खूंटीः जिला में मृत शिक्षक के खाते में 54 लाख से अधिक राशि के भुगतान के मामले में कार्रवाई की गयी है. शिक्षा विभाग ने लापरवाही के आरोप में क्लर्क को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा डीईओ के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाया गया है.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार, मृत शिक्षक स्व. फांसिस तोपनो एसपीजी मध्य विद्यालय, तांबा रनिया (जिनका निधन 28 अप्रैल 2020 को हुआ) के पक्ष में जुलाई 2011 से मार्च 2020 तक की कुल 54,22,377 रुपए की अवरुद्ध वेतन राशि के विपत्र को पारित करने में घोर लापरवाही बरते जाने के मामले में शिक्षा विभाग ने जांचोपरांत लिपिक चक्रधारी बड़ाईक को निलंबित कर दिया है.

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग संयुक्त सचिव ने चक्रधारी बड़ाईक सस्पेंड किया है. मामले पर डीईओ अपरूपा पाल चौधरी के खिलाफ फिलहाल जांच जारी है. स्व. फांसिस तोपनो एसपीजी मध्य विद्यालय ताम्बा के बकाया वेतनादि के भुगतान के क्रम में वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी राशि का दुरूपयोग के लिए दोषी पाये जाने के आरोप में झारखंड सरकारी सेवक को नियमावली, 2016 में निहित प्रावधान के तहत पत्र निर्गत की तिथि से निलंबित किया जाता है. विभागीय आदेशानुसार निलंबन अवधि में चक्रधारी बड़ाईक को लोहरदगा के मुख्यालय अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी भेजाजाता है, जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.
बता दें कि डीईओ अपरूपा पाल चौधरी और लिपिक चक्रधारी बड़ाईक पर आरोप है कि उन्होंने मृत शिक्षक स्वर्गीय फ्रांसिस तोपनो एसपीजी मध्य विद्यालय, तांबा रनिया (जिनका निधन 28 अप्रैल 2020 को हुआ) के पक्ष में जुलाई 2011 से मार्च 2020 तक की कुल 54,22,377 रुपए की अवरुद्ध वेतन राशि के विपत्र को पारित करने में घोर लापरवाही बरती.
इन पर आरोप है कि उन्होंने न तो आवश्यक दस्तावेजों जैसे उपस्थिति पंजी और अवकाश स्वीकृति की जांच की, न ही विपत्र की सूक्ष्म समीक्षा की. परिणामस्वरूप स्वर्गीय तोपनो को मार्च 2015 से अक्टूबर 2015 के बीच दो बार वेतन का भुगतान हो गया जो गंभीर वित्तीय अनियमितता दर्शाता है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी अपरूपा पाल चौधरी के और लिपिक चक्रधारी बड़ाईक खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता मामले को लेकर खूंटी के पूर्व झाविमो जिला अध्यक्ष सह समाजसेवी दिलीप मिश्रा द्वारा उठाए गए बिंदुओं के आधार पर संज्ञान में लाया गया था. जिनके प्रयासों से राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की.
इस संबंध में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, झारखंड सरकार, रांची के आदेश (ज्ञापन संख्या 3111, दिनांक 6 मई 2024) के अनुसार, जांच के संचालन गणेश कुमार (सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा) को संचालन सह जांच पदाधिकारी तथा अरशद जमाल, अवर सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को सहायक जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया था.
इस मामले की जांच के बाद आरोपों में सत्यता पाई गयी थी उसके बाद विभागीय मंत्री ने तत्काल प्रभाव से उनके विरुद्ध आरोप गठित करने तथा आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए समिति गठित करने का निर्देश दिया था. विभागीय जांचोपरांत सभी तथ्य सही पाए जाने के बाद विभाग के कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के लिपिक चक्रधारी बड़ाईक को सस्पेंड किया गया. बताया जा रहा है कि डीईओ के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई होगी. फिलहाल डीईओ के खिलाफ मृत शिक्षक के खाते से अवैध भुगतान एवं पीएमश्री में बरती गई अनियमितता की भी जांच हो रही है.
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