सुकमा: छत्तीसगढ़ में तेंदुपत्ता बोनस में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस केस में प्रदेश की जांच एजेंसी ACB और EOW ने सीपीआई नेता मनीष कुंजाम और तेंदुपत्ता प्रबंधकों के यहां रेड मारी है. दूसरे दिन भी सीपीआई नेता मनीष कुंजाम के यहां रेड की कार्रवाई चलती रही. ACB और EOW ने मनीष कुंजाम के यहां दो दिनों से टिकी हुई है और कार्रवाई चल रही है.
तेंदुपत्ता प्रबंधकों के घरों पर रेड: मनीष कुंजाम के अलावा तेंदुपत्ता प्रबंधकों के यहां पर भी ACB और EOW की रेड हुई है. सुकमा जिले के कोंटा, दोरनापाल, सुकमा और गादीरास में वन विभाग के जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही तेंदूपत्ता प्रबंधकों के घरों में छापे की कार्रवाई हुई. ACB और EOW की इस कार्रवाई को लेकर बताया जा रहा है कि वन विभाग में अधिकारियों, कर्मचारियों और तेंदुपत्ता प्रबंधकों ने तेंदूपत्ता बोनस के मामले में गड़बड़ी की है. इस वजह से ACB और EOW की टीम वन मंडल में तेंदुपत्ता बोनस से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने का काम कर रही है.

मनीष कुंजाम ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस: इस कार्रवाई को लेकर मनीष कुंजाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने इस कार्रवाई के जरिए छवि खराब करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मेरे घर मे छापे की असली वजह दबाव और द्वेष भावना है. मेरे द्वारा ही बोनस में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी. उसके बावजूद मेरे घर पर ही छापा मारा गया. टीम को छापे में कुछ भी नहीं मिला.

सरकार और एजेंसी के द्वारा मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई. असली गुनहगारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिला पंचायत और जनपद पंचायत में मुझ पर भाजपा के साथ मिलकर दबाव बनाया गया था. लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी.- मनीष कुंजाम, सीपीआई नेता
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने की निंदा: इस पूरी कार्रवाई की छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की टीम ने निंदा की है. आंदोलन ने इसे न केवल मनीष कुंजाम को बदनाम करने की कोशिश बताया है. बल्कि इसे प्राकृतिक संसाधनों की कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलनों को कुचलने की एक सुनियोजित साजिश के रूप में देखा है.
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने इस वर्ष की शुरुआत में सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस वितरण में 3.62 करोड़ के भ्रष्टाचार को ठोस सबूतों के साथ उजागर किया था. जिसके चलते सुकमा कलेक्टर को संबंधित वन मंडल अधिकारी को निलंबित करने के लिए बाध्य होना पड़ा था. लेकिन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय अब मनीष कुंजाम के निवास व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई है.- छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन
इस पूरी कार्रवाई का छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के लोग विरोध कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि छापेमारी में कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली. ACB और EOW की टीम पर छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की टीम ने मोबाइल फोन और डायरी जब्त करने का आरोप लगाया है.