय तृतीया के दिन दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन यहां होगा. उसको लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी की हैं. श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर व्यवस्थाएं की गई हैं. गर्मी अधिक होने के कारण मंदिर के आसपास ठंडे पानी की प्याऊ की व्यवस्था की गई है और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.
रूट डायवर्जन और यातायात व्यवस्था
इन मार्गों पर वाहन प्रतिबंधित
- छटीकरा से वृदांवन की ओर समस्त प्रकार के कॉमर्शियल व भारी वाहन प्रतिबन्धित रहेंगे.
- छटीकरा-वृदांवन मार्ग पर मल्टीलेबल पार्किंग स्थल से आगे किसी प्रकार के वाहन नहीं जा सकेंगे.
- वैष्णोदेवी पार्किंग से सभी प्रकार के भारी वाहन बड़ी एवं छोटी बसें वृन्दावन की ओर पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगी.
- रुक्मणि बिहार गोलचक्कर से वृन्दावन की ओर समस्त प्रकार के भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगे.
- मथुरा-वृदांवन मार्ग पर सौ सैया से आगे सभी प्रकार के भारी चार पहिया वाहन प्रतिबन्धित रहेंगे.
- वृन्दावन कट, पानीगांव से वृन्दावन की ओर सभी प्रकार के भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगे.
- पानी घाट तिराहे (यमुना पुल) से परिक्रमा मार्ग की ओर वृन्दावन के लिए सभी प्रकार के वाहन प्रतिबन्धित रहेंगे.
- पानीगांव चौराहे से सौ सैया कस्वा वृन्दावन की ओर समस्त प्रकार के भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगे.
- ग्राम जैत के पास कट एनएच-19 से रामताल चौराहा एवं सुनरख रोड की ओर भारी वाहन प्रवेश नहीं करेंगे.
- गोकुल रेस्टोरेन्ट व मसानी चौराहा से कस्वा वृन्दावन की ओर समस्त प्रकार के भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेंगे.
इन मार्गों पर डायवर्जन
- छटीकरा से वृन्दावन होते हुए यमुनाएक्सप्रेस वे की ओर जाने वाले सभी प्रकार के कॉमर्शियल व भारी वाहन छटीकरा से मथुरा टाउनशिप चौराहे से गोकुल बैराज मोड से लक्ष्मीनगर तिराहा होते हुए जा सकेंगे.
- गोकुल रेस्टोरेन्ट व मसानी चौराहा से वृन्दावन होते हुए यमुनाएक्सप्रेस वे की ओर जाने वाले सभी प्रकार के कॉमर्शियल व भारी वाहन गोकुल रेस्टोरेन्ट से मथुरा टाउनशिप चौराहा, गोकुल बैराज मोड से लक्ष्मीनगर तिराहा होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जा सकेंगे.
- यमुना एक्सप्रेस वे वृन्दावन कट से वृन्दावन होते हुए एचएच -19 को जाने वाले कॉमर्शियल व भारी वाहन यमुना एक्सप्रेस वे राया कट से लक्ष्मीनगर तिराहा, गोकुल बैराज मोड से टाउनशिप चौराहा होते हुए एनएच-19 की ओर जा सकेंगे.
यमुना एक्सप्रेस वे से आने वाले वाहनों की पार्किंग व्यवस्था
- दारुख पार्किंग
- पशुपैठ पार्किंग
- चौहान पार्किंग पानीघाट
- MVDA पानीघाट पार्किंग
- पवनहंस हैलीपैड पार्किंग
- मण्डी पार्किंग
- टीएफसी पार्किंग
- आईटआई
- सौ सैया पार्किंग
मथुरा शहर की ओर से वृन्दावन को आने वाले श्रद्धालुओं के सभी वाहन यहां होंगे पार्क
- TFC मैदान पार्किंग
- चौहान पार्किंग
- मंडी पार्किंग
- ITI कॉलेज पार्किंग
छटीकरा से वृन्दावन की ओर आने वाले श्रद्धालुओं के सभी वाहन निम्नलिखित पार्किंग स्थलों पर पार्क होगें
- ठाकुर की पार्किंग
- वैष्णोदेवी मन्दिर पार्किंग
- रॉयल भारती कट पार्किंग
- श्री बांके बिहारी पार्किंग
- फौजी की पार्किंग
- मल्टीलेवल पार्किंग
विशेष महत्व
मंदिर के सेवायत गोपी गोसाई ने बताया अक्षय तृतीया का पर्व विशेष महत्व माना जाता है और इस बार साढे पांच हजार वर्ष पूर्व में जो संयोग बने थे, वहीं संयोग है. अक्षय तृतीया के दिन सतयुग प्रारंभ हुआ था. भगवान परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया के दिन हुआ था. महाभारत का लेखन अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था. अक्षय तृतीया के दिन सुबह ठाकुर जी के चरणों के दर्शन और शाम को सर्वांग दर्शन करने का सौभाग्य भक्तों को मिलता है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा. दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन वृंदावन में होता है. पूरे क्षेत्र को तीन जोन और 16 सेक्टर में बांटा गया है. अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. रेंज और जोन से भी पुलिस की व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही पीएसी भी तैनात की जाएगी. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए ट्रैफिक व्यवस्था लागू की गई है.