शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अवैध खनन पर कार्रवाई करने गए एसडीएम सदर एवं आईएएस अधिकारी ओमकांत ठाकुर पर हमला करने के आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं. न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने आरोपी हीरा लाल की जमानत याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोप मुकदमे के दौरान साबित किए जाने हैं. इसलिए जमानत अर्जी को सजा के तौर पर खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानून के तहत मुकदमे से पहले सजा देना प्रतिबंधित है.
मामले के अनुसार प्रार्थी पर आरोप है कि उसने 10 फरवरी को मंडी जिले के बिंद्रावनी क्षेत्र में अवैध खनन की औचक जांच करने गए एसडीएम मंडी पर हमला कर दिया था. एसडीएम ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया था कि 10 फरवरी 2025 को वो अपने सरकारी वाहन में अपने चालक के साथ लगभग 06:30 बजे ब्यास नदी में चल रहे अवैध खनन की जांच के लिए बयूली-बिंद्रावणी की ओर निकला था, जब वो ट्रक यूनियन से थोड़ा आगे बिंद्रावणी में पहुंचे तो एक ट्रैक्टर और ट्रॉली कच्ची सड़क पर खड़ी थी, जो ब्यास नदी की ओर जा रही थी. खनन सामग्री ब्यास नदी से घोड़ों पर लाकर ट्रैक्टर ट्राली में भरी जा रही थी.
एसडीएम के मुताबिक कच्ची सड़क पर खड़ी ट्रॉली के आगे हमने अपनी गाड़ी खड़ी कर दी. हमें मौके पर देख वहां खनन कार्य कर रहे 3-4 व्यक्ति मौके से भाग गए थे, लेकिन वहां ट्राली को मोड़ना आसान नहीं था, इसलिए ट्रैक्टर ट्रॉली चालक ने वाहन को रिवर्स गियर में मुख्य सड़क की ओर चलाना शुरू कर दिया था. इसी दौरान वहां पहुंचे आरोपी ने एसडीएम पर हमला कर दिया. इस दौरान एसडीएम के जबड़े पर मुक्का मारा, जिससे उसका दांत टूट गया. इसके बाद उसने अपने हाथों में पत्थर उठा लिए, लेकिन इससे पहले कि वो शिकायतकर्ता पर पत्थर से हमला कर पाता, उसके ड्राइवर ने उसे काबू कर लिया और उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई.
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