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अजमेर दरगाह के सेक्रेट्री सैयद सरवर चिश्ती बोले-वक्फ कानून वापस लिया जाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत - NEW WAQF LAW

सेक्रेट्री सैय्यद सरवर चिश्ती ने वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया. चिश्ती ने कहा कि वक्फ कानून वापस लिया जाए.

Ajmer Dargah
अजमेर दरगाह (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 18, 2025 at 8:24 AM IST

1 Min Read

अजमेर: अजमेर शरीफ दरगाह अंजुमन सैय्यद जादगान के सेक्रेट्री सैय्यद सरवर चिश्ती ने वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मुसलमानों को राहत का स्वागत किया. सरवर चिश्ती ने वीडियो जारी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने अच्छे ऑब्जरवेशन दिए. बहुत अच्छी पहल रही. हालांकि सरकार ने हमें पसमांदा और अशराफ मुसलमानों में बाटने की कोशिश की थी, लेकिन हम बिरादरियों में बंटे हुए नहीं हैं. चिश्ती ने कहा कि ये इस्लाम की ताकत है कि वह एकजुट है.

सेक्रेट्री चिश्ती ने साथ ही हिदायत दी कि मुसलमानों को इस पर ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है. हमें पूरा वक्फ कानून वापस लेने के लिए संघर्ष करना चाहिए. इसके लिए संविधान से दिया शांतिपूर्ण आंदोलन का रास्ता ही हथियार होना चाहिए.

सैय्यद सरवर चिश्ती,सेक्रेट्री , अजमेर शरीफ दरगाह अंजुमन सैय्यद जादगान (ETV Bharat Ajmer)

पढ़ें:वक्फ सुधार जन जागरण अभियान के साथ भाजपा मैदान में, राह में हैं कई चुनौतियां -

सेक्रेट्री चिश्ती ने कहा कि सीएए का विरोध नेतृत्वविहीन था. दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और शहीनन बाग की महिलाओं ने इसको नया रंग दिया था. इससे यह मूवमेंट कामयाब हो गया था. यह भारत छोड़ो आंदोलन के बाद सबसे संगठित लोकतांत्रिक आंदोलन था. हम अपनी बच्चियों और महिलाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते. इस्लाम में महिलाओं की भूमिका अहम है. हमारी माताएं व बहनें इतनी बहादुर हैं तो पूरी कौम का क्या होगा. मुसलमानों को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में संविधान और लोकतंत्र से मिले शांतिर्पूण आवाज उठाने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए.

अजमेर: अजमेर शरीफ दरगाह अंजुमन सैय्यद जादगान के सेक्रेट्री सैय्यद सरवर चिश्ती ने वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मुसलमानों को राहत का स्वागत किया. सरवर चिश्ती ने वीडियो जारी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने अच्छे ऑब्जरवेशन दिए. बहुत अच्छी पहल रही. हालांकि सरकार ने हमें पसमांदा और अशराफ मुसलमानों में बाटने की कोशिश की थी, लेकिन हम बिरादरियों में बंटे हुए नहीं हैं. चिश्ती ने कहा कि ये इस्लाम की ताकत है कि वह एकजुट है.

सेक्रेट्री चिश्ती ने साथ ही हिदायत दी कि मुसलमानों को इस पर ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है. हमें पूरा वक्फ कानून वापस लेने के लिए संघर्ष करना चाहिए. इसके लिए संविधान से दिया शांतिपूर्ण आंदोलन का रास्ता ही हथियार होना चाहिए.

सैय्यद सरवर चिश्ती,सेक्रेट्री , अजमेर शरीफ दरगाह अंजुमन सैय्यद जादगान (ETV Bharat Ajmer)

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सेक्रेट्री चिश्ती ने कहा कि सीएए का विरोध नेतृत्वविहीन था. दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और शहीनन बाग की महिलाओं ने इसको नया रंग दिया था. इससे यह मूवमेंट कामयाब हो गया था. यह भारत छोड़ो आंदोलन के बाद सबसे संगठित लोकतांत्रिक आंदोलन था. हम अपनी बच्चियों और महिलाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते. इस्लाम में महिलाओं की भूमिका अहम है. हमारी माताएं व बहनें इतनी बहादुर हैं तो पूरी कौम का क्या होगा. मुसलमानों को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में संविधान और लोकतंत्र से मिले शांतिर्पूण आवाज उठाने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए.

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