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अबूझ मुहूर्त का गजब संयोग, शुभ कार्य या शादी विवाह, सब होगा बिना मुहुर्त संपन्न - AKSHAYA TRITIYA 2025 IMPORTANCE

इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त, पूरा दिन हर कार्य के लिए शुभ, शादी, खरीदी, गृह प्रवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन

akshaya tritiya 2025 importance
अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 10:06 PM IST

Updated : April 15, 2025 at 12:26 PM IST

2 Min Read

छिंदवाड़ा : हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है. वहीं पूरे साल का एक ऐसा दिन होता है, जहां किसी भी प्रकार का मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती. इस दिन जो भी कार्य किए जाते हैं वह शुभ ही होते हैं. चाहे शादी विवाह का कार्यक्रम हो, वाहन खरीदना हो या अन्य कोई भी शुभ कार्य. इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का एक अबूझ मुहूर्त भी है. आइए जानते हैं.

क्या होता है अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त?

हर साल अक्षय तृतीया वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन लोग शादी विवाह, गृह प्रवेश, वाहन, संपत्ति खरीदना, व्यापार आरंभ करना, नया काम शुरू करने जैसे अन्य प्रमुख कार्यों को शुरू करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी काम करते हैं, उसका फल कभी समाप्त नहीं होता. हालांकि, इस दिन अगर कोई बुरा कार्य करते हैं, तो उसका परिणाम भी कई जन्मों तक मिलता है.

अक्षय तृतीया पर करें हर शुभ कार्य (Etv Bharat)

अक्षय तृतीया को लेकर क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था और सतयुग की शुरुआत भी हुई थी. तो वहीं यह भी मान्यता है कि युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी इसी दिन हुई थी, जिसमें कभी न खत्म होने वाला भोजन होता था. इतना ही नहीं, अक्षय तृतीया को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुईं थीं.

यह भी पढ़ें - कई जन्मों से कुंवारे लड़कों के लिए मिल गया उपाए, यहां सेहरा चढ़ाते ही चढ़ जाते हैं घोड़ी

लक्ष्मी नारायण मंदिर के पंडित सुनील दुबे ने बताया, '' अक्षय तृतीया के दिन जो भी कार्य किए जाते हैं वह शुभ और शुभ फलदायक ही होते हैं. इस दिन घागर को भरकर पूर्वजों का भी पूजन किया जाता है. ''

छिंदवाड़ा : हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है. वहीं पूरे साल का एक ऐसा दिन होता है, जहां किसी भी प्रकार का मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती. इस दिन जो भी कार्य किए जाते हैं वह शुभ ही होते हैं. चाहे शादी विवाह का कार्यक्रम हो, वाहन खरीदना हो या अन्य कोई भी शुभ कार्य. इस वर्ष 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का एक अबूझ मुहूर्त भी है. आइए जानते हैं.

क्या होता है अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त?

हर साल अक्षय तृतीया वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है. इस दिन लोग शादी विवाह, गृह प्रवेश, वाहन, संपत्ति खरीदना, व्यापार आरंभ करना, नया काम शुरू करने जैसे अन्य प्रमुख कार्यों को शुरू करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी काम करते हैं, उसका फल कभी समाप्त नहीं होता. हालांकि, इस दिन अगर कोई बुरा कार्य करते हैं, तो उसका परिणाम भी कई जन्मों तक मिलता है.

अक्षय तृतीया पर करें हर शुभ कार्य (Etv Bharat)

अक्षय तृतीया को लेकर क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था और सतयुग की शुरुआत भी हुई थी. तो वहीं यह भी मान्यता है कि युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी इसी दिन हुई थी, जिसमें कभी न खत्म होने वाला भोजन होता था. इतना ही नहीं, अक्षय तृतीया को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुईं थीं.

यह भी पढ़ें - कई जन्मों से कुंवारे लड़कों के लिए मिल गया उपाए, यहां सेहरा चढ़ाते ही चढ़ जाते हैं घोड़ी

लक्ष्मी नारायण मंदिर के पंडित सुनील दुबे ने बताया, '' अक्षय तृतीया के दिन जो भी कार्य किए जाते हैं वह शुभ और शुभ फलदायक ही होते हैं. इस दिन घागर को भरकर पूर्वजों का भी पूजन किया जाता है. ''

Last Updated : April 15, 2025 at 12:26 PM IST
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