देहरादून/हल्द्वानी: प्राइवेट स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी से उत्तराखंड के अभिभावक बेहद परेशान हैं. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं मंडल तक शिक्षा विभाग के पास ढेरों शिकायतें आ रही हैं. शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के साथ बैठक कर रहा है. लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आ रहा है.
देहरादून में 4 बुक सेलर्स पर मुकदमा: देहरादून नगर कोतवाली क्षेत्र के अंर्तगत चार दुकानों में बेचे जा रही स्कूली किताबों में अनियमितता पाये जाने पर उनके खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया. इसके साथ ही एसएसपी ने चारों पुस्तक भण्डारों को सील करा दिया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी चारों दुकानों द्वारा लगातार किताबें बेची जा रही थी.
अनियमितताएं मिलने पर कार्रवाई: शहर में चार किताबों की दुकानों पर प्रशासन और राज्य कर विभाग की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था. इस दौरान अलग-अलग कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकों में ISNB नम्बर और बार कोड न होने सहित अन्य अनियमितताएं मिलने के सम्बन्ध में कोतवाली नगर पर 04 अलग-अलग मुकदमे पंजीकृत कराये गये थे. मुकदमा पंजीकृत होने के बाद भी दुकानों के संचालकों द्वारा लगातार किताबों की बिक्री की जा रही थी. इसके सम्बन्ध में एसएसपी को प्राप्त सूचना पर अपराध की पुनरावृत्ति होने और रोकने के लिए प्रशासनिक टीम गठित करने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी देहरादून को रिपोर्ट भेजी गई थी. पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर जिलाधिकारी देहरादून द्वारा चारों प्रतिष्ठानों को सील करने के आदेश जारी किये गये.
इन किताब की दुकानों को किया गया सील: देहरादून जिले के एसएसपी अजय सिंह ने बताया है कि-
पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा चारों प्रतिष्ठानों नेशनल बुक हाउस, एशियन बुक डिपो, ब्रदर्स पुस्तक भण्डार और यूनिवर्सल बुक डिपो को बन्द कराते हुए उन्हें सील किया गया है.
-अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून-
निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगाने की कवायद : इसके साथ ही निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से अभिभावकों से फीस वसूलने के खिलाफ देहरादून जिला प्रशासन एक्शन की तैयारी में लग गया है. निजी स्कूलों को हिदायत दी गई है कि फीस स्ट्रक्चर मानक के तहत नहीं हुए, तो लाइसेंस रद्द किया जाएगा. साथ ही डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने स्कूलों में फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा करने के बाद कई प्रतिष्ठित स्कूलों की फीस स्ट्रक्चर नियम के खिलाफ पायी है. इन स्कूलों को फीस स्ट्रक्चर ठीक करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
सीडीओ ने निजी स्कूल प्रबंधकों को दिए ये निर्देश: बता दें कि देहरादून जिले में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को सीडीओ ने अलग-अलग निजी स्कूल संचालकों के साथ वार्ता की. इस दौरान निजी विद्यालयों के पिछले पांच सालों के फीस स्ट्रक्चर की जांच की गई. सीडीओ ने निजी स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत दी कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार ही काम करें.
सीडीओ ने आरटीई एक्ट के प्रावधान बताए: इसके साथ ही अभिभावकों और छात्रों को किसी एक निश्चित दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए भी बाध्य न किया जाए. सीडीओ ने निजी स्कूल संचालकों को बताया कि एक्ट के अनुसार विद्यालय तीन साल में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. स्कूल प्रशासन के व्यय निकालने के बाद स्कूल की कुल जमा धनराशि यानी मुनाफा 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. शिक्षा विभाग के संज्ञान में लाए बिना कोई भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से फीस नही बढ़ा सकते हैं. यदि 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ानी आवश्यक हो, तो स्कूल को उसका कारण भी शिक्षा विभाग को बताना होगा.

मनमानी फीस बढ़ाने पर कार्रवाई की चेतावनी: सीडीओ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निजी स्कूल संचालकों के साथ नियमों की जानकारी साझा करने के निर्देश भी दिए. साथ ही निजी स्कूल संचालकों को हिदायत दी कि इसके बावजूद भी कहीं से मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायत मिली, तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. सभी निजी स्कूल संचालकों को राज्य सरकार के नियमों और एनसीईआरटी की किताबों को लगाने सहित कई बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए.
वहीं अभिभावकों को विवश कर जबरन सामग्री बेचने, टैक्स चोरी, मांगने पर भी बिल न देने पर डीएम के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था. जीएसटी चोरी, फर्जी प्रकाशन के साथ ही कई किताबों के आईएसबीन नंबर ट्रैक नहीं हुए थे. जिसके बाद यूनिवर्सल बुक डिपो, नेशनल बुक डिपो, ब्रदर पुस्तक भंडार और एशियन बुक डिपो सील किए गए हैं.
इन स्कूलों की आज होगी समीक्षा: सीडीओ अभिनव कुमार ने बताया है कि-
बैठक में निजी विद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी की समीक्षा की गई. कई निजी प्रतिष्ठित स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ाए जाने की शिकायत सही पाए जाने पर स्कूल संचालकों को फीस स्ट्रक्चर संशोधित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए. इसमें एनएन मैरी को फीस स्ट्रक्चर ठीक करने की हिदायत दी गई. वहीं जांच में ज्ञानंदा स्कूल और सेंट जोसेफ स्कूल के फीस स्ट्रक्चर में सही पाए गए. समरवैली ओर अन्य निजी स्कूलों की आज यानी बुधवार को समीक्षा की जाएगी. साथ ही निजी स्कूलों पर जल्द कड़ी प्रवर्तन (Enforcement) की कार्रवाई हो सकती है.
-अभिनव कुमार, सीडीओ, देहरादून-
हल्द्वानी में तीन बुक सेलरों के यहां छापा: इधर हल्द्वानी में भी नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूलों और बुक सेलरों की मनमानी की शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं. जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और GST विभाग द्वारा बुक सेलरों की दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. इस दौरान बिल न दिए जाने सहित आईबीएसएन नंबर की जांच पर पता चला कि कई किताबें बिना आईएसबीएन नंबर (इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बुक नंबर) की बेची जा रही हैं. इसके अलावा अभिभावकों को पक्का बिल नहीं दिया जा रहा है.
जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और जीएसटी का छापा: शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि-
स्कूलों में भी पांच टीमें बनकर चेकिंग की जा रही है. साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बुक सेलरों के यहां तीन टीमें बनाकर अलग-अलग छापेमारी की जा रही है. हल्द्वानी में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए ये सख्त कदम उठाया है. इसी कड़ी में प्रशासनिक टीम ने शहर के बड़े बुक सेलरों की दुकानों में छापेमारी की.
-तारा सिंह, शिक्षा अधिकारी-
अभिभावकों की शिकायत के बाद छापा: सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई के नेतृत्व में शहरी क्षेत्रों तो एसडीएम परितोष वर्मा के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्र में की गई छापेमारी की कार्रवाई के दौरान बुक स्टोर्स का निरीक्षण किया गया. कार्रवाई के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह और जीएसटी विभाग के अफसर भी मौजूद थे.
प्रशासन को शिकायतें मिली थीं कि निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर महंगी किताबें और कॉपियां खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है. स्कूल प्रशासन खास बुक स्टोर्स से ही किताबें खरीदने की शर्त रख रहे हैं, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा खत्म हो रही है. अभिभावकों को ऊंची कीमतें चुकानी पड़ रही हैं. इस छापेमारी के दौरान दुकानदारों से आवश्यक दस्तावेज भी मांगे और जांच पड़ताल की. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई बुक विक्रेता या स्कूल जबरन महंगी किताबें बेचने या खरीदने के लिए बाध्य करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
-एपी वाजपेई, सिटी मजिस्ट्रेट-
अभिभावकों ने कार्रवाई का स्वागत किया: हल्द्वानी में इस कार्रवाई के बाद अभिभावकों ने राहत की सांस ली है. उन्होंने प्रशासन से इसी तरह की सख्ती जारी रखने की मांग की है.
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