बलौदाबाजार : बलौदा बाजार जिला पंचायत चुनाव में इस बार महिलाओं का दबदबा देखने को मिला. कुल 18 निर्वाचित सदस्यों में से 10 महिलाएं हैं, जो जिले में महिला सशक्तिकरण की एक नई लहर का संकेत देती हैं. मंगलवार 25 मार्च 2025 को आकांक्षा गोलू जायसवाल ने जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में शपथ ली. जबकि उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पवन साहू को सौंपी गई. इस ऐतिहासिक बदलाव से ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार से जुड़े मुद्दों पर अधिक प्रभावी निर्णय लेने की संभावना बढ़ गई है.
क्षेत्र का विकास पहली प्राथमिकता : इस दौरान नवनियुक्त अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल ने कहा कि हमारी प्राथमिकता गांवों का विकास, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है. सभी के सहयोग से हम क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.
शपथ ग्रहण से पहले हुआ था विवाद : आपको बता दें शपथ ग्रहण से पहले सतनामी समाज ने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए थाना घेरा था. ग्राम खैरी के पंच मुन्ना कोसले को भेजे गए एक आमंत्रण पत्र में "मुन्ना कोसले एवं समस्त हरिजन समाज" लिखा गया था. सतनामी समाज ने इस शब्दावली को अपमानजनक बताया और इसे हटाने की मांग की. उनका कहना था कि ये शब्द संविधान में प्रतिबंधित है और इस तरह के शब्दों का उपयोग समाज के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है. इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया और शपथ ग्रहण से पहले जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया.
शपथ ग्रहण के बाद माफी के बाद मामला शांत : हालात को बिगड़ता देख शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल ने कोतवाली पहुंचकर सतनामी समाज के प्रतिनिधियों से माफी मांगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि "जो आमंत्रण पत्र जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा जारी किया गया, उसमें गलत शब्द लिख दिया गया था. इसके लिए मैं दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं. यह हमारे कार्यकर्ताओं की गलती थी और हमें खेद है. हम आप सभी के आशीर्वाद से चुनाव जीते हैं और समाज के प्रति हमेशा सम्मान की भावना रखते हैं.
यह मामला अनजाने में हुई गलती का परिणाम था, लेकिन जनता की भावनाओं का सम्मान करना हमारी प्राथमिकता है. जिला पंचायत अध्यक्ष और उनकी टीम ने तुरंत जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांग ली, जिससे यह विवाद सुलझ गया। अब हमें मिलकर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए- शैलेन्द्र बंजारे, नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य
चित्तावर जायसवाल की इस माफी के बाद समाज के लोगों ने विरोध खत्म कर दिया और कहा कि अब उन्हें कोई शिकायत नहीं है. हालांकि आमंत्रण पत्र देने और लिखने वाले व्यक्ति नेतराम ध्रुव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
हमारे समाज के लिए ‘हरिजन’ शब्द अपमानजनक है और इसे संविधान में प्रतिबंधित किया गया है. आमंत्रण पत्र में इस शब्द का इस्तेमाल करना हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला था। इसलिए हमने एफआईआर की मांग की थी, ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो. हालांकि, अब जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है, जिससे हम संतुष्ट हैं- मुन्ना कोसले, शिकायतकर्ता
हमारी मांग सिर्फ यह थी कि ऐसे अपमानजनक शब्दों का उपयोग भविष्य में न हो। जब हमने इस बारे में आपत्ति जताई, तो जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि चित्तावर जायसवाल ने कोतवाली पहुंचकर माफी मांगी। हमें संतोष है कि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की। हम आशा करते हैं कि आगे से इस तरह की घटनाएं नहीं होंगी- किशोर नावरंगे, सतनामी समाज पदाधिकारी
वहीं पूरे मामले में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला था, लेकिन अच्छी बात यह रही कि इसे आपसी समझ से सुलझा लिया गया. समाज की भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है. मैं सभी पक्षों से अपील करता हूँ कि अब हमें एकजुट होकर विकास कार्यों की ओर बढ़ना चाहिए. महिला नेतृत्व को मजबूत बनाने और पंचायत के समग्र विकास के लिए हम हर संभव सहयोग करेंगे.
महिला नेतृत्व की अग्निपरीक्षा : बलौदा बाजार जिला पंचायत में महिलाओं की संख्या बढ़ना निश्चित रूप से एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन अब असली परीक्षा उनके नेतृत्व की होगी. अक्सर यह देखा जाता है कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि केवल नाममात्र की नेता होती हैं, जबकि असली फैसले उनके पति, बेटे या परिवार के अन्य पुरुष सदस्य लेते हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आकांक्षा जायसवाल और उनकी टीम इस पुरानी परंपरा को तोड़ पाती हैं या नहीं.
नई पंचायत की प्राथमिकताएं
- गांवों का समग्र विकास
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना
- सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करना
जिला पंचायत अध्यक्ष के शपथ ग्रहण से पहले विवाद, सतनामी समाज के अपमान का आरोप
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