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हिमाचल में इस अस्पताल को स्टाफ देना ही भूल गई सरकार, सुविधाओं का भी लाभ नहीं ले पा रहे लोग - MOTHER AND CHILD HOSPITAL MANDI

मंडी शहर को 100 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु अस्पताल की सौगात मिली थी, लेकिन सरकारें यहां अतिरिक्त स्टाफ को तैनात करना ही भूल गई है.

मंडी का मातृ शिशु अस्पताल
मंडी का मातृ शिशु अस्पताल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 2:26 PM IST

3 Min Read

मंडी: पूर्व की जयराम सरकार के समय अढ़ाई वर्ष पहले मंडी शहर को 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु अस्पताल की सौगात तो मिल गई थी, लेकिन उसके बाद सरकारें यहां अतिरिक्त स्टाफ को तैनात करना ही भूल गई है. आज आलम यह है कि जोनल हॉस्पिटल मंडी के लिए जो स्टाफ तैनात किया गया है उसी के दम पर इस एमसीएच को चलाया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन की चेयरमैन अरूणा लुथरा ने कहा कि, 'पूरे जोनल हास्पिटल में स्टाफ नर्सों के 45 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 10 से 15 पद विभिन्न कारणों से रिक्त चल रहे होते हैं. एमसीएच के संचालन के लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है और इसके लिए सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर भी बात रखी है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है, जो मौजूदा स्टाफ है उसपर काम का बहुत ज्यादा दबाव है. कभी कभी एक नर्स को दो-दो वार्ड भी हैंडल करने पड़ रहे हैं. यदि एमसीएच में पूरा स्टाफ तैनात हो जाए तो यहां और भी सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं, जोकि अभी तक बंद पड़ी हुई हैं. इन्होंने प्रदेश सरकार से एमसीएच के सही संचालन के लिए जल्द से जल्द अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने की मांग उठाई है.'

वहीं, जब इस बारे में जोनल हॉस्पिटल मंडी के एमएस डॉ. डीएस वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, 'एमसीएच में अभी कुछ सुविधाएं स्टाफ की कमी के कारण शुरू नहीं की जा सकी हैं. एमसीएच के लिए अलग से स्टाफ की स्वीकृति सरकार और विभाग के उच्चाधिकारियों के स्तर पर होनी है. पत्राचार के माध्यम से इसकी जानकारी दे दी गई है, जैसे ही अतिरिक्त पद स्वीकृत होंगे तो उसके बाद ही बाकी सुविधाओं को शुरू किया जा सकेगा.'

बता दें कि 30 करोड़ की लागत से बने एमसीएच मंडी का पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई 2022 में उद्घाटन किया था. जयराम ठाकुर के समय मे भी न तो इस हॉस्पिटल को अतिरिक्त स्टाफ दिया गया और न ही सुक्खू सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है. वहीं, यदि सिक्योरिटी स्टॉफ की बात करें तो वहां भी ऐसे ही हालात हैं, दो भवनों की सुरक्षा का जिम्मा मात्र 26 सुरक्षा कर्मियों के हाथों में हैं. सुरक्षा कर्मियों के भी 15 के करीब पद यहां पर रिक्त चले हुए हैं. गौरतलब है कि मंडी जिला में केंद्र सरकार के माध्यम से दो एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पतालों का निर्माण हुआ है, जिनमें एक मंडी जिला मुख्यालय पर तो दूसरा सुंदरनगर में स्थित है. यहां पर इनके भव्य भवन बनाकर जनता को समर्पित तो कर दिए गए हैं, लेकिन स्टाफ की कमी से इनका सही ढंग से संचालन नहीं हो पा रहा है.

ये भी पढ़ें: क्या आप लेना चाहते हैं फूड प्रोसेसिंग की ट्रेनिंग, यहां से ले प्रशिक्षण और शुरू करें अपना बिजनेस

मंडी: पूर्व की जयराम सरकार के समय अढ़ाई वर्ष पहले मंडी शहर को 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु अस्पताल की सौगात तो मिल गई थी, लेकिन उसके बाद सरकारें यहां अतिरिक्त स्टाफ को तैनात करना ही भूल गई है. आज आलम यह है कि जोनल हॉस्पिटल मंडी के लिए जो स्टाफ तैनात किया गया है उसी के दम पर इस एमसीएच को चलाया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश नर्सिंग एसोसिएशन की चेयरमैन अरूणा लुथरा ने कहा कि, 'पूरे जोनल हास्पिटल में स्टाफ नर्सों के 45 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 10 से 15 पद विभिन्न कारणों से रिक्त चल रहे होते हैं. एमसीएच के संचालन के लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत है और इसके लिए सीएम और स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर भी बात रखी है, लेकिन अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है, जो मौजूदा स्टाफ है उसपर काम का बहुत ज्यादा दबाव है. कभी कभी एक नर्स को दो-दो वार्ड भी हैंडल करने पड़ रहे हैं. यदि एमसीएच में पूरा स्टाफ तैनात हो जाए तो यहां और भी सुविधाएं शुरू की जा सकती हैं, जोकि अभी तक बंद पड़ी हुई हैं. इन्होंने प्रदेश सरकार से एमसीएच के सही संचालन के लिए जल्द से जल्द अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने की मांग उठाई है.'

वहीं, जब इस बारे में जोनल हॉस्पिटल मंडी के एमएस डॉ. डीएस वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, 'एमसीएच में अभी कुछ सुविधाएं स्टाफ की कमी के कारण शुरू नहीं की जा सकी हैं. एमसीएच के लिए अलग से स्टाफ की स्वीकृति सरकार और विभाग के उच्चाधिकारियों के स्तर पर होनी है. पत्राचार के माध्यम से इसकी जानकारी दे दी गई है, जैसे ही अतिरिक्त पद स्वीकृत होंगे तो उसके बाद ही बाकी सुविधाओं को शुरू किया जा सकेगा.'

बता दें कि 30 करोड़ की लागत से बने एमसीएच मंडी का पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जुलाई 2022 में उद्घाटन किया था. जयराम ठाकुर के समय मे भी न तो इस हॉस्पिटल को अतिरिक्त स्टाफ दिया गया और न ही सुक्खू सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है. वहीं, यदि सिक्योरिटी स्टॉफ की बात करें तो वहां भी ऐसे ही हालात हैं, दो भवनों की सुरक्षा का जिम्मा मात्र 26 सुरक्षा कर्मियों के हाथों में हैं. सुरक्षा कर्मियों के भी 15 के करीब पद यहां पर रिक्त चले हुए हैं. गौरतलब है कि मंडी जिला में केंद्र सरकार के माध्यम से दो एमसीएच यानी मातृ एवं शिशु अस्पतालों का निर्माण हुआ है, जिनमें एक मंडी जिला मुख्यालय पर तो दूसरा सुंदरनगर में स्थित है. यहां पर इनके भव्य भवन बनाकर जनता को समर्पित तो कर दिए गए हैं, लेकिन स्टाफ की कमी से इनका सही ढंग से संचालन नहीं हो पा रहा है.

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