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विमल नेगी मौत मामले में क्यों सार्वजनिक नहीं हुई ACS की रिपोर्ट, जानें क्या बोले CM सुक्खू - VIMAL NEGI DEATH CASE

विमल नेगी मौत मामले में बीजेपी-कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप जारी है. अब सीएम सुक्खू ने इस पर पलटवार किया है.

विमल नेगी मौत मामले पर घमासान
विमल नेगी मौत मामले पर घमासान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 26, 2025 at 4:43 PM IST

3 Min Read

शिमला/किन्नौर: HPPCL चीफ इंजीनियर विमल सिंह नेगी मौत मामले में बीजेपी कांग्रेस आमने सामने है. आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. यहां तक कि एसपी ने हिमाचल पुलिस मुखिया के खिलाफ ही मोर्चा खोलकर कई आरोप लगा दिए. इसके बाद बीजेपी के हमले और भी तेज हो गए. वहीं, सीएम सुक्खू ने इस मामले में आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी इसका राजनीतिकरण कर रही है और विमल नेगी का परिवार बीजेपी की राजनीति का शिकार हो गया है.

आज शिमला में सीएम सुक्खू ने विमल नेगी मौत मामले में ACS की रिपोर्ट को लेकर कहा कि ' ACS की रिपोर्ट की फैक्ट फाइंडिंग होनी चाहिए थी, इसलिए जिन पर आरोप लगें है उनकी तरफ से भी सफाई आनी चाहिए थी. हम न्याय की गद्दी पर बैठे हैं. इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक को न्याय मिले और दूसरे को नहीं. इसलिए ACS की रिपोर्ट को लॉ का ओपिनियन लेने को भेजा गया था. डीजीपी शपथ पत्र दायर करने से पहले मुझसे मिले थे. डीजीपी ने एसआईटी को बदलने को भी कहा था, लेकिन मैंने ये कहकर मना कर दिया था कि भाजपा इसका राजनीतिकरण करेगी. मैंने डीजीपी से कहा था कि हम खुद सीबीआई को केस भेज देते हैं .इस मामले को लेकर हम किसी को छोड़ेंगे नहीं, जिसके लिए मैंने डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए कहा था.'

रिकांगपिओ मेंं शनिवार को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि 'सरकार ने प्रदेश में न तो विकास किए न जनता के वादों पर खरे उतरे हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. विकास के कार्यों को लेकर तो सरकार जरा भी चिंता नहीं कर रही है. आज प्रदेश के अंदर जनजातीय समुदाय से संबंध रखने वाले एक ईमानदार HPPCL के अधिकारी विमल नेगी के देहांत को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं हुई. ऐसे में विमल नेगी के परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खट खटाने का काम किया. कोर्ट ने विमल नेगी के मौत मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने मामले में गड़बड़ी न हो इसलिए सीबीआई जांच में हिमाचल काडर के अधिकारियों को इस मामले में शामिल नहीं करने के आदेश भी दिए हैं.'

जयराम ठाकुर ने कहा कि 'प्रदेश सरकार विमल नेगी मामले में चुप रही और सीबीआई जांच का विरोध करती रही. ज़िला के अधिकारी के साथ इतना कुछ हुआ, लेकिन स्थानीय विधायक एवं केबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी न तो विमल नेगी के परिवार से मिले न ही उनकी किसी प्रकार की सहायता की बल्कि सीबीआई जांच की मांग को रोकने और प्रदेश सरकार की जांच कमेटी को सही बोलते रहे.'

ये भी पढ़ें:विमल नेगी मौत मामले में सियासी घमासान, बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने, विपक्ष ने मांगा सीएम का इस्तीफा

शिमला/किन्नौर: HPPCL चीफ इंजीनियर विमल सिंह नेगी मौत मामले में बीजेपी कांग्रेस आमने सामने है. आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. यहां तक कि एसपी ने हिमाचल पुलिस मुखिया के खिलाफ ही मोर्चा खोलकर कई आरोप लगा दिए. इसके बाद बीजेपी के हमले और भी तेज हो गए. वहीं, सीएम सुक्खू ने इस मामले में आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीजेपी इसका राजनीतिकरण कर रही है और विमल नेगी का परिवार बीजेपी की राजनीति का शिकार हो गया है.

आज शिमला में सीएम सुक्खू ने विमल नेगी मौत मामले में ACS की रिपोर्ट को लेकर कहा कि ' ACS की रिपोर्ट की फैक्ट फाइंडिंग होनी चाहिए थी, इसलिए जिन पर आरोप लगें है उनकी तरफ से भी सफाई आनी चाहिए थी. हम न्याय की गद्दी पर बैठे हैं. इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक को न्याय मिले और दूसरे को नहीं. इसलिए ACS की रिपोर्ट को लॉ का ओपिनियन लेने को भेजा गया था. डीजीपी शपथ पत्र दायर करने से पहले मुझसे मिले थे. डीजीपी ने एसआईटी को बदलने को भी कहा था, लेकिन मैंने ये कहकर मना कर दिया था कि भाजपा इसका राजनीतिकरण करेगी. मैंने डीजीपी से कहा था कि हम खुद सीबीआई को केस भेज देते हैं .इस मामले को लेकर हम किसी को छोड़ेंगे नहीं, जिसके लिए मैंने डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए कहा था.'

रिकांगपिओ मेंं शनिवार को पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि 'सरकार ने प्रदेश में न तो विकास किए न जनता के वादों पर खरे उतरे हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. विकास के कार्यों को लेकर तो सरकार जरा भी चिंता नहीं कर रही है. आज प्रदेश के अंदर जनजातीय समुदाय से संबंध रखने वाले एक ईमानदार HPPCL के अधिकारी विमल नेगी के देहांत को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं हुई. ऐसे में विमल नेगी के परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खट खटाने का काम किया. कोर्ट ने विमल नेगी के मौत मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने मामले में गड़बड़ी न हो इसलिए सीबीआई जांच में हिमाचल काडर के अधिकारियों को इस मामले में शामिल नहीं करने के आदेश भी दिए हैं.'

जयराम ठाकुर ने कहा कि 'प्रदेश सरकार विमल नेगी मामले में चुप रही और सीबीआई जांच का विरोध करती रही. ज़िला के अधिकारी के साथ इतना कुछ हुआ, लेकिन स्थानीय विधायक एवं केबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी न तो विमल नेगी के परिवार से मिले न ही उनकी किसी प्रकार की सहायता की बल्कि सीबीआई जांच की मांग को रोकने और प्रदेश सरकार की जांच कमेटी को सही बोलते रहे.'

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