रांचीः झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने शराब घोटाला मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. सीनियर आईएएस सह पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त उत्पाद सचिव गजेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर एसीबी ने दो अधिकारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
इनमें झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक सुधीर कुमार, झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त सुधीर कुमार दास के अलावा MISS PVT.LTD. के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह का नाम शामिल है.
एसीबी की यह कार्रवाई झारखंड उत्पाद नीति 2022 के क्रियान्वयन और लागू करने की प्रक्रिया के दौरान एजेंसी के चयन और राजस्व के नुकसान मामले में हुई है. एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से बताया गया है कि अभियुक्त ने अपने पद का दुरुपयोग कर एजेंसी का चयन किया. इस साजिश की वजह से 38 करोड रुपए के नुकसान के पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं. इस मामले में कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद 20 मई 2025 को कांड दर्ज कर अभियुक्तों के खिलाफ जांच की जा रही है.

इससे पहले 20 मई को एसीबी की टीम ने सीनियर आईएएस सह पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को झारखंड शराब नीति 2022 मामले में एजेंसियों के चयन में धांधली और 38 करोड रुपए के राजस्व नुकसान मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. एसीबी ने 20 मई 2025 को तत्कालीन प्रधान सचिव, उत्पाद विभाग विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त, उत्पाद विभाग गजेंद्र सिंह के खिलाफ कांड संख्या 9/25 दर्ज कर पूछताछ के बाद जेल भेजा था.
इस मामले को भाजपा ने जोर-शोर से उठाया है. 21 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेता प्रतिपक्ष सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि झारखंड में दिल्ली से भी बड़ा शराब घोटाला हुआ है. इस पर पर्दा डालने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है, बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है.
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने ने यह भी कहा है कि एजेंसियों के अवैध तरीके से चयन की जानकारी साल 2022 में ही मुख्यमंत्री को पत्र के जरिए दी थी. अब मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि उन्होंने इस मामले में क्या कार्रवाई की.
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पैटर्न पर अपनायी गई झारखंड की शराब नीति मामले में ईडी की टीम पूर्व में भी इस विनय कुमार चौबे से रायपुर में पूछताछ कर चुकी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने वहां हुए शराब घोटाले की जांच की जिम्मेदारी 6 मई को सीबीआई को दी है. इन सब के बीच झारखंड में हुई एसीबी की कार्रवाई की खूब चर्चा हो रही है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पूछताछ के लिए बुलाकर, मामला दर्ज किया गया और जेल भेज दिया गया. उन्होंने पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई से जांच करने की मांग की है.
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