लखनऊ: प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले में मौनी अमवस्या के दिन 29 जनवरी 2025 को देर रात मची भगदड़ की घटना अब एक बार फिर सियासी गर्मी बढ़ा रही है. सरकार द्वारा अब तक 37 मौतों की पुष्टि की गई है. वहीं, एक समाचार पोर्टल ने भगदड़ में 82 लोगों की मौत का दावा किया है. इस खुलासे के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अखिलेश यादव ने X पर लंबी पोस्ट लिखकर तंज कसा है.
अखिलेश यादव ने लिखा है ....
तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82
सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें। सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही ज़रूरी होता है. सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें। सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही ज़रूरी होता है. भाजपा आत्म-मंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं, वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढ़कर अपने को, अपने मिथ्या-साम्राज्य का मुखिया मान रहे हैं. झूठे आंकड़े देने वाले ऐसे भाजपाइयों पर विश्वास भी विश्वास नहीं करेगा. सवाल सिर्फ आंकड़े छिपाने का नहीं है, सदन के पटल पर असत्य बोलने का भी है.

कैश मुआवजा देने को लेकर पूछे सवाल?
- महाकुंभ मृत्यु-मुआवज़े’ में जो राशि नक़द दी गयी, वो कैश क्यों दी गयी?
- वो कैश आया कहाँ से? - और जिनमें वो कैश वितरित नहीं हो पाया, वो कैश वापस गया किसके हाथ में?
- नकदी देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ?
- नकदी का वितरण किसके आदेश पर हुआ?
- नकदी के वितरण का लिखित आदेश कहाँ है?
- नकदी वितरण में क्या कोई अनियमितता हुई?
- साथ ही यह भी कि मृत्यु के कारण को बदलवाने का दबाव किसके कहने पर बनाया गया?
महासत्य की खोज का आरंभ
अखिलेश यादव ने आगे लिखा 'ये रिपोर्ट अंत नहीं, महाकुंभ में हुई मृत्युओं और उनसे जुड़े पैसों के महासत्य की खोज का आरंभ है. सत्य जब उजागर होता है, तो झूठ की परत-दर-परत खुलती है, जो स्वांग के हर चोगे और मुखौटे को उतारती जाती है, परदे उठाती जाती है. झूठ का कोई भी सूचना-प्रबंधन ऐसे सत्य को बाहर आने से नहीं रोक सकता'.
सरकार की चुप्पी पर सवाल
अब तक राज्य सरकार की ओर से इस ताजा रिपोर्ट और अखिलेश यादव के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि, विधानसभा में 5 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी ने भगदड़ में 37 मृतकों की बात कही थी.