रांची: झारखंड में रामनवमी पर्व को देखते हुए सुरक्षा के भारी भरकम इंतजाम किए गए हैं. झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जैसे संवेदनशील जगहों पर आरएएफ, बीडीएस और रैप की कंपनी भी तैनात की गई है.
जिलों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
झारखंड में रामनवमी के पर्व को शांतिपूर्ण और सौहार्द के वातावरण में संपन्न करवाने के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा राज्य भर में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. संवेदनशील जिलों में आरएएफ और रैप की एक-एक कंपनी की तैनाती की गई है, वहीं एहतियातन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय और रेंज डीआईजी के अधीन करीब 2000 जवानों को रिजर्व में रखा गया है. किसी जिले में आपात स्थिति के दौरान रिजर्व में रखे गए बल का प्रयोग किया जाएगा.
क्या है सुरक्षा व्यवस्था का खाका
झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा तैनात किए गए बल रामनवमी समाप्त होने तक अपने-अपने जिलों में उपलब्ध रहेंगे. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिलों में पूर्व से जो अफसर और जवान तैनात हैं उनके अलावा अतिरिक्त दो दर्जन डीएसपी, 20 से ज्यादा इंस्पेक्टर, 1000 से ज्यादा दारोगा और जमादार, खुफिया सूचनाओं के लिए एक दर्जन स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर लगाए गए हैं.
इसके अलावा राज्यभर में आरएएफ की पांच कंपनी, 5000 के करीब लाठी बल, सीएपीएफ की 05 कंपनी, 5000 में करीब होमगार्ड के साथ साथ आंसू गैस दस्ता, अग्निशमन दस्ता और बीडीएस की टीम को तैनात किया गया है. राजधानी रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो, पलामू, लोहरदगा और दुमका में आरएएफ के साथ-साथ एसएसबी की भी तैनाती की गई है.
भड़काऊ गानों पर रोक
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि रामनवमी जुलूस के दौरान साउंड सिस्टम के जरिये किसी भी तरह का भड़काऊ गाना नहीं बजना चाहिए, इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को विशेष निर्देश दिए गए हैं. इस निर्देश का कड़ाई से पालन करने के लिए सभी को निर्देश जारी किए गए हैं.
जुलूस लौटने के बाद भी रहना है एक्टिव
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि रामनवमी जुलूस को लेकर यह भी निर्देश जारी किया गया है कि सिर्फ जुलूस के लौट जाने के बाद ही पुलिस की ड्यूटी खत्म नहीं होती है. जुलूस के लौटने के दौरान सभी रास्तों पर पेट्रोलिंग जारी रखनी है ताकि किसी भी महिला या फिर किसी पुरुष के साथ किसी भी तरह की कोई वारदात ना हो.
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