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लालू यादव ने नीतीश कुमार को दिया बड़ा झटका, गया JDU जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा RJD में शामिल, औरंगाबाद से ठोकेंगे ताल!

लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग हो गयी है. इसके बाद टिकट के कुछ दावेदारों की सीट दूसरे घटक के पास चली गयी, तो उनके पाला बदलने का दौर शुरू हो गया है. इसी क्रम में जदयू के गया जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. कहा जा रहा है कि औरंगाबाद से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. पढ़ें, विस्तार से.

अभय कुशवाहा
अभय कुशवाहा.
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : March 20, 2024 at 10:41 PM IST

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गया: लोकसभा चुनाव के लिए टिकट पाने के लिए नेताओं के बीच घमासान मचा हुआ है. टिकट नहीं मिलने की उम्मीद में वे दूसरे दलों में संभावना तलाश रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी बताए जाने वाले गया के जदयू जिला अध्यक्ष अभय कुशवाहा ने पाला बदल लिया है. बुधवार 20 मार्च को वे राजद में शामिल हो गए. कहा जा रहा है कि राजद के टिकट पर औरंगाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारीः अभय कुशवाहा गया के टिकारी विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक भी रह चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी और विश्वासी नेताओं में से एक रहे हैं. अभय कुशवाहा ने राजद से औरंगाबाद लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिये हैं. यहा बता दें कि राजद की ओर से टिकट दिये जाने के बारे में आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गयी है. लेकिन, अभय कुशवाहा के समर्थकों में उत्साह है. वे लोग चुनाव लड़ने की तैयारी करने की बात कह रहे हैं.

सीट शेयरिंग के बाद चल रहे थे नाराजः बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग होने के बाद अभय कुशवाहा नाराज चल रहे थे. अभय कुशवाहा औरंगाबाद सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन यह सीट भाजपा के हिस्से में चली गई. ऐसी स्थिति में अभय कुशवाहा ने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया. अब वह राजद में शामिल हो गए हैं. उन्होंने जद यू से इस्तीफा दे दिया है. अभय कुशवाहा के हवाले से बताया गया कि राजद के टिकट पर औरंगाबाद का लोकसभा संसदीय क्षेत्र से 28 मार्च को नामांकन करेंगे.

2015 में बने थे विधायकः अभय कुशवाहा कई बार गया जिला जदयू के अध्यक्ष के पद पर रहे हैं. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 'हम' के अनिल कुमार को हराया था. 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बेलागंज विधानसभा से उम्मीदवार बनाया गया. लेकिन, राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव ने उन्हें शिकस्त दी थी. इस बार वे जदयू से औरंगाबाद लोकसभा का चुनाव लड़ने के प्रबल दावेदार थे, लेकिन यह सीट एनडीए की सीट शेयरिंग के बाद भाजपा के खाते में चली गई.